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रायबरेली: यात्रियों के किराए से पूरी कर रहे थे निजी जरूरतें, एआरएम के छापे में हुआ खुलासा

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में परिवहन निगम विभाग के कई परिचालक लंबी दूरी की बसों में तैनाती के दौरान टिकट बिक्री के पैसा का प्रयोग निजी जरूरतों को पूरा करने में कर रहे थे. मामला संज्ञान में आने के बाद कार्यालय सहायक राजकुमार ने कार्रवाई के लिए मुख्यालय में शिकायत की है.

Uttar Pradesh Transport Corporation.
यात्रियों के किराए से पूरी कर रहे थे निजी जरुरतें.
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Published : Mar 20, 2020, 8:43 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेलीः जिले में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में किराए के रूप में वसूले गए राजस्व के दुरुपयोग का मामला प्रकाश में आया है. लंबी दूरी के रूट की बसों में टिकट के रुप में वसूले गए पैसों की हेरफेर के मामले को अधिकारियों ने संज्ञान में लिया. अधिकारियों ने जिम्मेदारों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी मुख्यालय के लिए प्रेषित कर दी.

यात्रियों के किराए से पूरी कर रहे थे निजी जरूरतें.

निजी जरूरतों में टिकट के पैसे का प्रयोग
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम विभाग के कई परिचालक लंबी दूरी की बसों में तैनाती के दौरान टिकट बिक्री के पैसा का प्रयोग निजी जरुरतों को पूरा करने में कर रहे थे. आरोप है कि पैसे को ब्याज पर उठाने के अलावा एकाउंट में क्रेडिट मेंटेन करने का भी काम होता है. बीते दिनों दिल्ली जाने वाली एक बस पर एआरएम अक्षय कुमार के नेतृत्व में विभागीय अधिकारियों की टीम ने औचक निरक्षण किया, जिसमें हजारों में कैश की शॉर्टेज पाई गई. पूछताछ में बताया गया कि डिपो में तैनात लिपिक सत्येंद्र कुमार और श्याम किशोर को पैसे दिए गए है.

इसे भी पढ़ें- आजमगढ़ः परिवहन निगम पर पड़ा कोरोना वायरस का असर, हो रहा भारी नुकसान

विभाग के परिचालकों द्वारा बड़ी धांधली
रायबरेली डिपो के कार्यालय सहायक राजकुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि एआरएम के निरक्षण में विभाग के परिचालकों द्वारा बड़ी धांधली किए जाने का मामला प्रकाश में आया. परिचालक सोफियान द्वारा यात्रियों से भाड़े के रुप मे वसूला गया पैसा डिपो में तैनात लिपिक सत्येंद्र कुमार व श्याम किशोर को दिया गया. इस पूरे घपले में डिपो के लेखाधिकारी की भी संलिप्तता पाई गई है. इन सभी के खिलाफ सरकारी कार्य मे बड़ी लापरवाही बरतने हेतु कार्रवाई के लिए मुख्यालय में शिकायत भेजी गई है.

रायबरेलीः जिले में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में किराए के रूप में वसूले गए राजस्व के दुरुपयोग का मामला प्रकाश में आया है. लंबी दूरी के रूट की बसों में टिकट के रुप में वसूले गए पैसों की हेरफेर के मामले को अधिकारियों ने संज्ञान में लिया. अधिकारियों ने जिम्मेदारों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी मुख्यालय के लिए प्रेषित कर दी.

यात्रियों के किराए से पूरी कर रहे थे निजी जरूरतें.

निजी जरूरतों में टिकट के पैसे का प्रयोग
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम विभाग के कई परिचालक लंबी दूरी की बसों में तैनाती के दौरान टिकट बिक्री के पैसा का प्रयोग निजी जरुरतों को पूरा करने में कर रहे थे. आरोप है कि पैसे को ब्याज पर उठाने के अलावा एकाउंट में क्रेडिट मेंटेन करने का भी काम होता है. बीते दिनों दिल्ली जाने वाली एक बस पर एआरएम अक्षय कुमार के नेतृत्व में विभागीय अधिकारियों की टीम ने औचक निरक्षण किया, जिसमें हजारों में कैश की शॉर्टेज पाई गई. पूछताछ में बताया गया कि डिपो में तैनात लिपिक सत्येंद्र कुमार और श्याम किशोर को पैसे दिए गए है.

इसे भी पढ़ें- आजमगढ़ः परिवहन निगम पर पड़ा कोरोना वायरस का असर, हो रहा भारी नुकसान

विभाग के परिचालकों द्वारा बड़ी धांधली
रायबरेली डिपो के कार्यालय सहायक राजकुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि एआरएम के निरक्षण में विभाग के परिचालकों द्वारा बड़ी धांधली किए जाने का मामला प्रकाश में आया. परिचालक सोफियान द्वारा यात्रियों से भाड़े के रुप मे वसूला गया पैसा डिपो में तैनात लिपिक सत्येंद्र कुमार व श्याम किशोर को दिया गया. इस पूरे घपले में डिपो के लेखाधिकारी की भी संलिप्तता पाई गई है. इन सभी के खिलाफ सरकारी कार्य मे बड़ी लापरवाही बरतने हेतु कार्रवाई के लिए मुख्यालय में शिकायत भेजी गई है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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