रायबरेली: यूपी पुलिस के कारनामे भी गजब हैं. कभी हेल्मेट न पहनने पर कार चालक का चालान कर देती है तो कभी बच्चे पर शांतिभंग की धारा में बच्ची का चालान कर देती है. ऐसा ही एक वाक्या रायबरेली में देखने को मिला है. यहां पुलिस ने दो मासूमों का शांतिभंग में चालान कर दिया है. मासूम के परिजनों के पास जब चालान पहुंचा तब उन्हें इस बात की जानकारी हुई. परिजनों ने उपजिलाधिकारी से इसकी शिकायत की.
विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए पुलिस अपराधियों और असामाजिक तत्वों पर विशेष नजर रख रही है. इनके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन खाकी इसमें भी अपना खेल दिखाने में जुटी है. रायबरेली के नसीराबाद थाना क्षेत्र की पुलिस को 10 और 9 वर्षीय मासूम से चुनाव में गड़बड़ी करने का खतरा है. इसलिए पुलिस ने दोनों के खिलाफ शांतिभंग में चालान कर दिया है. बीते मंगलवार को बिरनावा गांव निवासी रामचन्द्र के घर पर एक पुलिसकर्मी दो मासूमों के खिलाफ चालान लेकर पहुंचा. पुलिसकर्मी ने रामचन्द्र के दोनों पुत्रों को शांतिभंग में निरुद्ध बताया और एसडीएम के पास जमानत कराने के लिए कहा. ये सुनते ही रामचंद्र के पैरों तले जमीन खिसक गई.
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परेशान रामचंद्र अपने बेटे को लेकर उपजिलाधिकारी कार्यालय सलोन पहुंचे और उनको अपनी व्यथा बताई. जिसके बाद एसडीएम ने तत्काल दोनों मासूमों का चालान निरस्त किया और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को जमकर लताड़ा.
इससे पहले भी संत कबीर नगर की धनघटा पुलिस ने जमीन विवाद में पुलिस ने एक 11 वर्षीय बच्ची का चालान कर दिया. अब बच्ची के पिता नाबालिग का नाम हटाने के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. 3 महीने गुजरने के बावजूद भी पुलिस ने अभी तक मामले को संज्ञान में नहीं लिया है. पीड़ित भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता है और अपनी पार्टी के नेताओं से भी मिल चुका है, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है. पीड़ित सुभाष चौहान ने डीएम और एसपी कार्यालय पहुंचकर इस मामले में न्याय की गुहार भी लगाई थी.