रायबरेली: देश की सीमा की सुरक्षा कर रहा जवान ही अब अपनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए अधिकारियों की चौखट के चक्कर काट रहा है. प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था व भूमाफिया पर सख्त कार्रवाई करने का दावा सार्वजनिक मंचों से लगातार करती रहती है. लेकिन, उनके इस दावे की पोल सोमवार को उस समय खुल गई, जब सीमा सुरक्षा बल में तैनात एक जवान अपनी खरीदी हुई जमीन पर कब्जा पाने के लिए जिलाधिकारी की चौखट पर गुहार लगाने पहुंचा.
पीड़ित जवान की आंखों में आंसू भरे थे और और उसका आरोप था कि लेखपाल, कानूनगो और प्रॉपर्टी डीलर की मिलीभगत से उसके प्लॉट पर दूसरा व्यक्ति कब्जा किए हुए है. जबकि, जमीन के कागजात उसकी पत्नी के नाम पर हैं. जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर सीमा सुरक्षा बल की वर्दी में आंखों में आंसू लिए ये जवान आशुतोष सिंह है, जोकि वर्तमान में जम्मू कश्मीर में देश की सीमा की रक्षा में तैनात है. लेकिन, इस जवान ने 2013 में दो बिस्वा प्लॉट पत्नी के नाम पर खरीदा है. उसी पर कब्जा पाने के लिए वो अधिकारियों की चौखट पर माथा टेक रहा है. आशुतोष सिंह की मानें तो उसने पत्नी सीमा के नाम पर मटिहा गांव जोकि अकबरपुर कच्छवाह में पड़ता है में दो बिस्वा जमीन खरीदी थी. जमीन की रजिस्ट्री भी हो गई और दाखिल खारिज भी हो गया. लेकिन, अब उसपर कोई और कब्जा कर निर्माण करा रहा है.
पीड़ित जवान ने इसके लिए तहसील में शिकायत भी की. लेकिन, न तो कानूनगो, न ही लेखपाल और न ही प्रॉपर्टी डीलर ने उसका साथ दिया. उल्टे उससे कहा गया कि वो जमीन उसकी है ही नहीं. परेशान जवान आशुतोष सोमवार को न्याय की आस में जिलाधिकारी की चौखट पर पहुंचा. यहां उसे मामले की जांच का आश्वासन मिला. जवान ने कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वो मजबूरी में आत्महत्या कर लेगा.
मामले में अपर जिलाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि जवान ने जिस व्यक्ति से जमीन खरीदी थी, उसने अपने हिस्से की जमीन से ज्यादा जमीन विक्रय की थी. बैनामे में प्लॉट की चौहद्दी भी गलत है. पीड़ित ने इसको लेकर एक वाद एसडीएम न्यायालय में दायर कर रखा है. मामले में नियमानुसार सुनवाई कर कार्रवाई की जाएगी.
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