रायबरेली: जिले में ओडीओपी 'वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट' योजना को जिले स्तर पर साकार रूप देने के मकसद से दो दिवसीय उद्यम समागम प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. इस दौरान कामगारों ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए स्टॉल लगाकर विस्तृत जानकारी दी. कार्यक्रम के दूसरे और अंतिम दिन भारी संख्या में लोगों ने इस प्रदर्शनी में शिरकत की.
स्वरोजगार को दिया गया बढ़ावा
जिले में उद्योग केंद्र द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. इस आयोजन का लक्ष्य लघु उद्योग के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देना है. इसमें न केवल रायबरेली बल्कि आसपास के कई जनपदों के लघु और कुटीर उद्योग को भी जोड़ा गया. वहीं स्वरोजगार संस्था से जुड़े लोगों ने अवसर का लाभ उठाते हुए उत्पाद के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराया.
इसे भी पढ़ें:- रायबरेली: स्मृति ईरानी ने किया आरजीआईपीटी के 'संस्थान व्याख्यानमाला' का शुभारंभ
लघु और कुटीर उघोगों को दिया गया बढ़ावा
जिला उद्योग केंद्र प्रभारी उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि पहले वृहद आयोजन से रायबरेली जनपद में ओडीओपी योजना के तहत चुने गए 'वुड वर्क' समेत 100 स्टॉलों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस समागम में कई प्रकार के लघु और कुटीर उद्योगों से जुड़े उत्पादों की बड़ी श्रृंखला शामिल रही. कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर एमएसएमई समेत अन्य सरकारी विभागों से सहयोग दिए जाने पर उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र नेहा सिंह ने आभार जताया.
जानिए कितनी लाभप्रद है यह योजना
इस योजना के तहत सरकार की पहल पर बैंकों ने करीब 1.5 करोड़ तक के लोन दिए जाने की बात कही. उपायुक्त ने दावा किया कि योजना से जुड़े लाभार्थियों को प्रशिक्षण के साथ ही टूल किट वितरित की जाती है और साथ ही उत्पादों के बिक्री को लेकर हर संभव मदद विभाग द्वारा मुहैया कराई जाती है. इसके लिए जनपद में ओडीओपी के तहत 'वुड वर्क' या 'काष्ठ कला' का चयन किया गया है.