रायबरेली: रेल कोच फैक्ट्री के डॉक्टर समेत पूरे परिवार की मौत मामले में नया मोड़ आया है. वारदात मंगलवार की देर रात हुई थी. इसके बाद पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर कहा था कि डॉ. अरुण सिंह डिप्रेशन में थे. जिसके चलते उन्होंने पहले अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या की. फिर आत्महत्या कर ली. लेकिन, डॉक्टर के ससुर ने पुलिस की कहानी को सिरे से नकार दिया.
डॉ. अरुण सिंह की पत्नी अर्चना सिंह के पिता जय प्रकाश के मुताबिक पति-पत्नी के बीच मधुर संबंध थे. अरुण सिंह में अवसाद जैसे कोई लक्षण कभी सामने नहीं आए. दोनों की शादी 2008 में हुई थी और अभी तक विवाद का कोई मामला सामने नहीं आया. उनका फोन लगातार आता जाता था और सामान्य बातचीत होती थी. बीते रविवार को ही फोन आया था. सब कुछ सामान्य था.
अर्चना सिंह के पिता ने बताया कि मंगलवार देर रात दामाद की मां ने फोन करके कहा था कि दोनों का फोन नहीं उठ रहा है. शायद सबने सामूहिक आत्महत्या कर ली है. उधर पुलिस के आलाधिकारी लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि प्रथमदृष्या जो सबूत मिले हैं उससे डॉक्टर ने डिप्रेशन में रहते अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद खुद आत्महत्या कर ली.
अर्चना के चचेरे भाई रामशिरोमणि ने बताया कि देर रात जैसे ही ये मनहूस खबर अर्चना के पिता के साथ हम सभी लोग रेल कोच कारखाने पहुंचे. जहां पर उनकी मुलाकात आईजी तरुण गाबा से हुई. उन्होंने दोनों मामले के बारे में जानकारी की. लेकिन, जय प्रकाश व उनके भतीजे राम शिरोमणि ने साफ कहा कि दोनों की 2008 में शादी हुई और उसके बाद उनके बीच में कभी किसी तरह का विवाद सामने नहीं आया.
वहीं परिवार से लगातार बात भी होती रही. अभी हाल ही में मेरी भतीजी की गोद भराई है, जिसमें अर्चना के परिवार को भी शामिल होना था. हमारे घर में इसको लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. उधर पुलिस के आलाधिकारी लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि जो सुबूत मिले हैं उसके आधार पर डॉक्टर ने डिप्रेशन में रहते अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद खुद आत्महत्या कर ली. लेकिन, परिजन पुलिस की थ्योरी को सिरे से नकार रहे हैं.