रायबरेली: उत्तर प्रदेश में गंगा में उतराते शवों को लेकर राजनीति गरमा रही है. कांग्रेस से लेकर सपा और अन्य राजनीतिक पार्टियां सरकार को घेरने में जुट गई हैं. इसी बीच रायबरेली के गेगासो गंगा घाट पर रेत में शव दबे होने की खबर एक निजी चैनेल पर प्रसारित की गई, जिसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन मौके अधिकारियों ने घाट का निरीक्षण किया. अपर जिलाधिकारी ने बयान जारी करते हुए बताया कि शव मिलने की खबर भ्रामक है. निरीक्षण के दौरान गंगा किनारे रेत में शव नहीं पाए गए हैं.
जिलाधिकारी का बयान
गुरुवार की शाम जिले में एक निजी चैनेल द्वारा सरेनी क्षेत्र के गंगा किनारे बने गेगासो श्मशान घाट पर रेत में कई शवों के दबे होने की खबर चलाई गई. खबर के वायरल होते ही जिला प्रशासन सकते में पड़ गया और आनन-फानन में लालगंज एसडीएम और सीओ को मौके पर भेजकर जांच कराई. अधिकारियों की रिपोर्ट मिलने के बाद देर रात जिले के अपर जिलाधिकारी राम अभिलाष ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा कि "शव मिलने की खबर भ्रामक है"
संबंधित खबरें- कानपुर में बारिश से हटी रेत तो दिखने लगी लाशें ही लाशें
शव मिलने पर निशाने पर सरकार
बिहार के बक्सर जिले के चौसा महादेवा घाट पर गंगा किनारे बड़ी संख्या में लाशों के मिलने के बाद खूब बवाल मचा था. बक्सर का विवाद अभी पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ था, इसी बीच बुधवार को बिहार की राजधानी पटना के गुलबी घाट पर लाशें दिखीं. वहीं यूपी के कानपुर में भी घाट पर रेत में शव दफनाए गए थे. बारिश के चलते रेत हट गई, जिससे घाट पर सैकड़ों शव नजर आने लगे. शवों के मिलने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है और मामले की जांच कराने की बात कही है.