रामपुर: सामाजिक कार्यकर्ता फैसल लाला ने सीतापुर जेल में बंद सपा सांसद आजम खान को लेकर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को एक पत्र लिखकर शिकायत की है, जिसमें उन्होंने आजम खान को सीतापुर जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट जैसे फाइव स्टार होटल का खाना मिलने, मोबाइल की सहूलियत और जेल नियमों को ताक पर रखकर दिन रात लोगों से मुलाकात कराए जाने का आरोप लगाया है. फैसल लाला की शिकायत पर शिकायती पत्र की जांच पुलिस महानिदेशक और महा निरीक्षक कारागार प्रशासन उत्तर प्रदेश लखनऊ को सौंपी गई है.
अब उनके समक्ष फैसल लाला को पेश होकर बयान दर्ज कराने के लिए 20 अगस्त 2020 को दोपहर 12 बजे संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान परिसर लखनऊ स्थित नवीन कारागार मुख्यालय भवन तृतीय तल पर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है. फिलहाल फैसल लाला ने बयान दर्ज कराने जाने से पूर्व जाते समय रास्ते में अपने ऊपर हमले की आशंका जताई है, जिसके लिए उन्होंने आजम खान को टारगेट करते हुए सपा पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
आजम खान के राजनीतिक विरोधी और सोशल एक्टिविस्ट फैसल लाला ने सीतापुर जेल में आजम खान एंड फैमिली को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि जब आजम खान ने रामपुर जेल में सरेंडर किया था, उसके बाद उनको रामपुर की जेल में रखा गया था. उन्होंने कहा कि आजम को जब रामपुर की जेल में रखा गया, तो हमने तमाम न्यूज़ चैनल के ऊपर देखा की पुलिस वाले आजम खान को सैल्यूट कर रहे थे. जेल के गेट पर ऐसा लग रहा था, जैसे आजम खान जेल में बंदी के तौर पर नहीं, बल्कि एक मंत्री की हैसियत से जेल के अंदर दाखिल हो रहे हों. उसके बाद अगले ही दिन आजम खान को सीतापुर जेल के अंदर ट्रांसफर किया गया.
सीतापुर जेल में ट्रांसफर होने के साथ ही अखिलेश यादव का पूरा कुनबा और तमाम समाजवादी पार्टी के जितने कार्यकर्ता, एक्स मिनिस्टर और एमएलए हैं, सब लोग जेल पर उनसे मिलने पहुंच गए थे. सीतापुर के अंदर न्यूज़ चैनल पर वह सारी खबरें चली थी. फैसल लाला ने कहा कि यह सिर्फ एक दिन की बात नहीं है. लॉकडाउन नहीं हुआ था तब तक आजम खान की खुली मिलाई 100-200 लोगों से रोज कराई जा रही थी, जबकि जेल नियम यह कहता है कि एक व्यक्ति की उसके परिजनों से मुलाकात हफ्ते में तीन बार हो सकती है और एक दिन में 3 लोगों से अधिक नहीं मिलेंगे. ऐसी परिस्थिति में आजम खान को जेल के अंदर वीआईपी सुविधाएं दी जा रही हैं.
फैसल लाला ने आरोप लगाया कि आजम खान जब-जब अपनी तारीख पर रामपुर कोर्ट और मुरादाबाद कोर्ट आते हैं, तब मीडिया उनके साथ-साथ चलता है. मीडिया को कैसे सूचना होती है, यह जांच का विषय है. क्योंकि जेल से जब आजम खान को निकाला जाता है तब वह समय बहुत सुबह का होता है. इस मामले को लेकर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को, साथ ही गृह मंत्री भारत सरकार को एक पत्र लिखकर इस मामले की जांच के लिए आग्रह किया था. उस पत्र का संज्ञान हुआ है.
फैसल ने कहा कि पत्र में हमने यह भी कहा था कि मैं आजम खान का राजनीतिक विरोधी हूं. ऐसे में मुझे यह आशंका है कि आजम खान ऑपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को सुपारी देकर मेरी हत्या करा सकते हैं. अब 20 तारीख को मुझे आईजी कारागार लखनऊ ने बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है. अवश्य तौर पर मेरे पास पर्याप्त सबूत हैं, जो मैं जाकर वहां रखूंगा.