रामपुर: रमजान का पाक महीना शनिवार से शुरू हो गया है. रमजान में मुसलमान दिन भर रोजा रखते हैं और रात में मस्जिदों में एक विशेष तरह की नमाज तरावीह की नमाज पढ़कर कुरान सुनी जाती है. कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बीच रमजान के पहले दिन मुसलमानों ने तरावीह की नमाज घरों पर ही अदा की. इस मौके पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जनता से भी घरों में ही नमाज पढ़ने की अपील की है.
जिले की टांडा तहसील के शहर के काजी मौलाना जमील अहमद ने अपने घर में ही नमाज अदा करके लोगों के लिए एक मिसाल कायम की है. उनका कहना है कि लोग अपने घरों पर ही तरावीह की नमाज सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखते हुए पढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि रोजा रखना और नमाज पढ़ना अल्लाह की इबादत है, जिसे अल्लाह के कहने के मुताबिक हम अदा करेंगे तो वह इबादत होगी.
शरीयत कहती है कि जमात से नमाज पढ़ो तो जमात से पढ़ना अफजल है, लेकिन हालात इस वक्त ऐसे हैं कि यह नुकसानदेय बात है. लोगों को सामाजिक फासला बरकरार रखना जरूरी है, यह सेहत से मुत्तलिक तदाबीर इख्तियार करना बहुत जरुरी है. इस कारण घरों पर नमाज अदा करना ही हमारे लिए अफजल होगा.
उन्होंने कहा कि हमे ऐसा कोई काम नहीं करना है, जिससे भीड़ इकट्ठा हो और मुनासिब फासले को बरकरार न रखा जा सके. हमें जिला इंतिजामिया का सहयोग करना चाहिए. इंतिजामिया जो कर रही है वो हमारे ही फायदे के लिए के लिए कर रही हैं. इस वजह से लोगों से अपील करुंगा के वे लॉकडाउन का पूरे तरीके से पालन करें और अल्लाह रबुल से रहमत की दुआ करें.