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बिजली विभाग की लापरवाही : उत्तराखंड से विद्युत सप्लाई, यूपी से भेजा बिल - Uttar Pradesh News

रामपुर जिले में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. मामला रजपुरा गांव का है. यहां विद्युत सप्लाई उत्तराखंड से की जा रही है. और उपभोक्ताओं को यूपी से बिजली बिल भेजा जा रहा है. यूपी के बिजली विभाग की तरफ से यहां घरों पर मीटर भी लगाया गया, लेकिन बिजली के खंभों पर आज तक विद्युत सप्लाई शुरू नहीं हुई.

बिल जमा करने के लिए मोबाइल पर आया मैसेज
बिल जमा करने के लिए मोबाइल पर आया मैसेज
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Published : Mar 29, 2021, 7:59 PM IST

रामपुर: जिले की टांडा तहसील का रजपुरा गांव उत्तराखंड की सीमा से सटा है. इस गांव की सरहद मुरादाबाद जिले को भी छूती है. इस गांव की विद्युत सप्लाई पिछले कई सालों से उत्तराखंड से की जा रही है. बिजली बिल का भुगतान भी उत्तराखंड के बिजली विभाग को किया जाता रहा है. वर्ष 2018 में रामपुर के स्थानीय विद्युत विभाग कर्मियों द्वारा इस गांव में खंभे और ट्रांसफार्मर लगाए गए. यहां के बाशिंदों के घरों पर मीटर भी लगाया गया. दिलचस्प बात यह है कि इन बिजली के खंभों पर आज तक विद्युत सप्लाई शुरू नहीं हुई और न ही बिजली मीटर से घरों में कनेक्शन ही कराए गए. इसके बावजूद कागजों में इन लोगों को बिजली उपभोक्ता दिखाया और बिल भेज दिया गया.

पीड़ित उपभोक्ताओं ने दी जानकारी

पीड़ित उपभोक्ता सुखविंदर सिंह ने बताया कि "यहां खंभे और तार लगाए गए हैं. हमारे बिजली की सप्लाई उत्तराखंड से चल रही है. बिना बिजली सप्लाई के यहां मीटर लगा दिया गया और बिल जमा करने के लिए मोबाइल पर मैसेज आ रहे हैं. कर्मचारी गांव आकर बिल जमा करने का दबाव बना रहे हैं." वहीं पीड़ित उपभोक्ता रजवंत कौर के मुताबिक यह 2 साल से बिल आ रहे हैं, लेकिन बिजली नहीं आ रही है. बिजली विभाग ने 6500 रुपये का बिल भेजा है. अब कह रहे हैं कि बिल जमा करो. बिजली की सप्लाई पिछले कई सालों से उत्तराखंड से की जा रही है. तो यूपी में बिल कैसे जमा करे."

बिजली के तारों से नहीं जोड़ा गया है मीटर
बिजली के तारों से नहीं जोड़ा गया है मीटर
उपभोक्ता हैप्पी ने बताया कि "यहां पर 2018 में खंभे लगा दिए गए थे, लेकिन इन्होंने यहां पर मीटर से तारों को नहीं जोड़ा है. हर महीने बिल जारी होता है. यहां पर कई घर हैं, जिनका टोटल मिलाकर 80 से 90 हजार बिल हो चुका है. जब हमने बिजली का इस्तेमाल नहीं किया तो हम बिल क्यों भरें. पीड़ित उपभोक्ता बिट्टू के ने बताया कि जबरदस्ती यहां मीटर लगाए गए हैं. हमारा बिल माफ किया जाए.
बिल जमा करने के लिए मोबाइल पर आया मैसेज
बिल जमा करने के लिए मोबाइल पर आया मैसेज
अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग रामपुर इमरान खान के ने बताया कि "मेरी एसडीओ टांडा से बात हुई है. उनका कहना है कि मेरे भी संज्ञान में एक-दो दिन पहले यह मामला संज्ञान में आया है. उन्होंने उससे संबंधित जेई से जांच कराने के आदेश दिए हैं और जांच के आधार पर जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसके हिसाब से हम कार्रवाई करेंगे. हमारे स्तर से उन्हें सप्लाई नहीं मिल रही है तो हमारे डिवीजन से उन्हें बिल भी नहीं देना चाहिए. हमारे स्तर से उपभोक्ताओं की मदद की जाएगी. हम चाहते हैं कि किसी का आर्थिक शोषण न किया जाए"

रामपुर: जिले की टांडा तहसील का रजपुरा गांव उत्तराखंड की सीमा से सटा है. इस गांव की सरहद मुरादाबाद जिले को भी छूती है. इस गांव की विद्युत सप्लाई पिछले कई सालों से उत्तराखंड से की जा रही है. बिजली बिल का भुगतान भी उत्तराखंड के बिजली विभाग को किया जाता रहा है. वर्ष 2018 में रामपुर के स्थानीय विद्युत विभाग कर्मियों द्वारा इस गांव में खंभे और ट्रांसफार्मर लगाए गए. यहां के बाशिंदों के घरों पर मीटर भी लगाया गया. दिलचस्प बात यह है कि इन बिजली के खंभों पर आज तक विद्युत सप्लाई शुरू नहीं हुई और न ही बिजली मीटर से घरों में कनेक्शन ही कराए गए. इसके बावजूद कागजों में इन लोगों को बिजली उपभोक्ता दिखाया और बिल भेज दिया गया.

पीड़ित उपभोक्ताओं ने दी जानकारी

पीड़ित उपभोक्ता सुखविंदर सिंह ने बताया कि "यहां खंभे और तार लगाए गए हैं. हमारे बिजली की सप्लाई उत्तराखंड से चल रही है. बिना बिजली सप्लाई के यहां मीटर लगा दिया गया और बिल जमा करने के लिए मोबाइल पर मैसेज आ रहे हैं. कर्मचारी गांव आकर बिल जमा करने का दबाव बना रहे हैं." वहीं पीड़ित उपभोक्ता रजवंत कौर के मुताबिक यह 2 साल से बिल आ रहे हैं, लेकिन बिजली नहीं आ रही है. बिजली विभाग ने 6500 रुपये का बिल भेजा है. अब कह रहे हैं कि बिल जमा करो. बिजली की सप्लाई पिछले कई सालों से उत्तराखंड से की जा रही है. तो यूपी में बिल कैसे जमा करे."

बिजली के तारों से नहीं जोड़ा गया है मीटर
बिजली के तारों से नहीं जोड़ा गया है मीटर
उपभोक्ता हैप्पी ने बताया कि "यहां पर 2018 में खंभे लगा दिए गए थे, लेकिन इन्होंने यहां पर मीटर से तारों को नहीं जोड़ा है. हर महीने बिल जारी होता है. यहां पर कई घर हैं, जिनका टोटल मिलाकर 80 से 90 हजार बिल हो चुका है. जब हमने बिजली का इस्तेमाल नहीं किया तो हम बिल क्यों भरें. पीड़ित उपभोक्ता बिट्टू के ने बताया कि जबरदस्ती यहां मीटर लगाए गए हैं. हमारा बिल माफ किया जाए.
बिल जमा करने के लिए मोबाइल पर आया मैसेज
बिल जमा करने के लिए मोबाइल पर आया मैसेज
अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग रामपुर इमरान खान के ने बताया कि "मेरी एसडीओ टांडा से बात हुई है. उनका कहना है कि मेरे भी संज्ञान में एक-दो दिन पहले यह मामला संज्ञान में आया है. उन्होंने उससे संबंधित जेई से जांच कराने के आदेश दिए हैं और जांच के आधार पर जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसके हिसाब से हम कार्रवाई करेंगे. हमारे स्तर से उन्हें सप्लाई नहीं मिल रही है तो हमारे डिवीजन से उन्हें बिल भी नहीं देना चाहिए. हमारे स्तर से उपभोक्ताओं की मदद की जाएगी. हम चाहते हैं कि किसी का आर्थिक शोषण न किया जाए"
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