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बिल वापसी की घोषणा के बाद भी संतुष्ट नहीं शहीद किसानों के परिजन, जानें क्या है उनकी मांगे ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि कानूनों को वापस लेने फैसले के बाद किसानों ने राहत की सांस ली है. लेकिन पीएम मोदी की तरफ से शहीद किसानों के हक में कोई आश्वाशन न दिए जाने के चलते उनके परिजन असमंजस में हैं. उनका कहना है कि शहीद किसानों के हक में पीएम मोदी को बोलना चाहिए और बिल वापसी लिखित रूप में देना चाहिए.

शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह के परिजन
शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह के परिजन
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Published : Nov 21, 2021, 6:53 PM IST

रामपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद किसानों ने राहत की सांस ली है. देश के लाखों किसान खुश नजर आ रहे हैं. लेकिन इसके बीच पीएम मोदी की तरफ से शहीद किसानों के हक में कोई आश्वाशन न दिए जाने के चलते उनके परिजन परेशान और असमंजस में हैं. बता दें, किसान आंदोलन के दौरान रामपुर के दो किसान शहीद हुए थे. इन शहीद किसानों के परिजन इस बिल वापसी को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. बिल वापसी की घोषणा को लेकर खुशी तो है लेकिन असमंजस में है.

गौरतलब है कि रामपुर के किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान यहां के दो किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी. किसानों की मांगों के मुताबिक अब सरकार ने बिल वापसी की घोषणा कर दी है. लेकिन शहीद किसानों के परिजनों के मन में संदेह है. खासकर यह संदेह शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह के परिजनों में देखने को मिला है.

बिल वापसी पर शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह के परिजनों का बयान

शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह की पोती रजविंदर कौर का कहना है कि वो अपने दादा की शहादत पर बहुत गर्व महसूस करती हैं. उन्होंने किसान आंदोलन में यूपी से पहली शहादत देकर हमारे किसानों में एक बहुत बड़ी मिशाल खड़ी की थी. रजविंदर कौर ने कहा कि आज मोदी जी ने कृषि कानून वापस लिए हैं. अगर यह पहले वापस लिए होते तो काश हमारे दादा जी आज हमारे बीच होते. 700 किसान अब तक शहीद हो चुके हैं. ये सभी आज हमारे बीच होते और लोगों के घर बर्बाद होने से बच जाते.

शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह की पोती रजविंदर कौर का कहना है- मुझे गर्व है अपने दादा पर और हम बड़े मान से कहते हैं कि उन्होंने हमारे गांव का और हमारे इलाके का नाम रोशन किया है. मोदी जी ने अभी कानून वापसी के बारे में सिर्फ बोला है, लिखित रूप में नहीं दिया है, उन्हें इसे लिखित रूप में देना चाहिए. जिन किसानों ने शहादत दी है उनके हक में भी बोलना चाहिए. उन्होंने अभी तक शहीद किसानों के लिए कुछ नहीं बोला है. हमें तब तक तसल्ली नहीं होगी, जब तक वह लिखित रूप में नहीं देंगे.

यह भी पढ़ें- कृषि कानून वापसी पर बोले मृतक किसान नवरीत के माता-पिता, कहा- मेरा बेटा तो वापस नहीं आ सकता


पोते गुरविंदर सिंह के मुताबिक पीएम मोदी ने अभी सिर्फ कानून वापसी की घोषणा की है, लिखित तौर पर वापस नहीं. कहा कि जब तक पीएम मोदी लिखित रूप में कानून वापस नहीं लेते और एमएसपी पर कानून नहीं बनाते है, तब तक किसानों की जंग अधूरी है. कहा कि पीएम मोदी लोकसभा में लिखित रूप में दें और सभी के सामने बताएं कि हम इसको वापस ले रहे हैं. एमएसपी पर कानून बनाएं और 700 शहीद किसानों के हक में बोलें, इसके बाद ही हमें तसल्ली होगी.

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रामपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद किसानों ने राहत की सांस ली है. देश के लाखों किसान खुश नजर आ रहे हैं. लेकिन इसके बीच पीएम मोदी की तरफ से शहीद किसानों के हक में कोई आश्वाशन न दिए जाने के चलते उनके परिजन परेशान और असमंजस में हैं. बता दें, किसान आंदोलन के दौरान रामपुर के दो किसान शहीद हुए थे. इन शहीद किसानों के परिजन इस बिल वापसी को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. बिल वापसी की घोषणा को लेकर खुशी तो है लेकिन असमंजस में है.

गौरतलब है कि रामपुर के किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान यहां के दो किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी. किसानों की मांगों के मुताबिक अब सरकार ने बिल वापसी की घोषणा कर दी है. लेकिन शहीद किसानों के परिजनों के मन में संदेह है. खासकर यह संदेह शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह के परिजनों में देखने को मिला है.

बिल वापसी पर शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह के परिजनों का बयान

शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह की पोती रजविंदर कौर का कहना है कि वो अपने दादा की शहादत पर बहुत गर्व महसूस करती हैं. उन्होंने किसान आंदोलन में यूपी से पहली शहादत देकर हमारे किसानों में एक बहुत बड़ी मिशाल खड़ी की थी. रजविंदर कौर ने कहा कि आज मोदी जी ने कृषि कानून वापस लिए हैं. अगर यह पहले वापस लिए होते तो काश हमारे दादा जी आज हमारे बीच होते. 700 किसान अब तक शहीद हो चुके हैं. ये सभी आज हमारे बीच होते और लोगों के घर बर्बाद होने से बच जाते.

शहीद किसान बाबा कश्मीर सिंह की पोती रजविंदर कौर का कहना है- मुझे गर्व है अपने दादा पर और हम बड़े मान से कहते हैं कि उन्होंने हमारे गांव का और हमारे इलाके का नाम रोशन किया है. मोदी जी ने अभी कानून वापसी के बारे में सिर्फ बोला है, लिखित रूप में नहीं दिया है, उन्हें इसे लिखित रूप में देना चाहिए. जिन किसानों ने शहादत दी है उनके हक में भी बोलना चाहिए. उन्होंने अभी तक शहीद किसानों के लिए कुछ नहीं बोला है. हमें तब तक तसल्ली नहीं होगी, जब तक वह लिखित रूप में नहीं देंगे.

यह भी पढ़ें- कृषि कानून वापसी पर बोले मृतक किसान नवरीत के माता-पिता, कहा- मेरा बेटा तो वापस नहीं आ सकता


पोते गुरविंदर सिंह के मुताबिक पीएम मोदी ने अभी सिर्फ कानून वापसी की घोषणा की है, लिखित तौर पर वापस नहीं. कहा कि जब तक पीएम मोदी लिखित रूप में कानून वापस नहीं लेते और एमएसपी पर कानून नहीं बनाते है, तब तक किसानों की जंग अधूरी है. कहा कि पीएम मोदी लोकसभा में लिखित रूप में दें और सभी के सामने बताएं कि हम इसको वापस ले रहे हैं. एमएसपी पर कानून बनाएं और 700 शहीद किसानों के हक में बोलें, इसके बाद ही हमें तसल्ली होगी.

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