रायबरेली: योगी सरकार भले ही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को चाक-चौबंद बनाए रखने के दावे कर रही हो लेकिन इसकी जमीनी सूरत अभी भी बदलने का नाम नहीं ले रही. रायबरेली में परिवहन विभाग के डिपो में तमाम ऐसी बसें हैं, जिनको लेकर यात्रियों के अलावा निगम के बस चालक भी खासे सशंकित रहते हैं.
रायबरेली के परिवहन निगम डिपो में तैनात बस चालक संजय कुमार सिंह ने बताया कि उनके ऊपर बहुत दबाव है. बसों के अंदर वायरिंग खुली रहती है. इस कारण सही तरीके से बस की साफ-सफाई भी नहीं हो पाती. धूल, गंदगी और संक्रमण का भी खतरा लगातार बना रहता है. बसों की मेंटेनेंस में भी तमाम तरह की खामियां हैं. स्क्रू और बोल्ट भी सही तरीके से नहीं लगाया जाता है. बसों में इमरजेंसी हैंड ब्रेक नहीं लगती है. यही कारण है कि आए दिन परिवहन निगम की बसें दुर्घटना का शिकार हो रही हैं. उन्होंने बताया कि इन बसों से सफर कर रहे यात्री और चालक सभी की जान पर खतरा लगातार बना रहता है. संजय ने कहा कि जब इस बाबत प्रभारी से शिकायत की जाती है तो वह भी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं और इन्ही बसों से चलने के निर्देश देते हैं.
इन आरोपों को लेकर जब रायबरेली डिपो के प्रभारी और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अक्षय कुमार से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रायबरेली डिपो में कोई भी बस खस्ताहाल नहीं है. डिपो से निकलने से पहले सभी बसों का बिंदुवार निरीक्षण किया जाता है और पूरी तरह से सही बसों को ही परिचालन की अनुमति दी जाती है. उन्होंने कहा कि विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों की शिकायतों के निस्तारण करने की एक प्रणाली पहले से स्थापित है. कोई भी अधिकारी व कर्मचारी उसके जरिए भी अपनी बात रख सकता है.