रामपुर: जिला अदालत में बुधवार को आजम खां से संबंधित कई मामलों में सुनवाई की गई. सरकारी वकील रामौतार सैनी ने बताया कि बुधवार को जिला अदालत में आजम खां से संबंधित कई मामलो में सुनवाई थी, जिसमें आजम खां ने अपनी गैर हाजिरी का प्रार्थना पत्र अपने वकील के माध्यम से अदालत के समक्ष रखा. इसके बाद अदालत ने सख्त रवैया अपनाते हुए आजम खां को अगली तारीख पर हाजिर होने का आदेश दिया है.
टांडा में हुई थी जनसभा
एडीजे 6 के सरकारी वकील ने बताया कि वर्ष 2007 में टांडा में एक जनसभा हुई थी. जमसभा में वादी ने अपने प्रार्थना पत्र में यह कहा है कि आजम खां ने यह कहा है कि मायावती ने मैला-ढोने वालों को दरोगा, एसपी और कलेक्टर बनाकर कुर्सियों पर बैठा रखा है. इस संबंध में वादी द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिस पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कुछ फाइलें इलाहाबाद गईं थी. इलाहाबाद में आजम खां ने अपनी जमानत भी करवा ली. अब वह फाइलें लौटकर एडीजे 6 में आ गई हैं, जिसके तहत बुधवार को तारीख पर आजम खां ने अपने वकील के माध्यम से हाजिर माफी का प्रार्थना पत्र दिया था.
कोर्ट ने आजम खां को दिया आदेश
कोर्ट ने आजम खां को यह आदेश दिया है कि अगली 20 तारीख को वह व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित रहें. इसके अलावा 2-3 और मुकदमे जो विचाराधीन थे, उसमें 21/11 को उन्हें व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए न्यायालय ने आदेशित किया है. कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें हाजिर रहने के लिए निर्देशित यह किया गया है, बाकि संबंध में विचार किया जाएगा.
वर्ष 2007 के पूरे मामले में वादी ने अपने प्रार्थना पत्र में यह कहा है कि मैला ढोने वालों को मायावती ने दरोगा, एसपी और कलेक्टर की कुर्सी पर बैठा रखा है. इससे पूरे हिंदुस्तान में दलित वर्ग अपमानित हुआ है. इस संबंध में जो रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, न्यायालय में वह भी लंबित है
इस मामले में जज ने कहा कि आजम खां ने अपने वकील के माध्यम से हाजिर माफी का प्रार्थना-पत्र दिया था. प्रार्थना-पत्र पर न्यायालय ने कहा है कि 20 तारीख को आजम खां व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो.