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रामपुर: उद्योग नगरी के बेरोजगारों का शहर बनने की दास्तां - रामपुर के बंद पड़े उद्योग धंधे

उत्तर प्रदेश के रामपुर में रियासत कालीन दौर में बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां थीं, जिनमें हजारों लोग काम करते थे, लेकिन धीरे-धीरे ये फैक्ट्रियां बंद हो गईं और सरकार के किसी भी मंत्री ने चालू कराने की पहल नहीं की. देखिए ये रिपोर्ट

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रामपुर के बंद पड़े उद्योग धंधे.
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Published : Feb 29, 2020, 9:15 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 3:02 PM IST

रामपुर: कभी कानपुर के बाद रामपुर का नाम उद्योगों के मामले में दूसरे नंबर पर आता था. रामपुर प्रदेश के तमाम हिस्सों से आने वाले लोगों को रोजगार देता था. वह रियासतों का दौर था, उस समय यहां काफी बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां नवाबों ने स्थापित की थीं और इन कंपनियों से रामपुर में हजारों परिवारों की रोजी-रोटी चलती थी. मौजूदा हालात में ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं और कुछ ही उद्योग हैं, जिनसे रामपुर के लोगों को रोजगार मिलता है. बंद पड़ी फैक्ट्रियों को अभी तक किसी सरकार ने दोबारा चालू कराने की कोशिश नहीं की. इस वजह से यहां के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों और सऊदी अरब, दुबई जैसे देशों में जाकर नौकरी कर रहे हैं.

धीरे-धीरे बंद होने लगीं फैक्ट्रियां

जब नवाबों की हुकूमत थी उस समय रामपुर काफी धनी जनपद था. यहां के लोगों के पास कारोबार की कमी नहीं थी और लोग किसी न किसी काम में लगे रहते थे, लेकिन जैसे ही नवाबों का दौर खत्म हुआ, फैक्ट्रियों के अच्छे दिन भी चले गए. धीरे-धीरे सारी बड़ी फैक्ट्रियां बंद होनी शुरू हो गईं.

रामपुर के बंद पड़े उद्योग धंधे.

बंद पड़ी कंपनियां

  • रामपुर में रजा टेक्सटाइल मिल थी, जिसमें लट्ठा बनता था और मिलिट्री के लिए मच्छरदानी भी सप्लाई की जाती थी. इस टेक्सटाइल मिल में लगभग 4500 कर्मचारी काम किया करते थे. यह मिल कई साल पहले बंद हो चुकी है.
  • रजा और बुलंद शुगर मिल थी, जिसका शक्कर का दाना सभी लोग पसंद करते थे. इस शुगर मिल में भी लगभग 3000 कर्मचारी काम किया करते थे. इस शुगर मिल में तीन शिफ्टों में काम होता था. 24 घंटे यह मिल चालू रहती थी, जो कि अब बंद हो चुकी है.
  • विप्रो फैक्ट्री में विक्स और कई तरह के मेंथा से जुड़े उत्पाद बनते थे. दरअसल रामपुर में किसान मेंथा की फसल खूब लगाते थे, इस वजह से यहां पर ये फैक्ट्री स्थापित थी, वो भी बंद हो गयी.
  • एसीसी सीमेंट की भी यहां पर काफी बड़ी फैक्ट्री थी, जिसमें काफी कर्मचारी काम करते थे. विमको माचिस की भी फैक्ट्री यहां पर थी, जिसमें माचिस बना करती थी.
  • इसके अलावा यहां पर ड्राई फ्रूट की भी फैक्टरी थी. यहां पर ड्राई फ्रूट की पैकिंग भी होती थी और ये बाहर एक्सपोर्ट किए जाते थे. हीरो साइकिल की भी फैक्टरी यहां पर थी.
  • इसके अलावा यहां पर मोदी जेरॉक्स की फैक्ट्री थी, जिसमें जेरॉक्स मशीनें बनती थीं. इसमें रामपुर के काफी कर्मचारी काम किया करते थे. वह फैक्ट्री भी बंद हो गई.
  • इसके अलावा रामपुर की सबसे बड़ी पहचान रामपुरी चाकू के काम में भी रामपुर के काफी लोग जुड़े हुए थे, जो चाकू बनाकर देश और विदेश में रामपुर का नाम रोशन करते थे. अब मौजूदा हालात में चाकू का काम नाम मात्र ही रह गया है.

रामपुर: कभी कानपुर के बाद रामपुर का नाम उद्योगों के मामले में दूसरे नंबर पर आता था. रामपुर प्रदेश के तमाम हिस्सों से आने वाले लोगों को रोजगार देता था. वह रियासतों का दौर था, उस समय यहां काफी बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां नवाबों ने स्थापित की थीं और इन कंपनियों से रामपुर में हजारों परिवारों की रोजी-रोटी चलती थी. मौजूदा हालात में ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं और कुछ ही उद्योग हैं, जिनसे रामपुर के लोगों को रोजगार मिलता है. बंद पड़ी फैक्ट्रियों को अभी तक किसी सरकार ने दोबारा चालू कराने की कोशिश नहीं की. इस वजह से यहां के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों और सऊदी अरब, दुबई जैसे देशों में जाकर नौकरी कर रहे हैं.

धीरे-धीरे बंद होने लगीं फैक्ट्रियां

जब नवाबों की हुकूमत थी उस समय रामपुर काफी धनी जनपद था. यहां के लोगों के पास कारोबार की कमी नहीं थी और लोग किसी न किसी काम में लगे रहते थे, लेकिन जैसे ही नवाबों का दौर खत्म हुआ, फैक्ट्रियों के अच्छे दिन भी चले गए. धीरे-धीरे सारी बड़ी फैक्ट्रियां बंद होनी शुरू हो गईं.

रामपुर के बंद पड़े उद्योग धंधे.

बंद पड़ी कंपनियां

  • रामपुर में रजा टेक्सटाइल मिल थी, जिसमें लट्ठा बनता था और मिलिट्री के लिए मच्छरदानी भी सप्लाई की जाती थी. इस टेक्सटाइल मिल में लगभग 4500 कर्मचारी काम किया करते थे. यह मिल कई साल पहले बंद हो चुकी है.
  • रजा और बुलंद शुगर मिल थी, जिसका शक्कर का दाना सभी लोग पसंद करते थे. इस शुगर मिल में भी लगभग 3000 कर्मचारी काम किया करते थे. इस शुगर मिल में तीन शिफ्टों में काम होता था. 24 घंटे यह मिल चालू रहती थी, जो कि अब बंद हो चुकी है.
  • विप्रो फैक्ट्री में विक्स और कई तरह के मेंथा से जुड़े उत्पाद बनते थे. दरअसल रामपुर में किसान मेंथा की फसल खूब लगाते थे, इस वजह से यहां पर ये फैक्ट्री स्थापित थी, वो भी बंद हो गयी.
  • एसीसी सीमेंट की भी यहां पर काफी बड़ी फैक्ट्री थी, जिसमें काफी कर्मचारी काम करते थे. विमको माचिस की भी फैक्ट्री यहां पर थी, जिसमें माचिस बना करती थी.
  • इसके अलावा यहां पर ड्राई फ्रूट की भी फैक्टरी थी. यहां पर ड्राई फ्रूट की पैकिंग भी होती थी और ये बाहर एक्सपोर्ट किए जाते थे. हीरो साइकिल की भी फैक्टरी यहां पर थी.
  • इसके अलावा यहां पर मोदी जेरॉक्स की फैक्ट्री थी, जिसमें जेरॉक्स मशीनें बनती थीं. इसमें रामपुर के काफी कर्मचारी काम किया करते थे. वह फैक्ट्री भी बंद हो गई.
  • इसके अलावा रामपुर की सबसे बड़ी पहचान रामपुरी चाकू के काम में भी रामपुर के काफी लोग जुड़े हुए थे, जो चाकू बनाकर देश और विदेश में रामपुर का नाम रोशन करते थे. अब मौजूदा हालात में चाकू का काम नाम मात्र ही रह गया है.
Last Updated : Feb 29, 2020, 3:02 PM IST
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