रामपुरः देश भर में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) और पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की जंयती मनाई जाती है. इसी को लेकर रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय में भी गांधी जयंती भी मनाई गई. इस मौके पर कुलपति, कुलाधिपति, रजिस्ट्रार, समस्त शिक्षक और कर्मचारी और विशिष्ट अतिथि के रुप में मौजूद रहे. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मोहम्मद आजम खान (Aajam Khan) ने महत्मा गांधी के जीवनकाल और स्वतंत्रता संघर्ष के बारे में लोगों को बताया.
आजम खान ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि गांधी जी के बताए हुए आदर्श और सम्मान की ओर लोगों को बढ़ना चाहिए. इसके साथ ही उनके द्वारा दिए गए योगदान और भारतीय स्वतंत्रता के बारे में बताते हुए कहा कि उन्हें माला-फूल अर्पित किया. आजम खान ने कहा उन्हें दुख इस बात का है कि "बापू को सबसे कम अगर सम्मान कहीं दिया जाता है तो वह हिंदुस्तान है". बापू ने साउथ अफ्रीका से आंदोलन की शुरुवात की थी. साउथ अफ्रीक के जिस स्टेशन पर गांधी जी को फेंका गया था. उस स्टेशन को सील कर दिया गया और उसे बढ़ाकर यादगार बना दिया गया है. वहां पर आज भी बापू की सबसे अधिक इज्जत होती है.
रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय में आजम खान ने उनकी जयंती पर कहा कि गांधी जी इतने अपमानित किए हैं कि उनको बाकायदा शूट भी किया गया है. 2 साल पहले महाराष्ट्र की एक महिला ने उन्हें शूट किया था. उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान में बापू की प्रतिमाएं बाजारों में लगी हैं. उनकी प्रतिमा कहीं भी शानदार तरीके से नहीं लगी हुई हैं. यह हमारे लिए कोई सम्मान का विषय नहीं है जो हम बापू के साथ कर रहे हैं.
आजम खान ने कहा कि जिस तरह से बापू का जन्मदिन मनाना चाहिए था. उस तरह से नहीं मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि टीवी पर कुछ वीआईपी उनकी समाधि पर जाएंगे, वहां पर फूल-माला चढ़ा देंगे. उन्होंने कहा कि रामपुर में गांधी जी की समाधि है. दिल्ली के बाद अगर बापू की कहीं भी कोई यादगार समाधि है तो वह रामपुर में है.
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