रामपुरः विधानसभा उपचुनाव में आयोजित जनसभा में भाग लेने पहुंचे सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) ने अचानक सीओ साहब जिंदाबाद, कप्तान साहब जिंदाबाद और पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. साथ ही उन्होंने यहां तक कह डाला कि चुनाव आयोग रामपुर आए और भाजपा प्रत्याशी को जीत का प्रमाणपत्र देकर जाए. वह खुद तालियां बजाएंगे.
वह बोले, यह कैसा हिंदुस्तान है, यह क्या हो गया है? गोकशों का राज आ गया है. वजीर-ए-आला आप तशरीफ लाने वाले हैं, हम आपसे जानना चाहते हैं के भारतीय जनता पार्टी को सबसे प्यारे गो हत्यारे क्यों हैं. वह बोले कि दारोगा साहब जाते हैं, सीओ साहब तशरीफ ले जाते हैं. माशाल्लाह हैं भी आसमान छूने वाले. अल्लाह ने कद भी ऐसा शानदार दिया है. बड़े हसीन आदमी हैं. एसपी साहब भी अच्छी बातें करते हैं. भाई साहब लेकिन जो कलक्टर साहब हैं, उनका कोई बयान सुनने को नहीं मिलता है, क्या कलक्टर की सीट खत्म हो गई है. रामपुर से डीएम का ओहदा खत्म हो गया है.
आजम खान बोले, नगरपालिका की मशीन चुरा ली थी. चेयरपर्सन साहिबा बैठी हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि न हमने यह मशीन खरीदी थी, न यह हमारी है. 450 एकड़ जमीन में बनी हुई यूनिवर्सिटी की जगह-जगह पर दीवारें तोड़ दी. पुलिस खड़ी है. वहां आप जो चाहो बरामद कर लो, एक मशीन क्या, वहां से आप जहाज, एके-47, बम जो चाहें बरामद कर लें भाई.
अखिलेश बोले, 100 विधायक ले आओ सीएम बन जाओ
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आजम खान की नारेबाजी को लेकर कहा कि पुलिस की जिंदाबाद के नारे पहली बार सुन रहा हूं. साथ ही उन्होंने प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम पर तंज भी कसे. कहा कि दोनों को सिर्फ मुख्यमंत्री बनना है. रामपुर के इस मंच से मैं दोनों को फिर ऑफर देता हूं, 100 विधायक लाओ और सीएम बन जाओ. सपा के 100 विधायक तुम्हारे साथ होंगे. वह बोले ऐसे डिप्टी सीएम बनने का क्या फायदा जब अपने विभाग के सीएमओ और एक डॉक्टर का ट्रांसफर न कर पाए. दूसरे डिप्टी सीएम जिस विभाग के मंत्री हैं उस विभाग का बजट ही नहीं है.
अखिलेश यादव ने कहा कि समय से बड़ा बलवान कोई नहीं है, जो लोग अन्याय कर रहे हैं और मैं कहना चाहता हूं कि यह जो सत्ता में मुख्यमंत्री हैं उनकी फाइल मेरे सामने आई थी. फाइल में लिखा था इन पर केस रजिस्टर हो, इन पर कार्रवाई हो, हम लोग समाजवादी लोग हैं, किसी से नफरत या परेशान करने वाली राजनीति नहीं करते हैं. हम लोगों ने फाइल वापस कर दी. अगर यह बात गलत है तो आप अधिकारियों से पूछ सकते हैं.
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