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प्रियंका गांधी के नेतृत्व में 2022 में यूपी में बनेगी कांग्रेस की सरकार: गणेश शंकर

कांग्रेस के 134वें स्थापना दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि महासचिव प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस यूपी के 2022 चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज करेगी.

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ईटीवी भारत ने की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय से की बातचीत.
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Published : Dec 28, 2019, 11:48 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: कांग्रेस का आज 134वां स्थापना दिवस हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस देश की आत्मा है. कांग्रेस का लक्ष्य कभी सत्ता प्राप्त करना नहीं रहा और न ही देशहित के मुद्दों से पार्टी ने कभी समझौता किया. कांग्रेस वो पार्टी रही जिसने लोगों के मन में आजादी के प्रति अलग जगाई.

इसलिए पुणे में नहीं हो सकी कांग्रेस की स्थापना
इटावा के कलेक्टर पद से रिटायर हो रहे ए.ओ.ह्यूम को भारत के प्रबुद्ध सभा के नागरिकों द्वारा बैठक आहूत होने की खबर मिली. ह्यूम बम्बई के रास्ते वापस इंग्लैंड जा रहे थे तभी भारतीय विचारकों के चर्चा करने की जानकारी मिली. 24 दिसंबर 1885 को पुणे में रोग फैलने के कारण इसकी स्थापना को पुणे में न होकर बम्बई में हुई. 28 दिसंबर को 1885 में सेठ गोकुल दास तेजपाल संस्कृति पाठशाला में अलग अलग प्रान्तों से आए कुल 72 लोग स्थापना दिवस के गवाह बने.

ईटीवी भारत ने की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय से की बातचीत.

दबाव में आकर कभी नहीं किया उसूलों से समझौता
कांग्रेस पार्टी व उसके नेताओ ने कभी किसी दबाव में आकर उसूलों से समझौता न करने की बात कहते हुए पांडेय कहते है कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कभी देश हित के फैसले लेने में किसी दबाव में नही रहा. वहीं 1916 में पहली बार महात्मा गांधी ने कांग्रेस के लखनऊ सेशन में भाग लिया उसके बाद ही चंपारण आंदोलन की शुरुआत हुई.

हालांकि शुरुआत में कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने उस आंदोलन को पर अपनी मुहर नहीं लगाई थी. जब गांधीजी खुद चंपारण में खेती कर रहे किसानों के बीच रहकर आंदोलन को गति देने पहुंचे और उनके हितों को आगे ले जाने में कामयाब रहे तब सीडब्ल्यूसी का भी उन्हें साथ मिला. उसका नतीजा यह रहा कि वहां से लौटकर गांधीजी ने सत्याग्रह की शुरुआत की. सत्याग्रह गति पकड़ ही रहा था कि चौरी-चौरा कांड हुआ, जिसके कारण गांधी जी ने आंदोलन को विराम दिया.

2022 में प्रदेश में वापसी कर सकती है कांग्रेस
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी की कार्यक्षमता पर विश्वास जताते हुए कहा कि किसी भी सूरत में यूपी में दोबारा से योगी सरकार की वापसी नहीं होने वाली. साथ ही कहा कि महासचिव प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस यूपी के 2022 चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज करेगी.

पढ़ें: स्वच्छता अभियान को झटका, आधे-अधूरे शौचालय हैं रोड़ा

रायबरेली: कांग्रेस का आज 134वां स्थापना दिवस हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस देश की आत्मा है. कांग्रेस का लक्ष्य कभी सत्ता प्राप्त करना नहीं रहा और न ही देशहित के मुद्दों से पार्टी ने कभी समझौता किया. कांग्रेस वो पार्टी रही जिसने लोगों के मन में आजादी के प्रति अलग जगाई.

इसलिए पुणे में नहीं हो सकी कांग्रेस की स्थापना
इटावा के कलेक्टर पद से रिटायर हो रहे ए.ओ.ह्यूम को भारत के प्रबुद्ध सभा के नागरिकों द्वारा बैठक आहूत होने की खबर मिली. ह्यूम बम्बई के रास्ते वापस इंग्लैंड जा रहे थे तभी भारतीय विचारकों के चर्चा करने की जानकारी मिली. 24 दिसंबर 1885 को पुणे में रोग फैलने के कारण इसकी स्थापना को पुणे में न होकर बम्बई में हुई. 28 दिसंबर को 1885 में सेठ गोकुल दास तेजपाल संस्कृति पाठशाला में अलग अलग प्रान्तों से आए कुल 72 लोग स्थापना दिवस के गवाह बने.

ईटीवी भारत ने की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय से की बातचीत.

दबाव में आकर कभी नहीं किया उसूलों से समझौता
कांग्रेस पार्टी व उसके नेताओ ने कभी किसी दबाव में आकर उसूलों से समझौता न करने की बात कहते हुए पांडेय कहते है कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कभी देश हित के फैसले लेने में किसी दबाव में नही रहा. वहीं 1916 में पहली बार महात्मा गांधी ने कांग्रेस के लखनऊ सेशन में भाग लिया उसके बाद ही चंपारण आंदोलन की शुरुआत हुई.

हालांकि शुरुआत में कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने उस आंदोलन को पर अपनी मुहर नहीं लगाई थी. जब गांधीजी खुद चंपारण में खेती कर रहे किसानों के बीच रहकर आंदोलन को गति देने पहुंचे और उनके हितों को आगे ले जाने में कामयाब रहे तब सीडब्ल्यूसी का भी उन्हें साथ मिला. उसका नतीजा यह रहा कि वहां से लौटकर गांधीजी ने सत्याग्रह की शुरुआत की. सत्याग्रह गति पकड़ ही रहा था कि चौरी-चौरा कांड हुआ, जिसके कारण गांधी जी ने आंदोलन को विराम दिया.

2022 में प्रदेश में वापसी कर सकती है कांग्रेस
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी की कार्यक्षमता पर विश्वास जताते हुए कहा कि किसी भी सूरत में यूपी में दोबारा से योगी सरकार की वापसी नहीं होने वाली. साथ ही कहा कि महासचिव प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस यूपी के 2022 चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज करेगी.

पढ़ें: स्वच्छता अभियान को झटका, आधे-अधूरे शौचालय हैं रोड़ा

Intro:रायबरेली स्पेशल:हाल ए कांग्रेस - इतिहास 134 वर्ष, लोकसभा में सांसदों की संख्या 52,और प्रियंका के नेतृत्व में दोबारा सत्ता में वापसी की जिद

27 दिसंबर 2019 - रायबरेली

इतिहास 134 वर्ष पुराना और लोकसभा में सांसदों की संख्या महज 52।यदि उत्तर प्रदेश की बात करें तो 80 लोकसभा सीटों में से केवल एक इसकी झोली में आई।जी हां,देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी कांग्रेस की ही बात हो रही हैं उसी कांग्रेस की जिससे कभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी जुड़े रहे,वहीं कांग्रेस जिसे लौह पुरुष सरदार पटेल व धरतीपुत्र लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओं का भी साथ मिला। मगर न जाने क्या हुआ उस कांग्रेस को कि मोदी फैक्टर ने उस पर ऐसा ग्रहण लगाया कि कुछ लोग यहां तक कहने लगे कि वर्तमान में कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही।

जय हिंद का नारा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कभी पार्टी रही कांग्रेस के 134वें स्थापना दिवस की वर्षगांठ पर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश में इस पार्टी के अभेद किले की पहचान को 2019 में भी क़ायम रखने वाले रायबरेली में, कांग्रेस और गांधी परिवार की बेहद नजदीकी माने जाने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश शंकर पाण्डेय से पार्टी के अतीत,वर्तमान और भविष्य के विषय में खास बातचीत की।पेश है उसी पर आधारित स्पेशल कवरेज रिपोर्ट।






Body:देश की आत्मा में बसी है कांग्रेस -

गणेश शंकर पांडे अपनी बात की शुरुआत करते हुए कहते हैं कि भारत के आवाम के लोगों की आत्मा में रची बसी है कांग्रेस।
कांग्रेस का लक्ष्य कभी सत्ता प्राप्त करना नही रहा और न ही देशहित के मुद्दों से पार्टी ने कभी समझौता किया।कांग्रेस वो पार्टी रही जिसने आपके मन में आजादी के प्रति अलग जगाई और देश के अंदर सर्वधर्म समभाव के पथ पर चले।1857 के गदर के बाद ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ तमाम राजनीतिक व सामाजिक चेतना देखी गयी।बम्बई प्रेसीडेंसी व कलकत्ता प्रेसीडेंसी और यूनाइटेड आगरा के अवध प्रान्त,व नार्थ ईस्ट प्रोविंस के जुड़े लोगों ने चर्चा करने के मकसद से पुणे में बैठक का आयोजन किया गया था।

इसलिए पुणे में नही हो सकी कांग्रेस की स्थापना -

इटावा के कलेक्टर पद से रिटायर हो रहे ए.ओ.ह्यूम को भारत के प्रबुद्ध सभा के नागरिकों द्वारा बैठक आहूत होने की खबर मिली।ह्यूम बम्बई के रास्ते वापस इंग्लैंड जा रहे थे तभी भारतीय विचारकों के चर्चा करने की जानकारी मिली बतौर प्रेरणा पुरुष वो खुद भी इससे जुड़े । 24 दिसंबर 1885 को पुणे में रोग फैलने के कारण इसकी स्थापना को पुणे में न होकर बम्बई में हुई।28 दिसंबर को 1885 में सेठ गोकुल दास तेजपाल संस्कृति पाठशाला में अलग अलग प्रान्तों से आएं कुल 72 लोग स्थापना दिवस के गवाह बने।स्थल वही ग्वालियर टैंक रहा जो वर्तमान समय मे अगस्त क्रांति मैदान के रूप में जाना जाता है।

दबाव में आकर कभी नही किया उसूलों से समझौता -

कांग्रेस पार्टी व उसके नेताओ ने कभी किसी दबाव में आकर उसूलों से समझौता न करने की बात कहते हुए पांडेय कहते है कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कभी देश हित के फैसले लेने में किसी दबाव में नही रहा।1916 में पहली बार महात्मा गांधी ने कांग्रेस के लखनऊ सेशन में भाग लिया उसके बाद ही चंपारण आंदोलन की शुरुआत हुई हालांकि शुरुआत में कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने उस आंदोलन को पर अपनी मुहर नहीं लगाई थी पर जब गांधीजी खुद चंपारण में इंडिगो के खेती कर रहे किसानों के बीच रहकर आंदोलन को गति देने पहुंचे और उनके हितों को आगे ले जाने में कामयाब रहे तब सीडब्ल्यूसी का भी उन्हें साथ मिला,उसका नतीजा यह रहा कि वहा से लौटकर गाँधीजी ने सत्याग्रह की शुरुआत की।सत्याग्रह गति पकड़ ही रहा था कि चौरी चौरा कांड हुआ,जिसके कारण गांधीजी आंदोलन को विराम दिया।हालांकि बहुत से ऐसे तत्कालीन कांग्रेस के बड़े नेता रहे जो गांधीजी के उस निर्णय से इत्तेफाक नही रखते थे पर बापू ने अपने निर्णय पर अडिग रहे।उसके बाद कई वर्षों के अंतराल पर पुनः गांधीजी ने दांडी मार्च करके नमक आंदोलन की नींव रखी और देश को आज़ादी के नज़दीक ले गए।गांधीजी ने कांग्रेस के माध्यम से देश की आम जनता को राजनीति से जोड़ा है और बापू के दिखाएं रास्ते पर बिना किसी समझौते के आज भी कांग्रेस और उसके नेता चलने का प्रयास कर रहे।देश के आम नागरिकों को मिले लगभग सभी अधिकार कांग्रेस की ही देन है
जिसमें निश्चित तौर पर गांधी व नेहरु परिवार के लोगों का जबरदस्त योगदान रहा है। कांग्रेस का इतिहास उन तमाम देश भक्त नेताओं की कुर्बानियों की याद दिलाता है जिन्होंने भारतवर्ष की खातिर अपना सब कुछ कुर्बान किया है।


मुस्लिमों के नाम पर पाकिस्तान बनाया पर भारत किसी धर्म विशेष तक नही रहा सीमित -

गणेश शंकर पांडे कहते हैं कि मुस्लिम लीग से जुड़े लोगों का कहना था कि पाकिस्तान का बनना हिंदुस्तान का बंटवारा है वही सरदार पटेल व मौलाना आजाद जैसे कांग्रेसियों ने उसे नकारते हुए बोले यह बटवारा नही देश का एक हिस्सा ही अलग जा रहा है। मुस्लिम लीग की यही जिद थी कि जैसे मुसलमानों के नाम पर पाकिस्तान बना है वैसे ही हिंदुओं के नाम पर हिंदुस्तान बने पर यह तत्कालीन कांग्रेसी नेताओं की देन है कि भारत केवल हिंदुओ का रिप्रजेंटेशन करने वाले राष्ट्र न बनकर धर्म निरपेक्ष राष्ट्र बना,एक ऐसा मुल्क जिसमें किसी भी धर्म, जाति,पंथ व मजहब से जुड़े लोग आपसी सौहार्द व प्रेम भाई चारे के साथ रह सकते है।बावजूद इन बातों के वर्तमान सरकार देश के उसी सेक्युलर ढांचे पर चोट करने को उतारु है,और यही कारण है कि देश की आम जनता सड़को पर नज़र आती है।

कांग्रेस ने आम जनता को नही किया गुमराह,आरएसएस के दिखाएं गलत रास्ते पर चल रहे मोदी -

पांडेय कहते है कि आरएसएस के हिडेन एजेंडा को पूरा करने के लिए मकसद से मोदी सरकार द्वारा कई कदम उठाएं जा रहे है जो देश की एकता व अखंडता के लिए घातक है हालांकि कांग्रेस हर स्तर पर सरकार के हर उन फैसलों का विरोध करेगी और मोदी सरकार के मंसूबो को पूरा नही होने देगी।इसमें कोई दो राय नही कि मोदी देश के पीएम नही आरएसएस के प्रचारक के तौर पर ज्यादा कार्य कर रहे है।

2022 में प्रदेश में वापसी कर सकती है कांग्रेस -

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव उत्तर प्रदेश के प्रभारी प्रियंका गांधी की विलक्षण कार्यक्षमता में विश्वास जताते हुए गणेश शंकर पांडेय दावा करते है कि किसी भी सूरत में यूपी में दोबारा से योगी सरकार की वापसी नही होने वाली साथ मे यह भी जोड़ा कि प्रदेश की जनता चाहेगी तो प्रियंका जे नेतृत्व में कांग्रेस जबरदस्त जीत 2022 में दर्ज कर सकती है।







Conclusion:वन 2 वन : गणेश शंकर पांडेय - पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष - यूपी कांग्रेस

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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