रामपुर: सूबे में बाबा के बुलडोजर का खौफ इस कदर लोगों के दिलो-दिमाग पर चढ़ा है कि अब खुद लोग उन्हें खत लिखकर अपने अवैध मकान को तोड़ने की गुहार लगा रहे हैं. रामपुर से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां के एक मकान मालिक ने एसडीएम के यहां अर्जी देकर अपना मकान तोड़वाने की मांग की है. अपने ही मकान को तोड़ने की अर्जी ने अधिकारियों को भी चौंका दिया है. हालांकि, जब मामले की पड़ताल की गई तो पाया गया कि बहुत पहले तालाब को पाटकर उस जमीन पर लोगों ने अपने घर बनवा लिए थे. अब अवैध संपत्तियों पर जिस प्रकार से कार्रवाई हो रही है, उससे इन लोगों को डर लगने लगा है कि कहीं अगला नंबर उनका ही न हो. इससे पहले ही इस शख्स ने एसडीएम के समक्ष पहुंचकर मामला खोल दिया. हालांकि, इस मामले में कई अन्य घरों के आने की भी आशंका है. ऐसे में मकान मालिक ने खुद की जान पर अब खतरा भी बता दिया है.
इतना ही नहीं मकान मालिक ने सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को खत भी लिखा, जिसमें उसने कहा कि उसका मकान सरकारी जमीन पर बना है. ऐसे में वो चाहता है कि उसके अवैध मकान को गिरा दिया जाए. दरअसल, ये मामला रामपुर के मित्रपुर अरेला का बताया जा रहा है. गांव के एहसान ने एसडीएम को दी अपनी अर्जी में कहा है कि उसका मकान पुश्तैनी है. उसके दादा-परदादा ने इसका निर्माण कराया था. पिछले दिनों जब जमीन के कागजातों की जांच की तो पाया कि यह तालाब की जमीन है. इस कारण उसने एसडीएम को अर्जी देकर मकान गिराने का अनुरोध कर दिया है.
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एहसान की इस अर्जी की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने उसका विरोध शुरू कर दिया. आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों का कहना है कि अगर एहसान का मकान टूटता है तो उनके घर भी कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे. सबसे मजेदार बात तो यह है कि प्रधान का भी घर तालाब के दायरे में आने का दावा किया जा रहा है. ऐसे में एहसान को अब अपनी जान की फिक्र भी सताने लगी है.
वहीं, एसडीएम अशोक चौधरी ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जिले के मित्रपुर अरेला के निवासी एहसान ने उनसे उनके मकान को गिराने की गुहार लगाई थी. ऐसे में जांच कराई गई तो पाया गया कि उसका घर तालाब और कब्रिस्तान की जमीन पर बना हुआ है. एसडीएम ने कहा कि आधा से अधिक गांव तालाब और कब्रिस्तान पर बसा हुआ है. हमने इसका सर्वे किया है. तालाब और कब्रिस्तान को पाटकर लोगों ने अपने घर बना लिए हैं. योगी सरकार बनने के बाद सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को हटाने का अभियान चलाया जा रहा है. इसी को देखते हुए एहसान ने पहले ही एसडीएम के यहां पहुंच कर मकान गिराने की अर्जी डाल दी.
इधर, एहसान की अर्जी से गांव के लोग परेशान हैं तो प्रशासनिक पदाधिकारियों की हैरानी बढ़ गई है. वहीं, एहसान ने इस पूरे मामले में कहा कि मकान उसके परदादा ने बनवाया था. नक्शा देखने के बाद पता चला है कि यहां पहले तालाब था. इसलिए हमने इस मकान को गिराने की अर्जी लगा दी. उसने दावा किया कि उसके इस कदम से गांव के लोग नाराज हो गए हैं. गांव के प्रधान का मकान भी तालाब की जमीन में है. इसको लेकर उसने अपनी जान का खतरा बताया है. प्रशासन से अपील की है कि उसे सुरक्षा दी जाए या विरोध करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए.
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