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रायबरेली: कंगारु केयर यूनिट की सुविधाओं में होगा इजाफा, जच्चा-बच्चा को मिलेगी बेहतर सुविधा

रायबरेली प्रशासन कंगारु केयर यूनिट की सुविधाओं को बेहतर बनाने की योजना बना रहा है, जिससे कुपोषित नवजात शिशुओं का बेहतर तरीके से चिकित्सीय उपचार किया जाएगा.

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कंगारु केयर यूनिट की सुविधाओं में होगा इजाफा.
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Published : Dec 20, 2019, 1:09 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: जिले में कंगारु केयर यूनिट की सुविधाओं को उच्च स्तरीय बनाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है. योजना को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमा ठोस प्लानिंग की बात कह रहा है. यह योजना जिले के कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित होगी. दरअसल, इस योजना के अंतर्गत कुपोषित बच्चों का बेहतर ढंग से इलाज किया जाएगा.

कंगारु केयर यूनिट की सुविधाओं में होगा इजाफा.

जानिए आखिर क्या है कंगारु केयर यूनिट
दरअसल, कंगारु केयर यूनिट उस प्रक्रिया का अंग है, जिसमें शिशु को मां के साथ सहज अवस्था में रखा जाता है, जिसकी निगरानी चिकित्सकों के द्वारी की जाती है. बता दें कि कंगारु मदर केयर तकनीक में बच्चे को मां के सीने से चिपका कर रखा जाता है, ताकि मां के शरीर की गर्माहट बच्चे तक ट्रांसफर हो सके. मां के शरीर का तापमान बच्चे को मिलने से बच्चे का तापमान स्थिर रहता है और उसे ठंड लगने या बुखार होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है. इस तकनीक से बच्चे के अंदर प्रतिरोधक क्षमता के विकास होने के साथ उसके मानसिक और शारीरिक विकास में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं.

इसे भी पढ़ें- रायबरेली: एनटीपीसी के त्रिपलर प्लांट का ग्रामीणों ने किया विरोध

रायबरेली में एसएनसीयू और कंगारू केयर यूनिट दोनों ही कॉन्सेप्ट पर बेहतर तरीके से काम किया जा रहा है. इसे अपग्रेड करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे नवजात शिशु को और बेहतर माहौल मिलेगा. इस कड़ी में चिकित्सक काम कर रहे हैं और मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट को भी अपग्रेड किया जा रहा है.
- डॉ. शरद कुमार वर्मा, प्रभारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

रायबरेली: जिले में कंगारु केयर यूनिट की सुविधाओं को उच्च स्तरीय बनाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है. योजना को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमा ठोस प्लानिंग की बात कह रहा है. यह योजना जिले के कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित होगी. दरअसल, इस योजना के अंतर्गत कुपोषित बच्चों का बेहतर ढंग से इलाज किया जाएगा.

कंगारु केयर यूनिट की सुविधाओं में होगा इजाफा.

जानिए आखिर क्या है कंगारु केयर यूनिट
दरअसल, कंगारु केयर यूनिट उस प्रक्रिया का अंग है, जिसमें शिशु को मां के साथ सहज अवस्था में रखा जाता है, जिसकी निगरानी चिकित्सकों के द्वारी की जाती है. बता दें कि कंगारु मदर केयर तकनीक में बच्चे को मां के सीने से चिपका कर रखा जाता है, ताकि मां के शरीर की गर्माहट बच्चे तक ट्रांसफर हो सके. मां के शरीर का तापमान बच्चे को मिलने से बच्चे का तापमान स्थिर रहता है और उसे ठंड लगने या बुखार होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है. इस तकनीक से बच्चे के अंदर प्रतिरोधक क्षमता के विकास होने के साथ उसके मानसिक और शारीरिक विकास में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं.

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रायबरेली में एसएनसीयू और कंगारू केयर यूनिट दोनों ही कॉन्सेप्ट पर बेहतर तरीके से काम किया जा रहा है. इसे अपग्रेड करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे नवजात शिशु को और बेहतर माहौल मिलेगा. इस कड़ी में चिकित्सक काम कर रहे हैं और मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट को भी अपग्रेड किया जा रहा है.
- डॉ. शरद कुमार वर्मा, प्रभारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:रायबरेली स्पेशल:कंगारु केअर यूनिट को और अधिक उच्च स्तरीय बनाएगा ज़िले का चिकित्सीय महकमा,बेहतर प्लानिंग के साथ इम्पलीमेंटेशन की तैयारी

19 दिसंबर 2019 - रायबरेली

कभी कंगारु केयर यूनिट के कांसेप्ट को इंप्लीमेंट करने में प्रदेश के तमाम जनपदों के बीच में नजीर बनकर उभरें रायबरेली में अब इसे और अधिक विकसित व सुलभ करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।जिले का चिकित्सीय व स्वास्थ महकमा इस दिशा में ठोस प्लानिंग के साथ आगे बढ़ने की बात कहते हुए मातृ व शिशु के लिए पहले से बेहतर परिणाम लाने वाले कांसेप्ट को इम्पलीमेंट करने की बात कह रहा है।इसी दिशा में प्रयोग पूरा करने की बात स्वीकार करते हुए जल्द ही इसे जिला चिकित्सालय में लागू किए जाने का दावा भी करा जा रहा है।





Body:ईटीवी से बातचीत में रायबरेली के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर शरद कुमार वर्मा ने बताया कि फिलहाल रायबरेली में एसएनसीयू व कंगारू केयर दोनों ही कॉन्सेप्ट पर बेहतर तरीके से काम किया जा रहा है पर इसे अपग्रेड करने के मकसद से नवजात शिशु को और बेहतर माहौल देने के लिए चिकित्सक काम कर रहे है।इस कड़ी में मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट (एमएनबीकेयू) पर काम किया जा रहा है।जिसकी विशेषता यह रहेगी कि कंगारु केअर के दौरान किसी प्रकार की असुविधा होने पर तात्कालिक रुप से कोई चिकित्सीय आवश्यकता हेतु बिना दोनों को अलग किए उसकी पूर्ति की जाएगी।

इस कॉसेप्ट की खासियतों के बारे में बताते हुए सीएमओ डॉ वर्मा पहल से कई बेहतर परिणाम आने का दावा करते हुए कहते है कि
रायबरेली चिकित्सालय में इसकी शुरुआत से ही सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है और इसके जरिए दोनों नवजात और कुपोषण शिकार शिशुओं का न केवल बेहतर तरीके से चिकित्सीय उपचार किया जा सकेगा साथ ही उन्हें कंगारु केअर के कांसेप्ट की सुविधाएं भी मुहैया कराई जा सकेंगी।





Conclusion:क्या है कंगारु केअर यूनिट और नवजात के लिए कितना है लाभदायक -

कंगारु केयर यूनिट दरअसल उस प्रक्रिया का अंग है जिसमें शिशु को मां के साथ सहज अवस्था में रखकर चिकित्सकों द्वारा उसकी निगरानी की जाती है। कंगारू मदर केयर तकनीक में बच्चे को मां के सीने से चिपका कर रखा जाता है ताकि मां के शरीर की गर्माहट बच्चे तक ट्रांसफर हो सके।मां के शरीर का तापमान बच्चे को मिलने से बच्चे का तापमान स्थिर रहता है और उसे ठंड लगने व बुखार होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।इस तकनीक से बच्चे के अंदर प्रतिरोधक क्षमता के विकास होने के साथ उसके मानसिक व शारीरिक विकास में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते है।




बाइट : डॉ शरद कुमार वर्मा - प्रभारी सीएमओ - रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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