रामपुरः पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी दो दिवसीय दौरे पर अपने पैतृक जिले में बुधवार को पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. इसके साथ ही मणिपुर, नूह हिंसा और ज्ञानवापी सर्वे को लेकर प्रक्रिया दी. अखिलेश यादव द्वारा पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी से बचने के बयान पर नकवी ने उन्हें गुरु घंटाल तक कह डाला. नकवी ने कहा, धार्मिक भावनाएं किसी को नहीं भड़कानी चाहिए. जो लोग अब तक भड़काने के गुरु घंटाल रहे हैं, वह लोग कह रहे हैं तो अच्छी बात है'.
हरियाणा के नूहं में हुई घटना पर नकवी ने कहा कि 'कुछ षड्यंत्रकारी ताकतें हैं जो देश के विकास समृद्धि के मार्ग माहौल को तार-तार करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें मिलकर उनके षड्यंत्र साजिशों को ध्वस्त करना चाहिए. क्योंकि ऐसे लोग न मुल्क के मित्र हैं, न मानवता के मित्र हैं. ये किसी मजहब के मित्र नहीं हैं बल्कि देश के दुश्मन हैं. नकवी ने आगे कहा कि 'मणिपुर हो या कहीं भी देश के हिस्से में हो वहां के जो सौहार्द का ताना-बाना है, सुरक्षा का ताना-बाना है. अगर कोई भी ताकत नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है या करती है तो वह मानवता के मुल्क के दुश्मन है. इस दिशा में सरकार और एजेंसीज मजबूती के साथ काम कर रही हैं.
NDA वर्सेस I.N.D.I.A. के सवाल पर नकवी ने कहा 'पहले एक यूपीए था और अब यह यूपीए अब एनपीए हो गया है, यनी नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट. यूपीए जब एनपीए हो गया तो इसके बाद उन्होंने उसका नाम बदलकर जैसे "काम वही और नाम नया" तो इसलिए जो इस तरह के छल बाजी है. निश्चित रूप से उनका कोई भला करने वाला नहीं है.पीएम नरेंद्र मोदी के काम की गिनती ने इस कुनबे के गणित को बिगाड़ दिया है. जब कुनबे का गणित बिगड़ जाता है तो इसी तरह की कोशिशें होती है. जब यूपीए दिवालिया हो गया तो उसके बाद नाम बदल कर इंडिया रखा, वह भी टुकड़े-टुकड़े करके रखा.इस बार देश में "इंडिया टुकड़े-टुकड़े इंडिया वर्सेस अखंड भारत" के तहत चुनाव होगा.
ज्ञानवापी विवाद पर नकवी ने कहा, 'जो योगी आदित्यनाथ ने कहा है, बिल्कुल सही है. एक चीज सब को समझना चाहिए. हमारे जो आस्था के केंद्र हैं. मंदिर-मठ है जो लूटे और तोड़े गए. उसका गुनाहगार हिंदुस्तान में रहने वाला मुसलमान नहीं है बल्कि विदेशी आक्रमणकारी है. जो देश में आए और उनकी क्रिमिनल क्रूर करतूत रही है, उसको करेक्ट करने का वक्त है.
सीएम योगी के बयान पर कहा कि 'हमें कहने की जरूरत नहीं है. मैं तो बहुत पहले लगभग 30-35 साल पहले वहां गया था. जब मैं उसके पीछे के हिस्से से गुजरा था तो मुझे बहुत आक्रोश गुस्सा आया था. मुझे दिखा था कि कमाल है. पीछे पूरी मूर्तियां है. जो चीजें वहां मंदिर में होना चाहिए वह है. लेकिन उसको कहा जा रहा था कि मस्जिद है. उस समय पर बेमानी हुई थी.