रायबरेली: एक तरफ, जहां मंत्री की भैंस व मुर्गी चोरी होने पर पुलिससे लेकर जिला प्रशासन तक एड़ी चोटी का जोर लगाकर उसका पता लगाकर ही दम लेता है, तो वहीं, किसी गरीब का सहारा बने इन जानवरों के चोरी होने पर उसे प्रायोजित बताने में भी पुलिस अधिकारीनहीं चूकते. सैलून चलाने वाले वाले राम नारायणकी सात भैंसें रात में चोरी हो गई. उन्होंने इसकी शिकायत थानेदार से लेकर पुलिस अधीक्षकतक की मगर कोई भी उनकी फरियाद को सुनने को तैयार नहीं हैंं.
सलोन कोतवाली क्षेत्र के बगहा के रहने वाले विकलांग राम नारायणदूध बेंचकर अपने तीनबच्चों व बूढ़ी मां का पालन पोषण करते हैं. उनकी सात भैंसें आठ फरवरी की रात कोई चोरी कर ले गया. भैंसों के बाड़े से जब देर रात कोई आवाज नहीं आई तो पीड़ित बाड़े पर पहुंचा तो सन्न रह गया. सुबह होते ही उसने मामले की शिकायत कोतवाली में की.पहले तो कोतवाल ने उनकी सुनी नहीं,फिर बहुत गुहार लगाने पर उसकी बात तो सुनी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया. थक हारकर शुक्रवार को पीड़ित अपने पूरे परिवार के साथ पुलिस अधीक्षक कीचौखट पर गुहार लगाने पहुंचा, लेकिन यहां भी उसे मायूसी ही हाथ लगी.
पीड़ितराम नारायण ने ईटीवी भारत को बताया कि उसने थानेपर चारबार एफआईआरदिया मगर अभी मुकदमा तक दर्ज नहीं किया गया है. वहीं, पीड़ित की मां बिट्टन देवी रोते हुए कहती हैं कि उनकी सात भैंसे चोरी हों गई हैं मगर अभी तककोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि भैंस ही उनके जीवन-यापन का साधन थी. जिस दिन से भैंस चोरी हुई है, उस दिन से उन्होंने अन्न-जल त्याग दिया है.
इस पूरे मामले पर जब पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार से बात की गई तो उनका जवाब सुनकर प्रदेश के खाकीधारियों की मंशा का सहज ही अंदाजा लग गया कि ये गरीब जनता को कैसे न्याय देते होंगे. उन्होंने पूरे मामले को ही मनगढ़ंत औऱ प्रायोजित बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया और अपने अधीनस्थ को क्लीनचिट दे दी.