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रामपुर की 10वीं की छात्रा ई-रिक्शा चलाकर जाती है स्कूल

उत्तर प्रदेश के रामपुर की एक 10वीं की छात्रा ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिससे लोगों को बहुत प्रेरणा मिली है. यह 10वीं क्लास की छात्रा ई-रिक्शे चलाकर अपने अपने सहेलियों को भी स्कूल साथ लेकर जाती है.

यह 10वीं की छात्रा ई-रिक्शे से जाती है स्कूल.
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Published : Oct 5, 2019, 10:26 PM IST

रामपुर: यूं तो वक्त से लड़ना आसान नहीं होता और जिसने वक्त से लड़ना सीखा वह अपनी काबिलियत के बल पर आसमान के तारे तोड़ने का हुनर सीख लेता है. ऐसे ही हुनर की एक मिसाल जिले की एक छात्रा ने पेश की है, जिससे क्षेत्र के लोगों ने इस छात्रा की बहुत प्रशंसा की है. इस छात्रा के हौसले ने ऐसे लोगों को भी चुनौती दे दी जो बच्चों को शिक्षित रखने में पीछे है.

यह 10वीं की छात्रा ई-रिक्शे से जाती है स्कूल.

यह छात्रा ई-रिक्शा से आती है स्कूल-

  • यह मामला जिले के कोतवाली टांडा क्षेत्र के सनराइज इंटर कॉलेज का है.
  • मंतशा परवीन जो कि ग्राम पंचायत सेंटा खेड़ा की निवासी है वह 10वीं क्लास की छात्रा है.
  • मंतशा ने अपने पिता से रोज 4 किलोमीटर दूर स्कूल जाने और वहां से रोज पैदल लौटकर आने की बात कही.
  • इस बात पर पिता ने बेटी के लिए एक ई-रिक्शा लाकर उसे दे दिया.
  • अब छात्रा खुद तो स्कूल रिक्शे से आती ही है साथ ही अपने क्लास की सहेलियों को भी ई-रिक्शे से अपने साथ लेकर स्कूल पहुंचती है.


छात्रा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि

  • वह अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई करना चाहती है.
  • एक अच्छी डॉक्टर बनकर अपने देश का नाम रोशन करना चाहती है.
  • छात्राओं ने बताया कि यह सब करने की हिम्मत उसके पिता द्वारा उसे दी जाती है.
  • साथ ही पिता बेटी को रास्ते में जाते समय कोई मनचला छेड़े तो चुप न रहना की सलह देते है.

दसवीं की छात्रा है. हमारे स्कूल की और बहुत ही होनहार छात्रा है. ग्राम सेंटा खेड़ा की लड़की है और खुद रिक्शा चला कर आती है और अपने साथ अपने आसपास की और लड़कियों को भी बैठाकर लाती है. इससे हमें बहुत खुशी मिलती है और जो बच्चे हैं उनको इससे प्रोत्साहन मिलता है. शिक्षा के लिए भी और समाज की और लड़कियों के लिए भी एक बहुत अच्छा कदम है.
-मुहम्मद लुकमान, अध्यक्ष

रामपुर: यूं तो वक्त से लड़ना आसान नहीं होता और जिसने वक्त से लड़ना सीखा वह अपनी काबिलियत के बल पर आसमान के तारे तोड़ने का हुनर सीख लेता है. ऐसे ही हुनर की एक मिसाल जिले की एक छात्रा ने पेश की है, जिससे क्षेत्र के लोगों ने इस छात्रा की बहुत प्रशंसा की है. इस छात्रा के हौसले ने ऐसे लोगों को भी चुनौती दे दी जो बच्चों को शिक्षित रखने में पीछे है.

यह 10वीं की छात्रा ई-रिक्शे से जाती है स्कूल.

यह छात्रा ई-रिक्शा से आती है स्कूल-

  • यह मामला जिले के कोतवाली टांडा क्षेत्र के सनराइज इंटर कॉलेज का है.
  • मंतशा परवीन जो कि ग्राम पंचायत सेंटा खेड़ा की निवासी है वह 10वीं क्लास की छात्रा है.
  • मंतशा ने अपने पिता से रोज 4 किलोमीटर दूर स्कूल जाने और वहां से रोज पैदल लौटकर आने की बात कही.
  • इस बात पर पिता ने बेटी के लिए एक ई-रिक्शा लाकर उसे दे दिया.
  • अब छात्रा खुद तो स्कूल रिक्शे से आती ही है साथ ही अपने क्लास की सहेलियों को भी ई-रिक्शे से अपने साथ लेकर स्कूल पहुंचती है.


छात्रा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि

  • वह अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई करना चाहती है.
  • एक अच्छी डॉक्टर बनकर अपने देश का नाम रोशन करना चाहती है.
  • छात्राओं ने बताया कि यह सब करने की हिम्मत उसके पिता द्वारा उसे दी जाती है.
  • साथ ही पिता बेटी को रास्ते में जाते समय कोई मनचला छेड़े तो चुप न रहना की सलह देते है.

दसवीं की छात्रा है. हमारे स्कूल की और बहुत ही होनहार छात्रा है. ग्राम सेंटा खेड़ा की लड़की है और खुद रिक्शा चला कर आती है और अपने साथ अपने आसपास की और लड़कियों को भी बैठाकर लाती है. इससे हमें बहुत खुशी मिलती है और जो बच्चे हैं उनको इससे प्रोत्साहन मिलता है. शिक्षा के लिए भी और समाज की और लड़कियों के लिए भी एक बहुत अच्छा कदम है.
-मुहम्मद लुकमान, अध्यक्ष

Intro:स्पेशल पैकेज स्टोरी
Rampur up
स्लग : पढ़ाई के लिए खुद रिक्शा चलाकर छात्रा आती है स्कूल

एंकर : कहते हैं वक्त से लड़ना आसान नहीं होता और जिसने वक्त से लड़ना सीखा वह अपनी काबिलियत के बल पर आसमान के तारे तोड़ने का हुनर सीख लेता है। और उसी हुनर को सच करने के लिए रामपुर जिले की एक छात्रा ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे क्षेत्र के लोगों ने इस छात्रा की भूरी भूरी प्रशंसा की और इस छात्रा के हौसले ने ऐसे लोगों को भी चुनौती दे दी जो बच्चों को शिक्षित रखने में पीछे नहीं है। और ऐसे लोगों को भी इस छात्रा से सबक सीख लेना चाहिए।

Body:वीओ 1:- ताजा मामला रामपुर जिले की कोतवाली टांडा क्षेत्र के सनराइज इंटर कॉलेज का है जहां क्षेत्र के ग्राम पंचायत सेंटा खेड़ा की निवासी एक 10th क्लास की छात्रा मंतशा परवीन ने अपने पिता से रोज 4 किलोमीटर दूर स्कूल जाने और वहां से रोज पैदल लौट कर आने की बात कही बेटी ने पिता को यह बात क्या बताई पिता ने उसकी दबी जुबान से बेटी के मुंह से निकली बात को मन ही मन समझ लिया। और बेटी के लिए एक ई-रिक्शा लाकर उसे दे दिया। जिससे छात्रा मंतशा परवीन खुद तो स्कूल रिक्शे से आती ही है साथ ही अपने क्लास की सहेलियों को भी ई-रिक्शे से अपने साथ लेकर स्कूल पहुंचती है।

छात्रा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई करना चाहती है। और एक अच्छी डॉक्टर बंद कर अपने देश का नाम रोशन करना चाहती है छात्राओं ने बताया कि यह सब करने की हिम्मत उसके पिता द्वारा उसे दी जाती है साथ ही पिता बेटी को यह भी बताते हैं कि रास्ते में जाते समय कोई भी मनचला तुम्हें छेड़ने का प्रयास करें तो चुप ना रहना और हाथों हाथ ही उस मनचले को सबक सिखा कर उसकी गलती का एहसास करा देना छात्रा की इस कोशिश से क्षेत्र में भूरी भूरी प्रशंसा का माहौल देखने को मिला जिससे क्षेत्र में पढ़ने वाली अन्य छात्राओं को भी इस बहादुर छात्रा से कुछ ना कुछ सीखने को जरूर मिल रहा है।Conclusion:वही स्कूल के अध्यक्ष मोहम्मद लुकमान से हमने इस छात्रा के बारे में बात की तो उनका बताया दसवीं की छात्रा है हमारे स्कूल की और बहुत ही होनहार छात्रा है ग्राम सेंटा खेड़ा की लड़की है और खुद रिक्शा चला कर आती है और अपने साथ अपने आसपास की और लड़कियों को भी बैठा कर लाती है इससे हमें बहुत खुशी मिलती है और जो बच्चे हैं उनको इससे प्रोत्साहन मिलता है शिक्षा के लिए भी और समाज की और लड़कियों के लिए भी एक बहुत अच्छा कदम है

बाइट मुहम्मद लुक़मान अध्यक्ष
बाइट छात्रा मन्तशा परवीन
विसुअल रिक्शा चलाकर जाती छात्रा मन्तशा

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