रायबरेलीः शहीद जवान मंगलवार को उत्तराखंड के रुड़की के पास पुरखा में 6 जवानों को ट्रेनिंग दे रहे थे. तभी पुल बनाने की ट्रेनिंग के दौरान पुल धसने से गाड़ी पलट गई और वो हादसे का शिकार हो गए. जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के रुड़की में राम शंकर द्विवेदी के निर्देश पर सेना के जवान नहर पर पुल बनाने के लिए गार्डर डाल रहे थे. वो दो गार्डर डाल चुके थे, तीसरा गार्डर डालते समय अचानक पुल का एक हिस्सा धंसने लगा. तभी सूबेदार राम शंकर द्विवेदी ने जवानों से भागने के लिए कहा. आखिरकार सभी 6 जवान गाड़ी से कूदकर भाग निकले. जिससे उनकी जान तो बच गई, लेकिन सूबेदार राम शंकर द्विवेदी पुल धसने की वजह से गाड़ी समेत पलट गए. मलबे में दबने से उनकी मौत हो गई.
पुल बनाते समय हुआ हादसा
गांव में सूचना आने के बाद कोहराम मच गया. गुरुवार को शव गांव पहुंचा तो सैकड़ों की संख्या में लोग गांव पहुंचे और सूबेदार राम शंकर द्विवेदी को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. गांव से जैसे ही शव अंतिम संस्कार के लिए गंगा तट के लिए निकला तो जगह-जगह भारत माता की जय और राम शंकर द्विवेदी अमर रहे के नारों से गलियां गूंज उठी. जगह-जगह उनके पार्थिव शव को रोककर लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.
सूबेदार के दोनों बेटे भी हैं सेना
सूबेदार राम शंकर द्विवेदी के दो बेटे हैं, जो सेना में ही आज भी देश की रक्षा के लिए सीमा पर ड्यूटी दे रहे हैं. राम शंकर द्विवेदी का गंगा तट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान एसडीएम लालगंज विनय कुमार, सरेनी कोतवाली प्रभारी, बीजेपी विधायक और सेना की ओर से आए अधिकारियों और जवानों ने सूबेदार राम शंकर द्विवेदी को श्रद्धांजलि दी.