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ग्रामीणों का आरोप- जबरन की जा रही चकबंदी, पुलिस ने की मारपीट - रायबरेली में पुलिसकर्मियों से मारपीट

उत्तर प्रदेश के रायबरेली (raebareli) जिले में शनिवार को दोपहर में चकबंदी (chakbandi) के दौरान ग्रामीणों ने बवाल कर दिया. पुलिसकर्मियों से मारपीट की भी बात सामने आई पर शाम को एसडीएम गांव पहुंचीं तो ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस ने उनसे मारपीट की है.

रायबरेली
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Published : Jun 20, 2021, 9:15 AM IST

रायबरेलीः जिले के हरचंदपुर विकासखंड के गुनावर कमंगरपुर गांव में शनिवार को दोपहर हुए बवाल में शाम को नया मोड़ आ गया. शाम को ग्रामीणों ने जिले से एमएलसी के बड़े भाई की शह पर गांव में जबरिया चकबंदी (chakbandi) कराने का आरोप लगाया और विरोध करने पर दबंगों व पुलिस के द्वारा पिटाई की जाने की बात कही. कुछ ग्रामीणों ने चोटिल होने की बात भी कही. फिलहाल मौके पर पहुंची एसडीएम सदर ने ग्रामीणों को शांत करा दिया है और मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया. मामले में एक बार फिर एमएलसी के भाई का नाम आने से लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. साथ ही जिस पुलिस को पीटे जाने की बात कही गई थी, अब उसी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं.

बताते चलें कि शनिवार की दोपहर अचानक से जिले के हरचंदपुर विकासखंड के गुनावर कमंगरपुर में पुलिस के साथ चकबंदी करने के लिए राजस्व टीम पहुंच गई और खेतों की पैमाइश करने लगी. इसकी जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को हुई वो खेतों की ओर भाग कर पहुंचे और टीम को पैमाइश करने से रोकने लगे. इससे टीम के साथ मौजूद कुछ दबंगों व पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मारपीट शुरू कर दी. ग्रामीणों की ओर से भी ईंट व पत्थर फेंके जाने लगे, जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए. मामले की जानकारी आलाधिकारियों को लगी तो मौके पर भारी फोर्स के साथ सीओ व एसडीएम पहुंच गए और ग्रामीणों को मशक्कत के बाद समझा बुझाकर शांत कराया.

रायबरेली में बवाल
गुनावर गांव निवासी प्रियंका ने बताया कि हमें बिना सूचना दिए हमारे खेतों की पैमाइश कर चकबन्दी शुरू कर दी गई. ये सब एमएलसी दिनेश सिंह के बड़े भाई गणेश सिंह की शह पर किया जा रहा है. जब हमने विरोध किया तो हमारे साथ मारपीट की गई. दोनों ओर से मारपीट हुई. वहीं, शनिवार शाम को बवाल को शांत कराने पहुंची उपजिलाधिकारी अंशिका दीक्षित ने बताया कि चकबन्दी टीम पैमाइश करने के लिए गए गई थी. ग्रामीणों ने चकबन्दी का विरोध किया तो पुलिस व ग्रामीणों के बीच बवाल हो गया. कुछ लोग घायल हुए हैं. ग्रामीणों को शांत करा दिया गया है. मामले की जांच करा करा कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः शौचालय में रहने को मजबूर आठ बच्चों संग दंपत्ति

गौरतलब है कि इस घटना से कुछ दिन पहले 17 जून को उन्नाव में भी पुलिस से मारपीट और पत्थरबाजी की घटना हुई थी. वहां भी लोगों ने खाकी की भूमिका पर सवाल उठाए थे. तब पुलिस को ही गैर जिम्मेदार मानते हुए दो सिपाहियों को भी निलंबित किया गया था. साथ ही पत्थरबाजी में कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. अब रायबरेली में भी पुलिस से मारपीट के बाद तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल ये है कि क्या लोगों को बचाने की जिम्मेदारी पुलिस पर है पर क्या अब पुलिस को भी बचाने की जिम्मेदारी किसी को देनी पड़ेगी. साथ ही लोगों में बढ़ रहे आक्रोश के वजह क्या खाकी की दागदार भूमिका है.

रायबरेलीः जिले के हरचंदपुर विकासखंड के गुनावर कमंगरपुर गांव में शनिवार को दोपहर हुए बवाल में शाम को नया मोड़ आ गया. शाम को ग्रामीणों ने जिले से एमएलसी के बड़े भाई की शह पर गांव में जबरिया चकबंदी (chakbandi) कराने का आरोप लगाया और विरोध करने पर दबंगों व पुलिस के द्वारा पिटाई की जाने की बात कही. कुछ ग्रामीणों ने चोटिल होने की बात भी कही. फिलहाल मौके पर पहुंची एसडीएम सदर ने ग्रामीणों को शांत करा दिया है और मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया. मामले में एक बार फिर एमएलसी के भाई का नाम आने से लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. साथ ही जिस पुलिस को पीटे जाने की बात कही गई थी, अब उसी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं.

बताते चलें कि शनिवार की दोपहर अचानक से जिले के हरचंदपुर विकासखंड के गुनावर कमंगरपुर में पुलिस के साथ चकबंदी करने के लिए राजस्व टीम पहुंच गई और खेतों की पैमाइश करने लगी. इसकी जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को हुई वो खेतों की ओर भाग कर पहुंचे और टीम को पैमाइश करने से रोकने लगे. इससे टीम के साथ मौजूद कुछ दबंगों व पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मारपीट शुरू कर दी. ग्रामीणों की ओर से भी ईंट व पत्थर फेंके जाने लगे, जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए. मामले की जानकारी आलाधिकारियों को लगी तो मौके पर भारी फोर्स के साथ सीओ व एसडीएम पहुंच गए और ग्रामीणों को मशक्कत के बाद समझा बुझाकर शांत कराया.

रायबरेली में बवाल
गुनावर गांव निवासी प्रियंका ने बताया कि हमें बिना सूचना दिए हमारे खेतों की पैमाइश कर चकबन्दी शुरू कर दी गई. ये सब एमएलसी दिनेश सिंह के बड़े भाई गणेश सिंह की शह पर किया जा रहा है. जब हमने विरोध किया तो हमारे साथ मारपीट की गई. दोनों ओर से मारपीट हुई. वहीं, शनिवार शाम को बवाल को शांत कराने पहुंची उपजिलाधिकारी अंशिका दीक्षित ने बताया कि चकबन्दी टीम पैमाइश करने के लिए गए गई थी. ग्रामीणों ने चकबन्दी का विरोध किया तो पुलिस व ग्रामीणों के बीच बवाल हो गया. कुछ लोग घायल हुए हैं. ग्रामीणों को शांत करा दिया गया है. मामले की जांच करा करा कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

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गौरतलब है कि इस घटना से कुछ दिन पहले 17 जून को उन्नाव में भी पुलिस से मारपीट और पत्थरबाजी की घटना हुई थी. वहां भी लोगों ने खाकी की भूमिका पर सवाल उठाए थे. तब पुलिस को ही गैर जिम्मेदार मानते हुए दो सिपाहियों को भी निलंबित किया गया था. साथ ही पत्थरबाजी में कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. अब रायबरेली में भी पुलिस से मारपीट के बाद तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल ये है कि क्या लोगों को बचाने की जिम्मेदारी पुलिस पर है पर क्या अब पुलिस को भी बचाने की जिम्मेदारी किसी को देनी पड़ेगी. साथ ही लोगों में बढ़ रहे आक्रोश के वजह क्या खाकी की दागदार भूमिका है.

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