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शाहरुख का बेटा तुरंत हुआ गिरफ्तार तो फिर केंद्रीय मंत्री के बेटे में क्यों हुई देरः रजा मुराद

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Published : Oct 10, 2021, 8:50 PM IST

अपने गृह जनपद रामपुर पहुंचे हिंदी सिनेमा जगत के मशहूर फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने लखीमपुर खीरी में हुए किसानों पर प्राणघातक हमले पर टिप्पणी की. वहीं, मादक पदार्थों के मामले में आर्यन के जेल जाने पर अभिनेता शाहरुख खान को नसीहत दी.

फिल्म अभिनेता रजा मुराद.
फिल्म अभिनेता रजा मुराद.

रामपुरः हिंदी सिनेमा जगत के मशहूर फिल्म अभिनेता रजा मुराद इन दिनों अपने गृह रामपुर आए हुए हैं. पूर्व मंत्री अख्तर अली खान के आवास पर रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर अफसोस जाहिर किया. वहीं, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र की देरी से गिरफ्तारी को लेकर पुलिस को संविधान और कानून का पाठ पढ़ाया है. उन्होंने कहा कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया जबकि आशीष मिश्रा के केस में ऐसा नहीं हुआ, जबकि देश में एक ही कानून है.

फिल्म अभिनेता रजा मुराद.

रजा मुराद ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर कहा, डेमोक्रेसी में प्रजातंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का हक है, जिसे हम फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन कहते हैं. उन्होंने कोई आंदोलन किया है तो वह गैर कानूनी नहीं है, यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. सरकार किसानों की मांगे नहीं मान रही है, क्या उनकी मजबूरियां है. लेकिन मैं यह कहता हूं कि दुनिया में कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसका समाधान नहीं हो सकता. जब बर्लिन की दीवार गिर सकती है. ईस्ट जर्मनी और वेस्ट जर्मनी एक हो सकते हैं तो दुनिया की हर समस्या का हल निकल सकता है. रजा मुराद ने कहा कि अफसोस की बात यह है कि किसान आंदोलन बहुत लंबा खिंच गया है. अगर टेबल पर बैठकर इसका हल निकाला जा सकता है तो बहुत अच्छी बात है. अगर किसान स्ट्राइक कर रहे हैं और अनाज कम पैदा हो रहा है तो इससे मुल्क का नुकसान है.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा किसानों पर प्राणघातक हमले को लेकर पूछे गए सवाल पर रजा मुराद ने कहा, कानून से बुलंद तो कोई नहीं है. कोई भी अगर कानून अपने हाथ में लेता है तो वह गैर कानूनी है. अब उन पर कोई फिलहाल इल्जाम लगा है. इल्जाम लगने और साबित होने में बड़ा फर्क हो जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क में तरीका है कि मुलजिम पर चार्ज शीट बनती है, वह अदालत में पेश होती है. प्रॉसीक्यूशन का अपना पक्ष रखता है और डिफेंस का अपना. इसके बाद दलीले होती हैं फिर गवाह गवाही देते हैं और उसी के आधार पर जज अपना फैसला सुनाते हैं. रजा मुराद ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का कोई हक नहीं है. किसी को भी किसी की भी जान लेने का कोई हक नहीं है.

इसे भी पढ़ें-आर्यन खान ड्रग्स मामला: रजा मुराद का तंज, बच्चों के कर्मों के पीछे उनकी परवरिश का असर


रजा मुराद ने मशहूर फिल्म एक्टर शाहरुख खान के बेटे और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी के बेटे पर पुलिसिया कार्रवाई के अलग-अलग पैमानों को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि पैमाना तो एक ही होना चाहिए, क्योंकि देश में एक ही कानून है. किसके बेटे हैं किसके भाई हैं, कानून की नजर में इसकी कोई औकात नहीं होती. जैसे शाहरुख खान का बेटे को गिरफ्तार किया गया है उसका भी जो केस है वह अदालत में पहुंचने वाला है. एक बात जरूर है जो बड़े घर के बच्चे होते हैं बहुत लाड प्यार से उन्हें पाला जाता है. लेकिन कभी ऐसे वैसे झमेले में आ जाते हैं तो घर वालों को भी तकलीफ होती है.मैं यह कहूंगा कि कुछ जिम्मेदारियां मां-बाप की भी हैं कि बच्चों को अच्छे संस्कार दें.

रामपुरः हिंदी सिनेमा जगत के मशहूर फिल्म अभिनेता रजा मुराद इन दिनों अपने गृह रामपुर आए हुए हैं. पूर्व मंत्री अख्तर अली खान के आवास पर रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर अफसोस जाहिर किया. वहीं, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र की देरी से गिरफ्तारी को लेकर पुलिस को संविधान और कानून का पाठ पढ़ाया है. उन्होंने कहा कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया जबकि आशीष मिश्रा के केस में ऐसा नहीं हुआ, जबकि देश में एक ही कानून है.

फिल्म अभिनेता रजा मुराद.

रजा मुराद ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर कहा, डेमोक्रेसी में प्रजातंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का हक है, जिसे हम फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन कहते हैं. उन्होंने कोई आंदोलन किया है तो वह गैर कानूनी नहीं है, यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. सरकार किसानों की मांगे नहीं मान रही है, क्या उनकी मजबूरियां है. लेकिन मैं यह कहता हूं कि दुनिया में कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसका समाधान नहीं हो सकता. जब बर्लिन की दीवार गिर सकती है. ईस्ट जर्मनी और वेस्ट जर्मनी एक हो सकते हैं तो दुनिया की हर समस्या का हल निकल सकता है. रजा मुराद ने कहा कि अफसोस की बात यह है कि किसान आंदोलन बहुत लंबा खिंच गया है. अगर टेबल पर बैठकर इसका हल निकाला जा सकता है तो बहुत अच्छी बात है. अगर किसान स्ट्राइक कर रहे हैं और अनाज कम पैदा हो रहा है तो इससे मुल्क का नुकसान है.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा किसानों पर प्राणघातक हमले को लेकर पूछे गए सवाल पर रजा मुराद ने कहा, कानून से बुलंद तो कोई नहीं है. कोई भी अगर कानून अपने हाथ में लेता है तो वह गैर कानूनी है. अब उन पर कोई फिलहाल इल्जाम लगा है. इल्जाम लगने और साबित होने में बड़ा फर्क हो जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क में तरीका है कि मुलजिम पर चार्ज शीट बनती है, वह अदालत में पेश होती है. प्रॉसीक्यूशन का अपना पक्ष रखता है और डिफेंस का अपना. इसके बाद दलीले होती हैं फिर गवाह गवाही देते हैं और उसी के आधार पर जज अपना फैसला सुनाते हैं. रजा मुराद ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का कोई हक नहीं है. किसी को भी किसी की भी जान लेने का कोई हक नहीं है.

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रजा मुराद ने मशहूर फिल्म एक्टर शाहरुख खान के बेटे और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी के बेटे पर पुलिसिया कार्रवाई के अलग-अलग पैमानों को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि पैमाना तो एक ही होना चाहिए, क्योंकि देश में एक ही कानून है. किसके बेटे हैं किसके भाई हैं, कानून की नजर में इसकी कोई औकात नहीं होती. जैसे शाहरुख खान का बेटे को गिरफ्तार किया गया है उसका भी जो केस है वह अदालत में पहुंचने वाला है. एक बात जरूर है जो बड़े घर के बच्चे होते हैं बहुत लाड प्यार से उन्हें पाला जाता है. लेकिन कभी ऐसे वैसे झमेले में आ जाते हैं तो घर वालों को भी तकलीफ होती है.मैं यह कहूंगा कि कुछ जिम्मेदारियां मां-बाप की भी हैं कि बच्चों को अच्छे संस्कार दें.

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