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जिला अस्पताल से निकाले गए 52 कर्मचारियों ने जिलाधिकारी से लगाई मदद की गुहार - डॉक्टरों को नहीं मिली सैलरी

रामपुर जिले में बुधवार को जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि उन्हें तीन माह की सैलरी नहीं दी गई. साथ ही अब उन्हें ड्यूटी से निकाला दिया गया.

जिलाधिकारी से मिले कर्मचारी.
जिलाधिकारी से मिले कर्मचारी.
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Published : Dec 31, 2020, 8:53 AM IST

रामपुर: जिला अस्पताल ने बुधवार को 52 कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकाल दिया. साथ ही उनकी 3 महीने की सैलरी भी नहीं दी. इसमें लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, स्टाफ कम्पाउंडर, कम्प्यूटर ऑपरेटर व सफाई कर्मचारी शामिल हैं. इन सभी लोगों ने बुधवार को जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बताई.

जिलाधिकारी से मिले कर्मचारी.

रामपुर के जिला अस्पताल में तैनात कई कर्मचारी बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां पर उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. उनका आरोप है कि कोरोना काल के दौरान उनकी ड्यूटी कोविड सेंटर में लगाई गई थी. उन्होंने पूरी तरह अपने जिम्मेदारियों को निभाया, बावजूद इसके अब उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है.

स्टाफ कम्पाउंडर नूर मोहम्मद ने बताया कि वे कुल 52 कर्मचारी डीएम ऑफिस आए थे, जिसमें लैब टेक्नीशियन में स्टाफ नर्स, स्टाफ कम्पाउंडर और सफाई कर्मचारी हैं. 52 कर्मचारियों को कोविड-19 की ड्यूटी में लगाया गया था. डीएम साहब के आदेश पर डिस्ट्रिक्ट मलेरिया अधिकारी ने कर्मचारियों को ड्यूटी पर रखा. इसके बाद कर्मचारियों को तीन महीने के बाद निकाल दिया गया और उस तीन महीने की सैलरी भी नहीं दी गई.

सभी कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान उन्हें कोरोना योद्धा का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया था. अब उन लोगों को निकाल दिया गया है. मामले में जिलाधिकारी ने कर्मचारियों की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है.

रामपुर: जिला अस्पताल ने बुधवार को 52 कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकाल दिया. साथ ही उनकी 3 महीने की सैलरी भी नहीं दी. इसमें लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, स्टाफ कम्पाउंडर, कम्प्यूटर ऑपरेटर व सफाई कर्मचारी शामिल हैं. इन सभी लोगों ने बुधवार को जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बताई.

जिलाधिकारी से मिले कर्मचारी.

रामपुर के जिला अस्पताल में तैनात कई कर्मचारी बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां पर उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. उनका आरोप है कि कोरोना काल के दौरान उनकी ड्यूटी कोविड सेंटर में लगाई गई थी. उन्होंने पूरी तरह अपने जिम्मेदारियों को निभाया, बावजूद इसके अब उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है.

स्टाफ कम्पाउंडर नूर मोहम्मद ने बताया कि वे कुल 52 कर्मचारी डीएम ऑफिस आए थे, जिसमें लैब टेक्नीशियन में स्टाफ नर्स, स्टाफ कम्पाउंडर और सफाई कर्मचारी हैं. 52 कर्मचारियों को कोविड-19 की ड्यूटी में लगाया गया था. डीएम साहब के आदेश पर डिस्ट्रिक्ट मलेरिया अधिकारी ने कर्मचारियों को ड्यूटी पर रखा. इसके बाद कर्मचारियों को तीन महीने के बाद निकाल दिया गया और उस तीन महीने की सैलरी भी नहीं दी गई.

सभी कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान उन्हें कोरोना योद्धा का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया था. अब उन लोगों को निकाल दिया गया है. मामले में जिलाधिकारी ने कर्मचारियों की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है.

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