रायबरेलीः राष्ट्रीय गोकुल मिशन के जरिए जनपद में दूध के उत्पादन में रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है. कार्यक्रम के तहत स्वदेशी गायों के संरक्षण व वैज्ञानिक विधि से नस्लों के विकास पर जोर दिया जााएगा. मिशन के जरिए उन क्षेत्रों में जहां दुधारु पशुओं में कृत्रिम गर्भधारण की व्यवस्था 50 फीसदी से कम है, उन्हें योजना में सही तरीके से लाभान्वित किए जाने की तैयारी है.
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत जनपद के 100 गांव का चयन किया गया है.
- सभी गांव के पशुपालकों को उनके देसी नस्ल के गोवंश व महिषवंश का 'जेनेटिक अपग्रेडेशन' किया जाएगा.
- देशी नस्ल की गाय व भैस का सम्प्रेषण बेहतर नस्ल के अधिक दुधारु क्षमता की गोवंश व महिषवंश से किया जाएगा.
- प्रत्येक गांव में 200 गोवंश व महिषवंश मादा पशुओं को बेहतर गुणवत्ता के वीर्य की मदत से अगली नस्ल में ज्यादा दुग्ध उत्पादन किया जा सकेगा.
- ऑनलाइन व्यवस्था के जरिए इस योजना की निगरानी भी की जाएगी.
- योजना के तहत चुने गए पशुओं की टैगिंग के माध्यम से किए गए 'जेनेटिक अपग्रेडेशन' की जानकारी सुरक्षित रखी जायेगी.
- जिससे भविष्य में दोबारा से इसकी जरुरत पड़ने पर उपयोग किया जा सके.