रामपुर: मंजिल का सफर कहीं मौत का सफर न बन जाए. उसके बावजूद लोग अपनी मंजिल के सफर को मौत का सफर बनाने में संकोच नहीं कर रहे हैं. रामपुर में लालपुर पुल के नहीं बनने से लोग अपनी जान हथेली पर रखकर नदी पार कर रहे हैं. अगर कहीं पानी का बहाव बहुत तेज हो गया या बीच नदी में कहीं गहरा गड्ढा हुआ, तो समझ लिजीए की यह सफर उनका आखिरी सफर भी हो सकता है.
लालपुर पुल को आजम खान ने लगभग 6 साल पहले तुड़वाया था. इस पुल के निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की वजह से दुश्वारियां का सामना करना पड़ रहा है. लालपुर के पुल के बराबर एक लकड़ी का पुल बना दिया जाता है. लेकिन बरसात में उसको भी हटा दिया जाता है. इस पुल के नहीं होने की वजह से लोगों को रामपुर से टांडा का जो कि 22 किलोमीटर का सफर है, उसको पूरा करने में लगभग 50 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इस पुल के नहीं होने से काफी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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1 साल में आजम खान ने लगभग 70% पुल का निर्माण करा दिए थे, लेकिन 30% पुल का निर्माण योगी सरकार 5 साल के कार्यकाल में पूरा नहीं करा पाई और अब भाजपा की दूसरी पारी को भी 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन इस पुल का निर्माण कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है. लगभग एक लाख से ज्यादा लोगों की आबादी इस पुल पर टिकी हुई है.
जिस तरह से मोदी और योगी डिजिटल भारत की बात कर रहे हैं. उस भारत में एक यह भी नजारा है. जिस तरह से लोग आज भी नदी जान हथेली पर रखकर पार करने को मजबूर है. जहां एक ओर सरकार बड़े-बड़े विकास के दावें कर रही है वहीं, यहां पर आकर सरकार के दावें फेल होती नजर आ रही है.
लालपुर का पुल ज्यादा लम्बा नहीं है. महज आधा किलोमीटर का यह पुल सियासत की भेंट चढ़ गया. नवाबों के बनाए हुए पुल को आजम खान ने राजनीतिक द्वेष के भावना से तोड़कर नए पुल का निर्माण कराया. लेकिन वह पुल अभी तक नहीं बन सका. जो लोग इस नदी से जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं. उनमें से कुछ लोगों से बातचीत की गयी.
इस पुल को पर करने वाला किशनपाल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में चौमासे में लोगों को बहुत परेशानी होती है. उसने बताया कि मजबूरी में इस पुल से नदी पार करना पड़ता है. यह पुल सरकार के अनदेखी का शिकार हो गया है. वहीं, फुरकान ने बताया कि इस पुल के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. फसाहत ने बताया कि पुल तो बना हुआ था, लेकिन टूट गया. अब लोगों को परेशानी हो रही है. उसने बताया कि नदी पार करके जाना पड़ रहा है. मेरे दो भाई मेडिकल चलाते हैं. चौमासे में उन्हें बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. उसने बताया कि मात्र 10 मिनट के रास्ते को पूरा करने में 2 घंटे लग जाते हैं.
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