रायबरेली: प्रियंका गांधी जिले के भुएमऊ गेस्ट हाऊस पहुंची. यहां वह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नवगठित कार्यकारिणी की कार्यशाला में शिरकत करने के साथ रायबरेली कांग्रेस से जुड़े कई अहम फैसले भी ले सकती हैं. रायबरेली के विधायकों के बीजेपी प्रेम पर वार करते हुए प्रियंका अमोघ अस्त्र का इस्तेमाल कर नए सियासी समीकरणों के जरिए कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने का प्रयास करेंगी. पार्टी के कुछ अहम निर्णयों पर भी प्रियंका मुहर लगा सकती हैं.
भुएमऊ शिविर में कार्यशाला का आयोजन. अहम निर्णयों पर भी प्रियंका लगाएंगी मुहर दरअसल, बीते दिनों रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह द्वारा कई मौकों पर भाजपा सरकार के नेतृत्व की प्रशंसा की गई थी. इसके अलावा 2 अक्टूबर के विधानसभा सत्र में भी अदिति सिंह ने पार्टी के खिलाफ जाकर भाग लिया था. तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि अदिति सिंह भाजपा का दामन थाम सकती हैं. अब पार्टी संगठन अदिति सिंह के इस कदम की काट ढूंढने में कामयाबी हासिल करने का दावा कर रहा है.अदिति के चचेरे भाई व भाजपा के दिवंगत पूर्व सांसद अशोक सिंह के बेटे मनीष सिंह को कांग्रेस में शामिल किया जा सकता है. मनीष सिंह इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा से हरचंदपुर सीट से दांव आजमा चुके हैं, लेकिन उन्हें एमएलसी दिनेश सिंह के भाई राकेश प्रताप सिंह द्वारा शिकस्त दी गई थी. दिलचस्प बात यह भी है कि दिनेश के भाजपा में शामिल होने के बाद से कांग्रेस के दूसरे विधायक राकेश सिंह लगातार भगवा पार्टी के रंग में डूबे नजक आते हैं और कई अवसरों पर खुले मंचों से भी पीएम मोदी व सीएम योगी के तारीफों का पुल बांध चुके हैं.यही कारण है कि मनीष सिंह को पार्टी में शामिल कराकर प्रियंका गांधी अदिति व राकेश समेत दोनों विधायकों को कड़ा संदेश दे सकती हैं. दोपहर बाद भुएमऊ में शुरू हुए इस नए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के शिविर में प्रियंका की मौजूदगी ने संगठन में गर्मजोशी का अहसास कराया. साथ ही प्रदेश संगठन को जमीनी स्तर पर सक्रिय बनाने के मकसद से रायबरेली में हो रहे इस कार्यशाला से कांग्रेस को संजीवनी मिलने की उम्मीद है.