रायबरेली: देश मे कोरोना महामारी ने रिश्तों की कलई खोल कर रख दी है. भाई-भाई, मां-पिता खून के रिश्ते भी इस दौरान तार-तार होते देखे गए. एक ऐसा ही मामला जनपद के ऊंचाहार तहसील के मिर्जापुर ऐहारी गांव में देखने को मिला. जहां बेटों के होने के बावजूद भी पिता का तर्पण से लेकर दसवां संस्कार एक बेटी ने विधि विधान से किया. वहीं बेटे पिता की संपत्ति के बंटवारे को लेकर इतना ज्यादा कुपित थे कि उन्होंने पिता की अर्थी में कंधा देना भी गंवारा नहीं समझा. बेटी ने ही पिता को मुखग्नि दी और उसके बाद के सभी कर्मकांडो को विधि विधान से संपन्न कराया.
सोनल शर्मा नाम की युवती ने विधि विधान से अपने पिता का दसवां संस्कार किया. हिन्दू रीति में ये सभी कर्मकांड एक पुत्र द्वारा किया जाता है, लेकिन सोनल को ये सब तब करना पड़ा. जब उसके भाइयों ने पिता का कर्मकांड करना उचित नहीं समझा. तब मजबूरी में सोनल ने पिता की मुखग्नि से लेकर दसवां व त्रयोदश संस्कार सभी कर्मकांडो को किया.
जिले के ऊंचाहार तहसील के मिर्जापुर ऐहारी गांव निवासी हरि प्रकाश शर्मा का 25 अप्रैल को देहांत हो गया वो कोविड संक्रमित थे. हरिप्रकाश शर्मा ने चार शादियां की थी. उनकी तीन पत्नियों ने पुत्रों को जन्म दिया और एक पत्नी ने एक पुत्री को जन्म दिया. वही पुत्री सोनल शर्मा ने पिता का कर्मकांड किया.
ऊंचाहार कोतवाल विनोद सिंह ने बताया कि मृतक ने चार शादियां की है. संपत्ति के बंटवारे को लेकर सभी में विवाद था. जिसके चलते बेटी ने कर्मकांड का जिम्मा उठाया.
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