रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान के दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र का मामला एमपी एमएलए विशेष कोर्ट में विचाराधीन है. 10 जुलाई से लगातार बचाव पक्ष गवाहों से जिरह करने के लिए कोर्ट से तारीख पर तारीख लेता रहा. इसके चलते बहस अभी पूरी नहीं हुई है. इस मामले में बुधवार को कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आजम खान पक्ष यानी बचाव पक्ष को अंतिम बहस के लिए 16 अक्टूबर तक का समय दिया है. साथ ही 18 अक्टूबर को निर्णय की तारीख घोषित कर है.
इस मामले में अभियोजन अधिकारी शिव प्रकाश पांडे ने बताया कि आज बचाव पक्ष की बहस के लिए तारीख तय की गई थी. अभियोजन पक्ष की तरफ से 16 सितंबर को बहस पूरी की जा चुकी थी. उसके पश्चात बचाव पक्ष की बहस की तारीख नियत की जा रही थी. इस बीच उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुक्रम में पीडब्लू 11 शफीक अहमद से तथ्य बिंदुओं पर बचाव पक्ष द्वारा जिरह की गई, जो पूर्ण हो गई. क्योंकि, पत्रावली पहले से ही बहस के लिए चली आ रही थी, इसलिए बचाव पक्ष की बहस के लिए आज तिथि नियत की गई थी. आज बचाव पक्ष द्वारा बहस नहीं की गई और 10 जुलाई के पश्चात से बहस में यह पत्रावली चल रही थी. कई अवसरों पर बचाव पक्ष द्वारा स्थगन लिए जा रहे थे.
बचाव पक्ष द्वारा आज बहस नहीं किए जाने के कारण न्यायालय एसीजेएम प्रथम एमपी एमएलए विशेष न्यायालय शोभित बंसल द्वारा आज एक आदेश पारित किया गया कि बचाव पक्ष की जिरह होनी है. बचाव पक्ष चाहे तो 16 अक्टूबर तक अपनी बहस पूरी कर सकता है. न्यायालय द्वारा 18 अक्टूबर 2023 की तिथि निर्णय के लिए नियत की गई है. इस बीच बचाव पक्ष स्वतंत्र है कि किसी भी दिन या प्रत्येक दिन इस बीच में अपनी बहस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है.
यह अब्दुल्लाह आजम खान के दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला है. इसको वादी मुकदमा आकाश कुमार सक्सेना ने पंजीकृत कराया था. इसमें उन्होंने मोहम्मद आजम खान, ताजीन फातिमा और मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान के विरुद्ध पंजीकृत कराया था. इसमें उन्होंने कहा कि एक सुयोजित तरीके से इनके द्वारा एक जन्म प्रमाण पत्र बनवा करके फिर दूसरा जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर उसका उपयोग चुनाव में किया गया.
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