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रायबरेली: जरूरतमंदों को नहीं मिला विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का लाभ

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Published : Feb 5, 2020, 10:33 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

यूपी के रायबरेली जिले में जिला उद्योग केंद्र द्वारा संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. यहां जरूरतमंदों को ही इस योजना के बारे में जानकारी नहीं है और न ही इन्हें इसका लाभ मिल सका है.

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रायबरेली में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जरूरतमंद हैं अनजान.

रायबरेली: सरकारी योजनाओं का धरातल पर असर किसी से छुपा नहीं है. हालात इस कदर खराब हैं कि महत्वकांक्षी योजनाएं भी प्रचार प्रसार की कमी के कारण आम जनमानस से दूरी बनाए हुए हैं. राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जनपद व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तमाम ऐसी योजनाएं हैं, जो सरकारी दावों की पोल खोलती नजर आती हैं. जिला उद्योग केंद्र द्वारा संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना भी जिले में दम तोड़ती नजर आती है.

जरूरतमंदों को नहीं मिल सका है योजना का लाभ.
हालांकि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत रायबरेली जनपद में शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का विभाग द्वारा दावा किया जाता रहा है. ईटीवी भारत की पड़ताल में तमाम ऐसे पात्र लाभार्थी मिले, जिन्हें योजना से जुड़ी मामूली जानकारी भी नहीं है और न इन्हें इसका लाभ मिल सका है. योजना को परवान चढ़ाने की जिम्मेदारी जिला उद्योग केंद्र को दी गई थी और विभाग के अधिकारी प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग दिलाकर टूल किट देने की बात कहते दिख रहे हैं.

क्या कहते हैं लोग
शहर के मुंशीगंज के नजदीक पत्थर के कारीगर विनोद कुमार कहते हैं कि योजना के तहत प्रशिक्षण के बाबत फॉर्म भरा था पर कुछ नहीं हुआ. फिलहाल, योजना के तहत कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं जिले के राही विकास खंड निवासी सजीवन राम कहते हैं कि ऐसी किसी योजना का नाम नहीं सुना. सरकारी संस्थानों द्वारा इसके विषय मे कोई जानकारी भी नहीं मिली.


जहां जानकारी वहां लाभ नहीं पहुंचा
सनी कुमार कहते हैं कि योजना के बारें में सुना है, पर अब तक कोई लाभ नहीं मिला है. इस बाबत संबंधित विभाग से जानकारी हासिल करने के प्रयास के बारे में पूछे जाने पर वह कहते हैं कि योजना किस विभाग के अधीन है, उन्हें पता नहीं है. हालांकि जिला उद्योग केंद्र की उपायुक्त नेहा सिंह दावा करती है कि योजना के तहत शासन द्वारा निर्धारित 250 लाभार्थियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी हैं. साथ ही सभी को टूल किट व प्रमाण पत्रों का भी वितरण किया जा चुका है.


ये भी पढ़ें: रायबरेली: जल्द पूरा होगा रिंग रोड प्रोजेक्ट, नए वेंडर को सौंपी गई जिम्मेदारी

रायबरेली: सरकारी योजनाओं का धरातल पर असर किसी से छुपा नहीं है. हालात इस कदर खराब हैं कि महत्वकांक्षी योजनाएं भी प्रचार प्रसार की कमी के कारण आम जनमानस से दूरी बनाए हुए हैं. राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जनपद व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तमाम ऐसी योजनाएं हैं, जो सरकारी दावों की पोल खोलती नजर आती हैं. जिला उद्योग केंद्र द्वारा संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना भी जिले में दम तोड़ती नजर आती है.

जरूरतमंदों को नहीं मिल सका है योजना का लाभ.
हालांकि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत रायबरेली जनपद में शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का विभाग द्वारा दावा किया जाता रहा है. ईटीवी भारत की पड़ताल में तमाम ऐसे पात्र लाभार्थी मिले, जिन्हें योजना से जुड़ी मामूली जानकारी भी नहीं है और न इन्हें इसका लाभ मिल सका है. योजना को परवान चढ़ाने की जिम्मेदारी जिला उद्योग केंद्र को दी गई थी और विभाग के अधिकारी प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग दिलाकर टूल किट देने की बात कहते दिख रहे हैं.

क्या कहते हैं लोग
शहर के मुंशीगंज के नजदीक पत्थर के कारीगर विनोद कुमार कहते हैं कि योजना के तहत प्रशिक्षण के बाबत फॉर्म भरा था पर कुछ नहीं हुआ. फिलहाल, योजना के तहत कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं जिले के राही विकास खंड निवासी सजीवन राम कहते हैं कि ऐसी किसी योजना का नाम नहीं सुना. सरकारी संस्थानों द्वारा इसके विषय मे कोई जानकारी भी नहीं मिली.


जहां जानकारी वहां लाभ नहीं पहुंचा
सनी कुमार कहते हैं कि योजना के बारें में सुना है, पर अब तक कोई लाभ नहीं मिला है. इस बाबत संबंधित विभाग से जानकारी हासिल करने के प्रयास के बारे में पूछे जाने पर वह कहते हैं कि योजना किस विभाग के अधीन है, उन्हें पता नहीं है. हालांकि जिला उद्योग केंद्र की उपायुक्त नेहा सिंह दावा करती है कि योजना के तहत शासन द्वारा निर्धारित 250 लाभार्थियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी हैं. साथ ही सभी को टूल किट व प्रमाण पत्रों का भी वितरण किया जा चुका है.


ये भी पढ़ें: रायबरेली: जल्द पूरा होगा रिंग रोड प्रोजेक्ट, नए वेंडर को सौंपी गई जिम्मेदारी

Intro:रायबरेली: जरुरतमंदों को नहीं है श्रम सम्मान योजना की जानकारी, विभाग कर रहा है सफल क्रियान्वयन का दावा

05 फरवरी 2020 - रायबरेली

सरकारी योजनाओं का धरातल पर असर किसी से छुपा नही है।हालात इस कदर खराब है कि महत्वकांक्षी योजनाएं भी प्रचार प्रसार की कमी के कारण आम जनमानस से दूरी बनाएं हुए है।
राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जनपद व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तमाम ऐसी योजनाएं हैं जो सरकारी दावों की पोल खोलती नज़र आती है।ज़िला उद्योग केंद्र द्वारा संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना भी जिले में दम तोड़ती नज़र आती है।

हालांकि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत रायबरेली जनपद में शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का विभाग द्वारा दावा किया जाता रहा है पर ETV भारत की पड़ताल में तमाम ऐसे पात्र लाभार्थी मिले जिन्हें योजना से जुड़ी मामूली जानकारी भी नही होने की बात सामने आ रही है। योजना को परवान चढ़ाने की जिम्मेदारी जिला उद्योग केंद्र को दी गई थी और विभाग के अधिकारी प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग दिलाकर टूल किट देने की बात कहते दिख रहे है।




Body:शहर के मुंशीगंज के नजदीक पत्थर के कारीगर विनोद कुमार कहते है कि योजना के तहत प्रशिक्षण के बाबत फॉर्म भरा था पर कुछ हुआ नही।फिलहाल योजना के तहत कोई लाभ नही मिल पा रहा है।

वही ज़िले के राही विकास खंड निवासी सजीवन राम कहते है कि ऐसी किसी योजना का नाम नही सुना।सरकारी संस्थानों द्वारा इसके विषय मे कोई जानकारी भी नही मिली।

सनी कुमार कहते है कि योजना के बारें में सुना है पर अब तक कोई लाभ नही मिला है।इस बाबत संबंधित विभाग से जानकारी हासिल करने के प्रयास के बारें में पूछे जाने पर वह कहते है कि योजना किस विभाग के अधीन है उन्हें पता नही।

हालांकि जिला उद्योग केंद्र की उपायुक्त नेहा सिंह दावा करती है कि योजना के तहत शासन द्वारा निर्धारित 250 लाभार्थियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी हैं।साथ ही सभी को टूल किट व प्रमाण पत्रों का भी वितरण किया जा चुका है।




Conclusion:बाइट 1 :सनी कुमार - कामगार,

बाइट 2 : विनोद कुमार - कामगार,

बाइट 3: सजीवन राम



काउंटर बाइट : नेहा सिंह - उपायुक्त - जिला उद्योग केंद्र - रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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