रामपुर: यूं तो वक्त से लड़ना आसान नहीं होता और जिसने वक्त से लड़ना सीखा वह अपनी काबिलियत के बल पर आसमान के तारे तोड़ने का हुनर सीख लेता है. ऐसे ही हुनर की एक मिसाल जिले की एक छात्रा ने पेश की है, जिससे क्षेत्र के लोगों ने इस छात्रा की बहुत प्रशंसा की है. इस छात्रा के हौसले ने ऐसे लोगों को भी चुनौती दे दी जो बच्चों को शिक्षित रखने में पीछे है.
यह छात्रा ई-रिक्शा से आती है स्कूल-
- यह मामला जिले के कोतवाली टांडा क्षेत्र के सनराइज इंटर कॉलेज का है.
- मंतशा परवीन जो कि ग्राम पंचायत सेंटा खेड़ा की निवासी है वह 10वीं क्लास की छात्रा है.
- मंतशा ने अपने पिता से रोज 4 किलोमीटर दूर स्कूल जाने और वहां से रोज पैदल लौटकर आने की बात कही.
- इस बात पर पिता ने बेटी के लिए एक ई-रिक्शा लाकर उसे दे दिया.
- अब छात्रा खुद तो स्कूल रिक्शे से आती ही है साथ ही अपने क्लास की सहेलियों को भी ई-रिक्शे से अपने साथ लेकर स्कूल पहुंचती है.
छात्रा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि
- वह अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई करना चाहती है.
- एक अच्छी डॉक्टर बनकर अपने देश का नाम रोशन करना चाहती है.
- छात्राओं ने बताया कि यह सब करने की हिम्मत उसके पिता द्वारा उसे दी जाती है.
- साथ ही पिता बेटी को रास्ते में जाते समय कोई मनचला छेड़े तो चुप न रहना की सलह देते है.
दसवीं की छात्रा है. हमारे स्कूल की और बहुत ही होनहार छात्रा है. ग्राम सेंटा खेड़ा की लड़की है और खुद रिक्शा चला कर आती है और अपने साथ अपने आसपास की और लड़कियों को भी बैठाकर लाती है. इससे हमें बहुत खुशी मिलती है और जो बच्चे हैं उनको इससे प्रोत्साहन मिलता है. शिक्षा के लिए भी और समाज की और लड़कियों के लिए भी एक बहुत अच्छा कदम है.
-मुहम्मद लुकमान, अध्यक्ष