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करंट से झुलसे शख्स को मुआवजा न देने पर बिजली विभाग का दफ्तर कुर्क

रामपुर कोर्ट के आदेश पर बिजली विभाग के कार्यालय को कुर्क कर दिया गया. आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग द्वारा पीड़ित को मुआवजा नहीं दिया गया.

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बिजली विभाग के कार्यालय को कुर्क
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Published : Sep 14, 2022, 7:29 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 7:57 PM IST

रामपुर: जनपद के इतिहास में पहली बार कोर्ट के आदेश पर बुधवार को बिजली विभाग कार्यालय (Electricity Department Office) को कुर्क कर सील कर दिया गया. आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग द्वारा पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा नहीं दिया गया. इसके चलते कोर्ट ने विद्युत वितरण खंड प्रथम के कार्यालय को कुर्क कर सील करने की कार्रवाई के आदेश दिए. बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता भीष्म कुमार के मुताबिक सुबह 3,99,000 का डीडी जमा कर दिया है. 2:00 बजे तक का वक्त जज ने दिया था लेकिन इसके बावजूद भी हमारा कार्यालय सील किया गया, जिसकी जानकारी नहीं थी.

मामला सन् 1998 का है, 1998 में बरेली के निवासी बशीर अहमद रामपुर एक शादी समारोह में आए थे. लोहा गांव के पास एक 11000 केवी का तार टूटा हुआ था, जिसमें वह उलझकर घायल हो गए. इसके चलते बशीर अहमद का एक पैर काटना पड़ा और दूसरा पैर टूट गया और साथ ही साथ शोल्डर भी टूट गया था. बशीर अहमद के इलाज में उसका सब कुछ बिक गया. घर मकान दुकान पैसा सब खत्म हो गया लेकिन बिजली विभाग ने उसकी एक न सुनी और थक-हारकर बशीर अहमद ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने बिजली विभाग को मुआवजा देने को कहा लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा नहीं दिया गया और फिर कोर्ट के आदेश पर विद्युत वितरण खंड प्रथम के कार्यालय को कुर्क कर सील कर दिया गया है.

जानकारी देते हुए अधिशासी अभियंता भीष्म कुमार

यह भी पढ़ें-सपा नेता आजम खान को दिल का दौरा पड़ा, सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती

इस मामले में न्यायालय अमीन अमित कुमार ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की ओर से एक आदेश मिला था, जो 1 अगस्त 2022 को जारी हुआ था कि विद्युत वितरण खंड प्रथम के कार्यालय को कुर्क कर सील किया जाए, जो कार्रवाई की गई है. अमित कुमार ने बताया कि विद्युत वितरण खंड प्रथम 425000 का मुआवजा पीड़िता को देना था, जो कि नहीं दिया गया. इसी के चलते ये कार्रवाई की गई है.

यह भी पढ़ें- मेरठ में बाल रोग विशेषज्ञ पर 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म का आरोप, FIR दर्ज

वहीं, विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता भीष्म कुमार ने बताया कि मई 1998 में बशीर अहमद का एक्सीडेंट हुआ था. इस संबंध में उसने मुकदमा डाला था और 2014 में मुआवजा देना था. डेढ़ लाख का मुआवजा उसी वक्त उसे दे दिया था. डेढ़ लाख रुपए रह गए थे, जो किसी कारणवश नहीं दे पाए थे. इसी संबंध में कोर्ट ने हमारे डिवीजन के खिलाफ कुर्की का आदेश कर दिया. अधिशासी अभियंता ने कहा हमने कोर्ट में 399000 का डीडी जमा कर दिया और 11 हजार नगद जमा किए है. उसके बावजूद भी इन लोगों ने व्यक्तिगत खुन्नस के तौर पर ये कार्रवाई की है. हम अपनी ओर से इस मामले पर आगे की कार्रवाई करेंगे.

पीड़ित व्यक्ति बशीर अहमद ने बताया 24 साल पहले की घटना है. 1998 में 11000 की बिजली की चपेट में आ गया था. उसमें मेरे दोनों पैर झुलस गए थे. उस घटना के चलते एक पैर काटना पड़ा और शोल्डर में भी चोट लगी थी, जिसपर आज तक पट्टी हो रही है. इस मामले में बिजली विभाग से दो-तीन बार मुकदमा जीत चुका हूं. लेकिन मुझे मुआवजा नहीं दे रहा है. अब कोर्ट ने कुर्क कर सील करने का आदेश दिए हैं.


रामपुर: जनपद के इतिहास में पहली बार कोर्ट के आदेश पर बुधवार को बिजली विभाग कार्यालय (Electricity Department Office) को कुर्क कर सील कर दिया गया. आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग द्वारा पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा नहीं दिया गया. इसके चलते कोर्ट ने विद्युत वितरण खंड प्रथम के कार्यालय को कुर्क कर सील करने की कार्रवाई के आदेश दिए. बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता भीष्म कुमार के मुताबिक सुबह 3,99,000 का डीडी जमा कर दिया है. 2:00 बजे तक का वक्त जज ने दिया था लेकिन इसके बावजूद भी हमारा कार्यालय सील किया गया, जिसकी जानकारी नहीं थी.

मामला सन् 1998 का है, 1998 में बरेली के निवासी बशीर अहमद रामपुर एक शादी समारोह में आए थे. लोहा गांव के पास एक 11000 केवी का तार टूटा हुआ था, जिसमें वह उलझकर घायल हो गए. इसके चलते बशीर अहमद का एक पैर काटना पड़ा और दूसरा पैर टूट गया और साथ ही साथ शोल्डर भी टूट गया था. बशीर अहमद के इलाज में उसका सब कुछ बिक गया. घर मकान दुकान पैसा सब खत्म हो गया लेकिन बिजली विभाग ने उसकी एक न सुनी और थक-हारकर बशीर अहमद ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने बिजली विभाग को मुआवजा देने को कहा लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा नहीं दिया गया और फिर कोर्ट के आदेश पर विद्युत वितरण खंड प्रथम के कार्यालय को कुर्क कर सील कर दिया गया है.

जानकारी देते हुए अधिशासी अभियंता भीष्म कुमार

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इस मामले में न्यायालय अमीन अमित कुमार ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की ओर से एक आदेश मिला था, जो 1 अगस्त 2022 को जारी हुआ था कि विद्युत वितरण खंड प्रथम के कार्यालय को कुर्क कर सील किया जाए, जो कार्रवाई की गई है. अमित कुमार ने बताया कि विद्युत वितरण खंड प्रथम 425000 का मुआवजा पीड़िता को देना था, जो कि नहीं दिया गया. इसी के चलते ये कार्रवाई की गई है.

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वहीं, विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता भीष्म कुमार ने बताया कि मई 1998 में बशीर अहमद का एक्सीडेंट हुआ था. इस संबंध में उसने मुकदमा डाला था और 2014 में मुआवजा देना था. डेढ़ लाख का मुआवजा उसी वक्त उसे दे दिया था. डेढ़ लाख रुपए रह गए थे, जो किसी कारणवश नहीं दे पाए थे. इसी संबंध में कोर्ट ने हमारे डिवीजन के खिलाफ कुर्की का आदेश कर दिया. अधिशासी अभियंता ने कहा हमने कोर्ट में 399000 का डीडी जमा कर दिया और 11 हजार नगद जमा किए है. उसके बावजूद भी इन लोगों ने व्यक्तिगत खुन्नस के तौर पर ये कार्रवाई की है. हम अपनी ओर से इस मामले पर आगे की कार्रवाई करेंगे.

पीड़ित व्यक्ति बशीर अहमद ने बताया 24 साल पहले की घटना है. 1998 में 11000 की बिजली की चपेट में आ गया था. उसमें मेरे दोनों पैर झुलस गए थे. उस घटना के चलते एक पैर काटना पड़ा और शोल्डर में भी चोट लगी थी, जिसपर आज तक पट्टी हो रही है. इस मामले में बिजली विभाग से दो-तीन बार मुकदमा जीत चुका हूं. लेकिन मुझे मुआवजा नहीं दे रहा है. अब कोर्ट ने कुर्क कर सील करने का आदेश दिए हैं.


Last Updated : Sep 14, 2022, 7:57 PM IST
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