रायबरेलीः प्रदेश में दवाइयों के अभाव में लाखों मरीजों की मौत हो जाती है. वहीं सरकार उनको दवाएं मुहैया कराने के लिए लगातार प्रयत्न करती है. अरबों कीमत की दवाएं खरीदकर उन्हें अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाती है, लेकिन जिनके कंधों पर इन दवाइयों के वितरण की जिम्मेदारी है. उनकी लापरवाही के कारण ये दवाएं जरूरतमंदों को नहीं मिलती. जब कभी इन दवाइयों की खोज की जाती है तो आनन-फानन इन दवाइयों को आग के हवाले कर दिया जाता है.
एक ऐसा ही मामला रायबरेली के लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिला जब लाखों कीमत की अन एक्सपायरी दवाओं को जलाया जा रहा था. इसकी जानकारी किसी ने एसडीएम को दी तो वो मौके पर पहुंचे और अधीनस्थों की मदद से आग को बुझवाया.
दरअसल मंगलवार को जिले के लालगंज में संचालित सीएचसी में पीछे की ओर तेज आग लगी थी. हवा में दवाइयों के जलने की बदबू आ रही थी. लोग अस्पताल के पीछे ये देखने के लिए गए कि क्या जल रहा है. जब वो मौके पर पहुंचे तो उन्हें आग में दवा जलते हुए दिखाई दी. इस पर उन्होंने इसकी सूचना उपजिलाधिकारी लालगंज को दी. सूचना पर एसडीएम अपने अधीनस्थों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने आग को बुझवाया. जिससे वहां लाखों की कीमत की दवाएं जलने से बच गईं. वहीं बहुत सी दवाएं आग की चपेट में आने से जलकर राख हो गईं.
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फिलहाल एसडीएम ने मामले की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है. उपजिलाधिकारी लालगंज विजय कुमार ने बताया कि अक्टूबर 2022 में अन एक्सपायर लाखों की दवाओं को आग के हवाले किया गया था. आग बुझा दी गई है. कुछ दवाओं को जलने से बचा लिया गया है. इन दवाओं को नष्ट करने के लिए सीएचसी लालगंज जिम्मेदार है. मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.