रायबरेली : स्मार्ट कार्ड के जरिए परिवहन निगम की बसों में सफर करने वालों के लिए विभाग ने गुजरे दौर में लौटने का मन बनाया है. परिवहन निगम द्वारा बसों में स्मार्ट कार्ड और ओपन एंडेड कार्ड के चलन को बंद करने का आदेश जारी किया गया है. इसके बाद एक बार फिर हाथों से लिखी हुई कागज की पर्चियों वाली एमएसटी का दौर वापस आ गया है. करीब 4 साल पहले निगम द्वारा लागू की गई स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था के बंद होने के साथ ही अब नियमित यात्रियों को रोडवेज डिपो से पहले की तरह एमएसटी बनवानी पड़ेगी. इसके अलावा ओपन एंडेड कार्ड के चलन को भी निष्प्रभावी करने का निर्णय लिया गया है.
- रोडवेज यात्रियों के लिए मिलने वाली सुविधाओं को हाईटेक बनाने के मकसद से परिवहन निगम स्मार्ट कार्ड लेकर आया था.
- इसमें दो तरह के कार्ड थे. पहला एक स्मार्ट कार्ड जो एमएसटी (मंथली स्पेशल टिकट) का काम करते थे.
- दूसरा एक ओपन एंडेड कार्ड के चलन की शुरुआत निगम द्वारा की गई थी.
- पूर्व की भांति सभी सुविधाएं यात्रियों को मिलती थीं और रिचार्ज करने में उन्हें सहूलियत हासिल थी.
- कार्ड में बैलेंस की कोई निर्धारित अवधि नहीं थी पर सफर करने से पहले रिचार्ज करके इसका प्रयोग किराए के भुगतान में किया जा सकता था.
विभाग द्वारा परिचालक को सौंपे गए 'टिकटिंग मशीन' के माध्यम से इसके प्रयोग की बात कही गई थी, लेकिन तमाम दावों के विपरीत अब जब इनके प्रयोग पर रोक लग चुकी है तो जिम्मेदार पुरानी व्यवस्था पर लौट आने की बात कह रहे हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय द्वारा स्मार्ट कार्ड और ओपन एंडेड कार्ड की व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है. 7 मार्च से स्मार्ट कार्ड का प्रयोग बंद हो रहा है. वहीं 16 मार्च से ओपन एंडेड कार्ड भी काम करना बंद कर देगा.
अक्षय कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, रायबरेली