रायबरेली: सरकारी योजनाओं का धरातल पर असर किसी से छुपा नहीं है. हालात इस कदर खराब हैं कि महत्वकांक्षी योजनाएं भी प्रचार प्रसार की कमी के कारण आम जनमानस से दूरी बनाए हुए हैं. राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जनपद व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तमाम ऐसी योजनाएं हैं, जो सरकारी दावों की पोल खोलती नजर आती हैं. जिला उद्योग केंद्र द्वारा संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना भी जिले में दम तोड़ती नजर आती है.
क्या कहते हैं लोग
शहर के मुंशीगंज के नजदीक पत्थर के कारीगर विनोद कुमार कहते हैं कि योजना के तहत प्रशिक्षण के बाबत फॉर्म भरा था पर कुछ नहीं हुआ. फिलहाल, योजना के तहत कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं जिले के राही विकास खंड निवासी सजीवन राम कहते हैं कि ऐसी किसी योजना का नाम नहीं सुना. सरकारी संस्थानों द्वारा इसके विषय मे कोई जानकारी भी नहीं मिली.
जहां जानकारी वहां लाभ नहीं पहुंचा
सनी कुमार कहते हैं कि योजना के बारें में सुना है, पर अब तक कोई लाभ नहीं मिला है. इस बाबत संबंधित विभाग से जानकारी हासिल करने के प्रयास के बारे में पूछे जाने पर वह कहते हैं कि योजना किस विभाग के अधीन है, उन्हें पता नहीं है. हालांकि जिला उद्योग केंद्र की उपायुक्त नेहा सिंह दावा करती है कि योजना के तहत शासन द्वारा निर्धारित 250 लाभार्थियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी हैं. साथ ही सभी को टूल किट व प्रमाण पत्रों का भी वितरण किया जा चुका है.
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