रायबरेली: जिले में कंगारु केयर यूनिट की सुविधाओं को उच्च स्तरीय बनाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है. योजना को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमा ठोस प्लानिंग की बात कह रहा है. यह योजना जिले के कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित होगी. दरअसल, इस योजना के अंतर्गत कुपोषित बच्चों का बेहतर ढंग से इलाज किया जाएगा.
जानिए आखिर क्या है कंगारु केयर यूनिट
दरअसल, कंगारु केयर यूनिट उस प्रक्रिया का अंग है, जिसमें शिशु को मां के साथ सहज अवस्था में रखा जाता है, जिसकी निगरानी चिकित्सकों के द्वारी की जाती है. बता दें कि कंगारु मदर केयर तकनीक में बच्चे को मां के सीने से चिपका कर रखा जाता है, ताकि मां के शरीर की गर्माहट बच्चे तक ट्रांसफर हो सके. मां के शरीर का तापमान बच्चे को मिलने से बच्चे का तापमान स्थिर रहता है और उसे ठंड लगने या बुखार होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है. इस तकनीक से बच्चे के अंदर प्रतिरोधक क्षमता के विकास होने के साथ उसके मानसिक और शारीरिक विकास में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं.
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रायबरेली में एसएनसीयू और कंगारू केयर यूनिट दोनों ही कॉन्सेप्ट पर बेहतर तरीके से काम किया जा रहा है. इसे अपग्रेड करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे नवजात शिशु को और बेहतर माहौल मिलेगा. इस कड़ी में चिकित्सक काम कर रहे हैं और मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट को भी अपग्रेड किया जा रहा है.
- डॉ. शरद कुमार वर्मा, प्रभारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी