रायबरेली: जिले में संचालित एक इंटरनेशनल स्कूल में कई लोग चालक और परिचालक के पद पर सालों से कार्यरत हैं. लॉकडाउन के चलते स्कूल में पढ़ाई बाधित है और इसका खामियाजा इन कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. स्कूल प्रबंधन ने इनको मार्च से वेतन का भुगतान नहीं किया है, जिससे इनके घरों में भुखमरी के हालात बन गए हैं.
चालक और परिचालक ने जब प्रधानाचार्य से वेतन की बात कही तो उन्होंने इन्हें दो टूक जवाब दिया कि अभी छह माह वेतन नहीं मिलेगा. इसके बाद परिचालकों ने डीएम शुभ्रा सक्सेना से गुहार लगाने उनके कार्यालय पहुंच गए. कार्यालय के बाहर इन्होंने स्कूल प्रबंधन के विरोध में जमकर नारेबाजी की, लेकिन कार्यालय में डीएम के मौजूद न होने से इनकी गुहार सुनने वाला कोई नहीं था.
मायूस चालकों और परिचालकों ने अपना ज्ञापन कार्यालय में मौजूद स्टेनो महेश त्रिपाठी को दिया और वहां से चले गए. पीड़ित मोहम्मद खालिद ने बताया कि हमें मार्च से वेतन नहीं मिला है, जिससे हमारी माली हालत खराब है. हमसे लगातार काम लिया जा रहा है. आज भी कई बसें एआरटीओ के कहने पर भेजी गईं, लेकिन हमें वेतन नहीं दिया जा रहा.