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मकर सक्रांति पर पशुओं को कराएं 'खिचड़ी भोज': श्याम साधु - makar sankranti 2020

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बड़े ही धूम-धाम से मकर सक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. प्रख्यात पशु सेवी और पर्यावरण विद श्याम साधु ने मकर सक्रांति पर विशेष 'खिचड़ी भोज' के आयोजन किए जाने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने इस दिन 'दान' का विशेष महत्व बताते हुए दान करने को कहा है.

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पशु सेवी श्याम साधु ने बताई मकर सक्रांति की महत्ता
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Published : Jan 14, 2020, 9:34 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: देशभर में मकर संक्रांति को लेकर कई तरह के कार्यक्रम हर वर्ष आयोजित किए जाते हैं. देश के अलग-अलग प्रांतों में विभिन्न तरीकों से इस उत्सव को मनाया जाता है. इसी क्रम में रायबरेली के प्रख्यात पशु सेवी और पर्यावरण विद श्याम साधु ने मकर सक्रांति पर विशेष तरह के 'खिचड़ी भोज' के आयोजन का महत्व बताया. साथ ही कहा कि इस दिन 'दान' का विशेष महत्व होता है.

पशु सेवी श्याम साधु ने बताई मकर सक्रांति की महत्ता

खास बातें

  • रायबरेली में बड़े ही धूम-धाम से मकर सक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है.
  • भारत के अलग-अलग प्रांतों में विभिन्न तरीकों से इस उत्सव को मनाया जाता है.
  • प्रख्यात पशु सेवी श्याम साधु ने 'खिचड़ी भोज' को विशेष आयोजन कहा है.
  • इसके साथ ही उन्होंने इस दिन 'दान' का विशेष महत्व बताते हुए दान करने को कहा.

सनातन धर्म में मकर सक्रांति बेहद महत्वपूर्ण पर्व है. दिन की शुरुआत में चिड़ियों को चावल के दाने चुगने के लिए देने चाहिए. फिर प्रयास कर गोवंश और पशुओं को खिचड़ी भोज कराना चाहिए. पशु भोज के बाद मैत्री खिचड़ी भोज का आयोजन भी करना चाहिए. दान हमेशा सुपात्र को देना चाहिए. 'सुपात्र' का अर्थ उन गरीब जरूरतमंद लोगों से है, जो उसके वास्तविक हकदार हैं.
श्याम साधु, प्रख्यात पशु सेवी

रायबरेली: देशभर में मकर संक्रांति को लेकर कई तरह के कार्यक्रम हर वर्ष आयोजित किए जाते हैं. देश के अलग-अलग प्रांतों में विभिन्न तरीकों से इस उत्सव को मनाया जाता है. इसी क्रम में रायबरेली के प्रख्यात पशु सेवी और पर्यावरण विद श्याम साधु ने मकर सक्रांति पर विशेष तरह के 'खिचड़ी भोज' के आयोजन का महत्व बताया. साथ ही कहा कि इस दिन 'दान' का विशेष महत्व होता है.

पशु सेवी श्याम साधु ने बताई मकर सक्रांति की महत्ता

खास बातें

  • रायबरेली में बड़े ही धूम-धाम से मकर सक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है.
  • भारत के अलग-अलग प्रांतों में विभिन्न तरीकों से इस उत्सव को मनाया जाता है.
  • प्रख्यात पशु सेवी श्याम साधु ने 'खिचड़ी भोज' को विशेष आयोजन कहा है.
  • इसके साथ ही उन्होंने इस दिन 'दान' का विशेष महत्व बताते हुए दान करने को कहा.

सनातन धर्म में मकर सक्रांति बेहद महत्वपूर्ण पर्व है. दिन की शुरुआत में चिड़ियों को चावल के दाने चुगने के लिए देने चाहिए. फिर प्रयास कर गोवंश और पशुओं को खिचड़ी भोज कराना चाहिए. पशु भोज के बाद मैत्री खिचड़ी भोज का आयोजन भी करना चाहिए. दान हमेशा सुपात्र को देना चाहिए. 'सुपात्र' का अर्थ उन गरीब जरूरतमंद लोगों से है, जो उसके वास्तविक हकदार हैं.
श्याम साधु, प्रख्यात पशु सेवी

Intro:मकर सक्रांति स्पेशल -

रायबरेली : बोले श्याम साधु, मकर सक्रांति पर पशुओं को कराएं 'खिचड़ी भोज'

14 जनवरी 2020 - रायबरेली

देशभर में मकर संक्रांति को लेकर कई तरह के कार्यक्रम हर वर्ष आयोजित किए जाते है।भारत के अलग-अलग प्रांतों में विभिन्न तरीकों से इस उत्सव को मनाया जाता है।वही रायबरेली के प्रख्यात पशु सेवी व पर्यावरण विद श्याम साधु ने इस मकर सक्रांति पर विशेष 'खिचड़ी भोज' के आयोजन किए जाने की बात कही है।इसके साथ ही उन्होंने इस दिन 'दान' का विशेष महत्व बताते हुए दान जरुर करने की बात कही है।






Body:श्याम साधु कहते हैं कि सनातन धर्म में मकर सक्रांति बेहद महत्वपूर्ण पर्व करार दिया जाता है,इस पर्व को विशेष तरीके से मनाने पर जोर देते हुए श्याम साधु कहते है कि दिन की शुरुआत चिड़ियों को चावल के दाने चुगने के लिए देने के साथ करना चाहिए,फिर प्रयास करके गौवंश,बंदरो व कुत्तों समेत पशु खिचड़ी भोज आयोजित करना चाहिए।पशु भोज के बाद मैत्री खिचड़ी भोज का आयोजन भी करने की बात श्याम साधु कहते है।

मकर सक्रांति पर 'दान' के महत्व को बताते हुए श्याम साधु कहते है कि दान हमेशा सुपात्र को देना चाहिए, 'सुपात्र' का अर्थ उन गरीब जरुरतमंद लोगों से है जो उसके वास्तविक हकदार है न कि वो जिनके पास पहले से ही काफी कुछ उपलब्ध है।








Conclusion:बाइट : श्याम साधु - प्रख्यात पशु सेवी व पर्यावरण विद

प्रणव कुमार - 7000024034

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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