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रायबरेली: पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत मामले में आरोपी दो दारोगा निलंबित

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पुलिस हिरासत के दौरान दलित युवक की मौत के मामले में एसपी ने सोमवार देर रात आरोपी दो दारोगा को निलंबित कर दिया. इससे पहले इस मामले में लालगंज कोतवाली प्रभारी हरिशंकर प्रजापति पर निलंबन की कार्रवाई हुई थी.

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एसपी ने दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
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Published : Sep 1, 2020, 3:08 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: जिले के लालगंज कोतवाली में पुलिस हिरासत के दौरान दलित युवक मोनू की मौत मामले में पुलिस कप्तान स्वप्निल मामगेन ने सोमवार देर रात आरोपी दो दारोगा को निलंबित कर दिया. मृतक के परिजनों ने अपनी तहरीर में एसआई जेपी यादव और एसआई अरविंद मौर्य को नामजद किया था. सोमवार देर रात पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दोनों दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया. इससे पहले जिलाधिकारी द्वारा मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं.

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पुलिस विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति.
जिले की पुलिसिया करतूत जब प्रदेश स्तर पर सुर्खियां बटोरने लगी, तब प्रशासनिक अमला भी हरकत में आया. सोमवार दोपहर को ही जिलाधिकारी कार्यालय में मृतक के परिजनों से डीएम-एसपी समेत तमाम आलाधिकारी ने भेंट करके खुद के दैनिक वेतन से भी दान देने की बात कही.गौरतलब है कि वाहन चोरी का अंदेशा होने पर मोहित उर्फ मोनू और उसके भाई सोनू को 26 अगस्त की रात लालगंज पुलिस उनके घर से उठा लाई थी. पुलिस ने बाद में सोनू को छोड़ दिया, लेकिन मोनू को हिरासत में ही रखा. रविवार की सुबह एकाएक उसकी तबीयत बिगड़ी और पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया. रायबरेली जिला अस्पताल में इलाज शुरू होने के कुछ घंटे के अंदर ही उसकी मौत हो गई.

परिजनों का आरोप है कि हिरासत में पुलिस ने बड़ी ही बेरहमी से मोनू की पिटाई की थी. मामला संज्ञान में आने के बाद रविवार देर रात एसपी रायबरेली ने लालगंज कोतवाली प्रभारी हरिशंकर प्रजापति पर निलंबन की कार्रवाई की थी और आरोपी दारोगा के खिलाफ जांच की बात कह कर इतिश्री कर ली थी. वहीं सोमवार देर रात दोनों दारोगा के भी निलंबन का आदेश एसपी ने जारी कर दिया.

रायबरेली: जिले के लालगंज कोतवाली में पुलिस हिरासत के दौरान दलित युवक मोनू की मौत मामले में पुलिस कप्तान स्वप्निल मामगेन ने सोमवार देर रात आरोपी दो दारोगा को निलंबित कर दिया. मृतक के परिजनों ने अपनी तहरीर में एसआई जेपी यादव और एसआई अरविंद मौर्य को नामजद किया था. सोमवार देर रात पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दोनों दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया. इससे पहले जिलाधिकारी द्वारा मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं.

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पुलिस विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति.
जिले की पुलिसिया करतूत जब प्रदेश स्तर पर सुर्खियां बटोरने लगी, तब प्रशासनिक अमला भी हरकत में आया. सोमवार दोपहर को ही जिलाधिकारी कार्यालय में मृतक के परिजनों से डीएम-एसपी समेत तमाम आलाधिकारी ने भेंट करके खुद के दैनिक वेतन से भी दान देने की बात कही.गौरतलब है कि वाहन चोरी का अंदेशा होने पर मोहित उर्फ मोनू और उसके भाई सोनू को 26 अगस्त की रात लालगंज पुलिस उनके घर से उठा लाई थी. पुलिस ने बाद में सोनू को छोड़ दिया, लेकिन मोनू को हिरासत में ही रखा. रविवार की सुबह एकाएक उसकी तबीयत बिगड़ी और पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया. रायबरेली जिला अस्पताल में इलाज शुरू होने के कुछ घंटे के अंदर ही उसकी मौत हो गई.

परिजनों का आरोप है कि हिरासत में पुलिस ने बड़ी ही बेरहमी से मोनू की पिटाई की थी. मामला संज्ञान में आने के बाद रविवार देर रात एसपी रायबरेली ने लालगंज कोतवाली प्रभारी हरिशंकर प्रजापति पर निलंबन की कार्रवाई की थी और आरोपी दारोगा के खिलाफ जांच की बात कह कर इतिश्री कर ली थी. वहीं सोमवार देर रात दोनों दारोगा के भी निलंबन का आदेश एसपी ने जारी कर दिया.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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