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रामपुर जिला कारागार से 143 बंदी हुए रिहा

कोरोना के चलते रामपुर जिला कारागार से अब तक 143 बंदियों को रिहा किया जा चुका है. यह वह बंदी हैं, जिनको 7 साल तक की सजा हो सकती थी. इन लोगों को 60 दिन के लिए रिहा किया गया है.

रामपुर जिला कारागार
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Published : Jun 23, 2021, 2:30 PM IST

रामपुर: कोरोना के चलते रामपुर जिला कारागार से अब तक 143 बंदियों को रिहा किया जा चुका है. यह वह बंदी हैं, जिनको 7 साल तक की सजा हो सकती थी. इन लोगों को 60 दिन के लिए रिहा किया गया है. यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने दी.

जानकारी देते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कोरोना के कारण राष्ट्रीय लोक अदालत नहीं लग पा रही थी. अभी जो भी मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं, वह राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनवाई करके दोनों पक्षों की सहमति से निपटाए जाएंगे. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि आने वाले दिनों में एक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जो छोटे-छोटे मुकदमे हैं, जिसमें लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते हैं, उनको आसानी से निपटाया जाएगा.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि इन छोटे-छोटे मामलों को सुलह-समझौता के माध्यम से निपटाया जाएगा. इससे समय की बचत होगी और वादियों के पैसे की बचत होगी. मामले का निपटारा होने से दोनों पक्षों के बीच खुशहाली भी आएगी. उन्होंने कहा कि ऐसा देखने को मिला है कि वादियों में दोनों पक्ष पड़ोसी होते हैं और ज्यादातर मुकदमे आपस में पड़ोसी के ही होते हैं. गांव के लोगों के जो छोटे-बड़े मुकदमे होते हैं, वह खेत-खलियान के हैं. इनको भी राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाया जाएगा.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि इसमें छोटे-छोटे चालान भी हैं, जैसे एमबी एक्ट 207 के चालान. इसके मामले पेंडिंग पड़े हैं. किसी की गाड़ी नहीं छूट रही है तो बहुत सारी गाड़ियां थानों में भी बंद हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आज से सभी अर्जेंट मामलों को सुन रही है. इस समय 5,000 मुकदमें अलग-अलग कोर्ट से राष्ट्रीय लोक अदालत में आए हैं.

इसे भी पढ़ें:- धर्म परिवर्तन की मुहिम के अहम किरदार मौलाना उमर गौतम का वीडियो वायरल, सुनिए क्या कहा

वहीं जिला कारागार में बंदियों के लिए भी सरकार ने कुछ छूट दी थी, उस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि कोविड-19 के दिशा-निर्देश थे कि जो दंडनीय अपराध 7 साल तक के हैं, उसमें यह आदेश आया था कि इस अपराध के अंतर्गत जेल में बंद बंदियों को 60 दिन के लिए छोड़ दिया जाए. अब तक 143 बंदियों को 60 दिन के लिए रिहा किया जा चुका है. यह कार्यवाही आगे भी चलती रहेगी. वहीं अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामपुर द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 10 जुलाई को किया जाएगा.

रामपुर: कोरोना के चलते रामपुर जिला कारागार से अब तक 143 बंदियों को रिहा किया जा चुका है. यह वह बंदी हैं, जिनको 7 साल तक की सजा हो सकती थी. इन लोगों को 60 दिन के लिए रिहा किया गया है. यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने दी.

जानकारी देते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कोरोना के कारण राष्ट्रीय लोक अदालत नहीं लग पा रही थी. अभी जो भी मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं, वह राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनवाई करके दोनों पक्षों की सहमति से निपटाए जाएंगे. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि आने वाले दिनों में एक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जो छोटे-छोटे मुकदमे हैं, जिसमें लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते हैं, उनको आसानी से निपटाया जाएगा.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि इन छोटे-छोटे मामलों को सुलह-समझौता के माध्यम से निपटाया जाएगा. इससे समय की बचत होगी और वादियों के पैसे की बचत होगी. मामले का निपटारा होने से दोनों पक्षों के बीच खुशहाली भी आएगी. उन्होंने कहा कि ऐसा देखने को मिला है कि वादियों में दोनों पक्ष पड़ोसी होते हैं और ज्यादातर मुकदमे आपस में पड़ोसी के ही होते हैं. गांव के लोगों के जो छोटे-बड़े मुकदमे होते हैं, वह खेत-खलियान के हैं. इनको भी राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाया जाएगा.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि इसमें छोटे-छोटे चालान भी हैं, जैसे एमबी एक्ट 207 के चालान. इसके मामले पेंडिंग पड़े हैं. किसी की गाड़ी नहीं छूट रही है तो बहुत सारी गाड़ियां थानों में भी बंद हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आज से सभी अर्जेंट मामलों को सुन रही है. इस समय 5,000 मुकदमें अलग-अलग कोर्ट से राष्ट्रीय लोक अदालत में आए हैं.

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वहीं जिला कारागार में बंदियों के लिए भी सरकार ने कुछ छूट दी थी, उस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि कोविड-19 के दिशा-निर्देश थे कि जो दंडनीय अपराध 7 साल तक के हैं, उसमें यह आदेश आया था कि इस अपराध के अंतर्गत जेल में बंद बंदियों को 60 दिन के लिए छोड़ दिया जाए. अब तक 143 बंदियों को 60 दिन के लिए रिहा किया जा चुका है. यह कार्यवाही आगे भी चलती रहेगी. वहीं अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामपुर द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 10 जुलाई को किया जाएगा.

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