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रायबरेली में पशुओं की संख्या में हुआ 22 हजार का इजाफा

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पशुपालन विभाग ने पशुओं की गणना को इस बार हाईटेक तरीके से किया है. इस बार पशुओं की संख्या में इजाफा भी हुआ है.

जनपद में पशुओं की संख्या में हुआ इजाफा
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Published : Aug 8, 2019, 10:09 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: जनपद में कैटल सेंसस की प्रक्रिया को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में पशु चिकित्सा विभाग कामयाब रहा. कैटल सेंसस के आंकड़ों के अनुसार पिछली सेंसस की अपेक्षा इस बार की गणना में करीब 22 हजार का इजाफा हुआ है.

पशु गणना की जानकारी देते मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी,

पशु गणना हुई संपन्न-

  • शासन की मंशा के अनुरूप इस बार गणना की प्रक्रिया को पशु पालन से जुड़े विभागीय लोगों ने ही पूरा किया है.
  • इसीलिए विशेषज्ञ इस गणना को ज्यादा भरोसेमंद मान रहे हैं.
  • गौवंशीय, महिषवंशी, हाथी, गधा, खच्चर , घोड़ा और कुत्ते, बिल्ली समेत अन्य आवारा पशुओं को भी गणना में शामिल किया गया है.
  • 20वीं पशु गणना के विशेषताओं का खुलासा करते हुए जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि
  • इसके साथ ही जीपीएस युक्त डिवाइस से डोर टू डोर जाकर पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है.
  • हाईटेक तरीके से अंजाम दी गयी गणना में त्रिस्तरीय तरीके से स्क्रीनिंग का प्रावधान था.
  • पूर्व के अवसरों में कैटल सेंसस की प्रक्रिया राजस्व कर्मियों के जरिए पूरी की जाती रही है.

रायबरेली जनपद में कैटल सेंसस की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. वर्ष 2012 में हुई पिछली सेंसस की अपेक्षा इस वर्ष में करीब 20 - 22 हजार पशुओं की वृद्धि हुई है. वर्ष 2012 के सेंसस के अनुसार जनपद में 5 लाख 33 हजार 237 हाउस होल्ड पशुओं की गणना हुई थी.
-डॉ. गजेंद्र सिंह चौहान,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

रायबरेली: जनपद में कैटल सेंसस की प्रक्रिया को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में पशु चिकित्सा विभाग कामयाब रहा. कैटल सेंसस के आंकड़ों के अनुसार पिछली सेंसस की अपेक्षा इस बार की गणना में करीब 22 हजार का इजाफा हुआ है.

पशु गणना की जानकारी देते मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी,

पशु गणना हुई संपन्न-

  • शासन की मंशा के अनुरूप इस बार गणना की प्रक्रिया को पशु पालन से जुड़े विभागीय लोगों ने ही पूरा किया है.
  • इसीलिए विशेषज्ञ इस गणना को ज्यादा भरोसेमंद मान रहे हैं.
  • गौवंशीय, महिषवंशी, हाथी, गधा, खच्चर , घोड़ा और कुत्ते, बिल्ली समेत अन्य आवारा पशुओं को भी गणना में शामिल किया गया है.
  • 20वीं पशु गणना के विशेषताओं का खुलासा करते हुए जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि
  • इसके साथ ही जीपीएस युक्त डिवाइस से डोर टू डोर जाकर पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है.
  • हाईटेक तरीके से अंजाम दी गयी गणना में त्रिस्तरीय तरीके से स्क्रीनिंग का प्रावधान था.
  • पूर्व के अवसरों में कैटल सेंसस की प्रक्रिया राजस्व कर्मियों के जरिए पूरी की जाती रही है.

रायबरेली जनपद में कैटल सेंसस की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. वर्ष 2012 में हुई पिछली सेंसस की अपेक्षा इस वर्ष में करीब 20 - 22 हजार पशुओं की वृद्धि हुई है. वर्ष 2012 के सेंसस के अनुसार जनपद में 5 लाख 33 हजार 237 हाउस होल्ड पशुओं की गणना हुई थी.
-डॉ. गजेंद्र सिंह चौहान,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

Intro:रायबरेली:जनपद में पशुओं की संख्या में हुआ इजाफा, राजस्व नही पशु चिकित्सा विभाग द्वारा सम्पन्न हुई गणना

07 अगस्त 2019 - रायबरेली

रायबरेली जनपद में कैटल सेंसस की प्रक्रिया को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में कामयाब रहे पशु चिकित्सा विभाग ने हाई टेक तरीके से अंजाम दिए गणना से जुड़े आंकड़ों का खुलासा किया है। सेंसस के आंकड़ों के अनुसार पिछली सेंसस की अपेक्षा इस बार की गणना में करीब 22 हज़ार का इजाफा हुआ है।शासन की मंशा के अनुरुप इस बार गणना की प्रक्रिया को राजस्व विभाग की जगह पशु पालन से जुड़े विभागीय लोगों द्वारा ही पूरा किया गया है,इसीलिए विशेषज्ञों द्वारा गणना को ज्यादा भरोसेमंद माना जा रहा है।

20वी पशु गणना के विशेषताओं का खुलासा करते हुए जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गौवंशीय, महिषवंशी,हाथी,गधा,खच्चर,घोड़ा व कुत्ते बिल्ली समेत अन्य आवारा पशुओं को भी गणना में शामिल किया गया है।साथ ही जीपीएस एनेबल्ड डिवाइस में डोर टू डोर जाकर पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है।








Body:रायबरेली के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि रायबरेली जनपद में कैटल सेंसस की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।वर्ष 2012 में हुई पिछली सेंसस की अपेक्षा इस वर्ष में करीब 20 - 22 हज़ार पशुओं की वृद्धि हुई है।

वर्ष 2012 के सेंसस के अनुसार जनपद में 5 लाख 33 हज़ार 237 हाऊस होल्ड पशुओं की गणना हुई थी वही वर्ष के अप्रैल माह में सम्पन्न हुई इस गणना के तहत 5 लाख 55 हज़ार 560 हाऊस होल्ड पशु पाएं गए।

इस बार के सेंसस की विशेषताओं के बारें में बताते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी दावा करते है कि हाईटेक तरीके से अंजाम दी गयी गणना को त्रिस्तरीय तरीके से स्क्रीनिंग का प्रावधान था।
टैबलेट के द्वारा गणना दर्ज करने के बाद न्यूमरेटर,सुपरवाइजर और प्रभारी अधिकारी द्वारा स्वीकृत किए जाने के बाद ही गणना का पंजीकरण सफल माना गया है।जबकि पूर्व के अवसरों में कैटल सेंसस की प्रक्रिया राजस्व कर्मियों के जरिए पूरी की जाती रही है उसमें पशु पालन विभाग के लोगों की संलिप्तता नही रहती थी।





Conclusion:बाइट : डॉ गजेंद्र सिंह चौहान - मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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