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रायबरेली: निगमीकरण के खिलाफ प्रदर्शन को मिला सोनिया का साथ - निगमीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

यूपीए शासनकाल में सांसद सोनिया गांधी के विशेष प्रयासों से लालगंज में रेल कोच फैक्ट्री को स्थापित किया गया था. काफी जद्दोजहद के बाद कारखाने के लिए जमीन उपलब्ध हो पाई थी और कोच फैक्ट्री में उत्पादन शुरु हो सका था. इसके निगमीकरण को लेकर लगातार विरोध जताया जा रहा है.

निगमीकरण के खिलाफ प्रदर्शन.
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Published : Jul 3, 2019, 9:14 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: लालगंज स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना समेत भारतीय रेल की तमाम इकाइयों के निगमीकरण किए के जाने के विरोध में देशभर के सभी रेलवे संगठनों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं लोकसभा में यूपीए चेयरपर्सन और मौजूदा सांसद सोनिया गांधी की ओर से सदन के पटल पर एमसीएफ के मुद्दे को उठाए जाने के बाद कारखाना परिसर में कर्मचारियों द्वारा एक बार फिर से जोरदार प्रदर्शन किया गया.

निगमीकरण के खिलाफ प्रदर्शन.

क्या है मामला

⦁ लालगंज के मॉडर्न कोच फैक्ट्री परिसर में कर्मचारियों ने दोपहर बाद गेट नंबर 3 के सामने रेलवे बोर्ड और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
⦁ एमसीएफ के निगमीकरण को बड़ी साजिश करार देते हुए आने वाले समय में देश के इस सर्वश्रेष्ठ कारखाने को निजी कंपनियों के हाथों बेचे जाने का भी अंदेशा जताया.
⦁ एमसीएफ के निगमीकरण किए जाने की मंशा पर सवाल उठाते हुए कर्मचारी नेताओं ने इस निर्णय के औचित्य पर भी सवाल उठाया.

एमसीएफ के स्थानीय कर्मचारी यूनियन के कार्यवाहक अध्यक्ष राकेश तिवारी ने ईटीवी भारत से की बातचीत में चेयरमैन रेलवे बोर्ड के उस पत्र का उल्लेख करते हुए एमसीएफ के निगमीकरण के विरोध में प्रदर्शन की बात कही. हालांकि कर्मचारी नेताओं ने फिलहाल किसी भी प्रकार के आर्थिक तंगहाली की बात को सिरे से नकार दिया है, लेकिन निगमीकरण के विरोध में जबर्दस्त प्रदर्शन के साथ रेलवे बोर्ड चेयरमैन के पत्र को वापस लेने की मांग की.

रायबरेली: लालगंज स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना समेत भारतीय रेल की तमाम इकाइयों के निगमीकरण किए के जाने के विरोध में देशभर के सभी रेलवे संगठनों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं लोकसभा में यूपीए चेयरपर्सन और मौजूदा सांसद सोनिया गांधी की ओर से सदन के पटल पर एमसीएफ के मुद्दे को उठाए जाने के बाद कारखाना परिसर में कर्मचारियों द्वारा एक बार फिर से जोरदार प्रदर्शन किया गया.

निगमीकरण के खिलाफ प्रदर्शन.

क्या है मामला

⦁ लालगंज के मॉडर्न कोच फैक्ट्री परिसर में कर्मचारियों ने दोपहर बाद गेट नंबर 3 के सामने रेलवे बोर्ड और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
⦁ एमसीएफ के निगमीकरण को बड़ी साजिश करार देते हुए आने वाले समय में देश के इस सर्वश्रेष्ठ कारखाने को निजी कंपनियों के हाथों बेचे जाने का भी अंदेशा जताया.
⦁ एमसीएफ के निगमीकरण किए जाने की मंशा पर सवाल उठाते हुए कर्मचारी नेताओं ने इस निर्णय के औचित्य पर भी सवाल उठाया.

एमसीएफ के स्थानीय कर्मचारी यूनियन के कार्यवाहक अध्यक्ष राकेश तिवारी ने ईटीवी भारत से की बातचीत में चेयरमैन रेलवे बोर्ड के उस पत्र का उल्लेख करते हुए एमसीएफ के निगमीकरण के विरोध में प्रदर्शन की बात कही. हालांकि कर्मचारी नेताओं ने फिलहाल किसी भी प्रकार के आर्थिक तंगहाली की बात को सिरे से नकार दिया है, लेकिन निगमीकरण के विरोध में जबर्दस्त प्रदर्शन के साथ रेलवे बोर्ड चेयरमैन के पत्र को वापस लेने की मांग की.

Intro:रायबरेली:निगमीकरण के खिलाफ प्रदर्शन को मिली सोनिया से संजीवनी,एमसीएफ में और मुखर हुआ सरकार का विरोध

रायबरेली:सोनिया के साथ ने बढ़ाया कर्मचारियों का जोश, सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई

02 जुलाई 2019 - रायबरेली

रायबरेली के लालगंज स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना समेत भारतीय रेल की तमाम इकाइयों के निगमीकरण किए के जाने के विरोध में जहां देशभर के लगभग सभी रेलवे संगठनों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।वही लोकसभा में आज यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी द्वारा सदन के पटल पर एमसीएफ के मुद्दे को उठाएं जाने के बाद कारखाना परिसर में कर्मचारियों द्वारा एक बार फिर से जोरदार प्रदर्शन किया गया।



Body:लालगंज के मॉडर्न कोच फैक्ट्री परिसर में काफी संख्या में कर्मचारियों ने दोपहर बाद को गेट नंबर 3 के सामने एकजुट होकर रेलवे बोर्ड व सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की।एमसीएफ के निगमीकरण को बड़ी साजिश करार देते हुए आने वाले समय में देश के इस सर्वश्रेष्ठ कारखाने को निजी कंपनियों के हाथों बेचें जाने का भी अंदेशा जताया।

बेहतरीन कार्यक्षमता की बदौलत पूरे विश्व में भारतीय रेल का परचम लहराने में कामयाब रहे एमसीएफ को देश का गौरव करार देते हुए कर्मचारियों ने रेलवे बोर्ड के अलावा केंद्र सरकार के खिलाफ भी विरोध के स्वर बुलंद किए।पूरे देश मे सबसे पहले एमसीएफ के निगमीकरण किए जाने की मंशा पर सवाल उठाते हुए कर्मचारी नेताओं ने इस निर्णय के औचित्य पर सवाल उठाया?


एमसीएफ के स्थानीय कर्मचारी यूनियन के कार्यवाहक अध्यक्ष राकेश तिवारी ने ETV से बातचीत में चेयरमैन रेलवे बोर्ड के उस पत्र का उल्लेख करते हुए एमसीएफ के निगमीकरण के विरोध में प्रदर्शन की बात कही।हालांकि कर्मचारी नेता ने फिलहाल किसी भी प्रकार के आर्थिक तंगहाली के बात को एक सिरे से नकार दिया पर निगमीकरण के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन के साथ रेलवे बोर्ड चेयरमैन के पत्र को वापस लेने की मांग की।








Conclusion:उल्लेखनीय है कि यूपीए शासनकाल में रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी के विशेष प्रयासों से लालगंज में रेल कोच फैक्ट्री को स्थापित किया गया था।काफी जद्दोजहद के बाद कारखाने के लिए भूमि अधिग्रहण को अंजाम दिया गया था और कई वर्ष बीत जाने के बाद कोच फैक्ट्री में उत्पादन शुरु हो सका,और कुछ वर्षों के अंदर ही फर्श से अर्श का सफर एमसीएफ ने तय किया पर सफलता के शीर्ष पर अपनी कामयाबी की छाप छोड़ने के बाद फैक्ट्री को लेकर रेलवे बोर्ड द्वारा इस निर्णय से कारखाने के कर्मचारियों में निराशा का भाव है और यही कारण है कि सभी कर्मचारी यूनियन एक जुट होकर इस निर्णय का विरोध कर रहे है।



विज़ुअल : संबंधित विज़ुअल व पीटीसी

बाइट:राकेश तिवारी - स्थानीय कर्मचारी यूनियन के कार्यवाहक अध्यक्ष - एमसीएफ - रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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