रामपुर: यूपी का ऐतिहासिक शहर रामपुर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. बड़ी तादाद में यहां लोग रोजा रखते हैं. रमजान में तो यहां का मंजर देखने लायक होता है. बाजारों में रौनक होती है, खरीदारी की चहल-पहल होती है और मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ लगी रहती है. हालांकि इस बार कोरोना महामारी के चलते न तो मस्जिदों में भीड़ है, न ही बाजारों में कोई रौनक. अगर कुछ रह गया है तो वह है रोजा, जिसको बड़ी तादाद में लोग अपने घरों पर रहकर रख रहे हैं. अल्लाह से दुआ कर रहे हैं कि वो उनको और उनके चाहने वालों को कोरोना महामारी से बचाए और जो बीमार हैं, उनको स्वस्थ करें.
स्वास्थ्य लाभ के लिए रखा रोजा
ऐसे में एक गैर मुस्लिम भी है जो रमजान के रोजे के सहारे अपने मन की कामना को ईश्वर से अल्लाह से पूरी कराना चाहते हैं. रामपुर निवासी विक्की राज एडवोकेट जोकि दलित समाज के हैं. विक्की राज आजम खान के घोर समर्थक भी रहे हैं. सीतापुर जेल में बंद आजम खान के करोना से संक्रमित होने की खबर सुनकर विक्की राज ने उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए और जेल से छुटकारा दिलाने के लिए अलविदा का रोजा रख डाला.
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रमजान माह की धार्मिक अहमियत है
अलविदा रमजान माह का आखरी शुक्रवार होता है. इसकी धार्मिक अहमियत है और मान्यता है कि इस दिन अल्लाह रोजेदार की दुआएं सुनता है और मन्नते पूरी करता है. शायद इसीलिए विक्की राज एडवोकेट ने अलविदा का रोजा रखा और साढ़े 16 घंटे भूखे-प्यासे रहे. फिर शाम को जब इफ़्तार का वक्त आया, तो अपने मुस्लिम दोस्तों के साथ बैठकर रोजा खोला और आजम खान की रिहाई और उनके स्वास्थ्य लाभ की दुआएं की.