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लखनऊ-प्रयागराज रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य हुआ पूरा

राजधानी लखनऊ व संगम नगरी प्रयागराज के बीच अब इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेन फर्राटा भर सकेंगी. लखनऊ से प्रयागराज के बीच अधूरे पड़े रायबरेली-ऊंचाहार रेलखंड का विद्युतीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है. टेस्टिंग व ट्रायल रन पूरा होने के बाद आला अधिकारियों की मौजूदगी में जल्द ही इसकी औपचारिक शुरुआत हो जाएगी.

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लखनऊ-प्रयागराज रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य हुआ पूरा
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Published : Mar 13, 2021, 6:13 PM IST

रायबरेली: राजधानी लखनऊ से संगम नगरी प्रयागराज के बीच अब इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेन फर्राटा भर सकेंगी. इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने शुक्रवार को ट्रायल रन किया गया. इलेक्ट्रिक इंजन को 100 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया गया, ताकि छोटी-छोटी खामियों का पता लगाकर उन्हें दूर कराया जा सके. आरवीएनएल का दावा है कि ट्रायल रन सफल रहा और जल्द ही मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण होने की संभावना है, ताकि रेलखंड पर कराए गए विद्युतीकरण कार्य पर मुहर लगाई जा सके.

इसे भी पढ़ें- सोनभद्र: चोपन-चुनार के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन को सांसद ने दिखाई हरी झंडी


इलेक्ट्रिफिकेशन में अछूता रहा रायबरेली से प्रयागराज रेलखंड
लखनऊ से प्रयागराज के बीच करीब 38 किमी. रेल लाइन का विद्युतीकरण नहीं था. ऐसे में ट्रेनों का संचालन डीजल इंजन से हो रहा था. ऊंचाहार से रायबरेली के बीच छोटे से हिस्से का विद्युतीकरण कार्य काफी समय से चल रहा था. यह काम अब पूरा हो गया है. रायबरेली-ऊंचाहार रेलखंड पर किए गए विद्युतीकरण कार्य पर पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ाकर ट्रायल लिया गया. इस दौरान आरवीएनएल की टीम मुस्तैद रही. पहले इसे रायबरेली से ऊंचाहार की ओर दौड़ाया गया, फिर ऊंचाहार से रायबरेली वापस लाया गया.

अगले हफ्ते सीसीआरएस कर सकते है रायबरेली का रुख
ऊंचाहार रेल लाइन का विद्युतीकरण पूरा होने के बाद इलेक्ट्रिक लोको का ट्रायल भी सफलतापूर्वक हो गया है. आगामी सप्ताह मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण प्रस्तावित है. सीसीआरएस के निरीक्षण के बाद इस रेलखंड के विद्युतीकरण को अनुमति मिलने की उम्मीद है. इसके बाद लखनऊ से प्रयागराज तक इलेक्ट्रिक लोको से ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो सकेगा.

रायबरेली: राजधानी लखनऊ से संगम नगरी प्रयागराज के बीच अब इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेन फर्राटा भर सकेंगी. इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने शुक्रवार को ट्रायल रन किया गया. इलेक्ट्रिक इंजन को 100 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया गया, ताकि छोटी-छोटी खामियों का पता लगाकर उन्हें दूर कराया जा सके. आरवीएनएल का दावा है कि ट्रायल रन सफल रहा और जल्द ही मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण होने की संभावना है, ताकि रेलखंड पर कराए गए विद्युतीकरण कार्य पर मुहर लगाई जा सके.

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इलेक्ट्रिफिकेशन में अछूता रहा रायबरेली से प्रयागराज रेलखंड
लखनऊ से प्रयागराज के बीच करीब 38 किमी. रेल लाइन का विद्युतीकरण नहीं था. ऐसे में ट्रेनों का संचालन डीजल इंजन से हो रहा था. ऊंचाहार से रायबरेली के बीच छोटे से हिस्से का विद्युतीकरण कार्य काफी समय से चल रहा था. यह काम अब पूरा हो गया है. रायबरेली-ऊंचाहार रेलखंड पर किए गए विद्युतीकरण कार्य पर पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ाकर ट्रायल लिया गया. इस दौरान आरवीएनएल की टीम मुस्तैद रही. पहले इसे रायबरेली से ऊंचाहार की ओर दौड़ाया गया, फिर ऊंचाहार से रायबरेली वापस लाया गया.

अगले हफ्ते सीसीआरएस कर सकते है रायबरेली का रुख
ऊंचाहार रेल लाइन का विद्युतीकरण पूरा होने के बाद इलेक्ट्रिक लोको का ट्रायल भी सफलतापूर्वक हो गया है. आगामी सप्ताह मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण प्रस्तावित है. सीसीआरएस के निरीक्षण के बाद इस रेलखंड के विद्युतीकरण को अनुमति मिलने की उम्मीद है. इसके बाद लखनऊ से प्रयागराज तक इलेक्ट्रिक लोको से ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो सकेगा.

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