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महिला दिवस पर विधायक अदिति सिंह ने कहा- मां से मिला आसमां छूने का जज्बा

रायबरेली: महिला दिवस के मौके पर रायबरेली से विधायक अदिति सिंह ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कैसे वह अपनी मां से प्रेरणा लेकर विदेश में पढ़ाई करने के बाद भी देश में आकर लोगों से जुड़कर विधायक और कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव के पद तक पहुंची.

mla aditi singh
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Published : Mar 8, 2019, 6:23 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है, जिसका मकसद विश्व में महिलाओं के उत्थान, सशक्तीकरण, योगदान और समाज के लिए किए जा रहे उनके उत्कृष्ट कार्यों को सम्मान देना है. वहीं हमारे देश में मान्यता है कि 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता'. एक खास दिन ही नहीं बल्कि नारी हमेशा से पूजनीय रही हैं. इसी को लेकर रायबरेली की विधायक और महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव अदिति सिंह ने महिला दिवस पर खास बातचीत की.

महिला दिवस पर विधायक अदिति सिंह से खास बातचीत.


भारतीय राजनीति, खासतौर पर उत्तर प्रदेश की राजनीति जहां किसी भी पद की होड़ में इंसान हद से गुजरने को तैयार रहता है. ऐसे राजनीतिक परिवेश में अमेरिका से पढ़कर कर आई लड़की का, जिसका भारतीय मूल्यों से गहरा नाता रहा, उसे इस परिवेश में ढलना, अपने पिता के सपनों को मूर्त रूप देना, राष्ट्रीय पार्टी द्वारा दिये गए कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन कर पाना कतई आसान न था. अदिति कहती है 'इट वाज नॉट एन इजी टास्क' बेहद मुश्किल कार्य था. पर कहीं न कहीं मां की दी हुई सीख ने उन्हें हौसला रखने और चुनौतियों का डटकर सामना करने की हिम्मत दी.


जब कांग्रेस की वुमेन विंग की सौंपी गयी कमान
राजनीतिक विरासत को अपने स्वर्णिम दौर में सहेज कर रखने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की राष्ट्रीय इकाई में प्रियदर्शनी सेल का नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया. इस सेल की खासियतों के बारें में बताते हुए अदिति कहती हैं कि इसका मुख्य उद्देश्य नई उम्र की लड़कियों के अंदर राजनीतिक चेतना उत्पन्न करने के अलावा हर तरह की लाइफ स्किल्स को डेवलप करना भी है.


मां को बताया अपनी प्रेरणा का स्त्रोत
अदिति ने अपनी मां को अपना इंस्पिरेशनल आइकॉन करार दिया. कहा मेरी मां ने अपने ऊपर विश्वास करना सिखाया और उसी का नतीजा है कि आज वह अपने पैरों पर खड़ी हैं और इस मुकाम पर हैं. बचपन से दोनों बहनों के अंदर कुछ कर गुजरने का आत्मविश्वास पैदा करने में अहम योगदान उनकी मां का रहा है.
महिलाओं को अपने हक के बारे में जागरुक होना होगा.


महिला दिवस पर महिलाओं के नाम संदेश देने की बात पर अदिति कहती हैं कि वर्तमान युग मे सभी को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होना होगा. महिलाओं को अपने बच्चों को खासकर बेटियों को अच्छी शिक्षा दिए जाने पर जोर देना चाहिए. साथ ही इस तकनीकी युग में महिलाओं को कदमताल मिलाते हुए सतत आगे बढ़ते रहना चाहिए, क्योंकि महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है.


हर एक ख्वाब में दूसरा ख्वाब है
उम्मीदों से भी ऊंची परवाज है
जमीं पर रहने के हम नहीं आदी
कि हमें पाना पूरा आसमान है...


कुछ इन्ही पंक्तियों से प्रेरणा लेकर अदिति सिंह ने विधायक के रुप में राजनीतिक पारी की सफर की शुरुआत कर फिलहाल देश की सबसे पुरानी पार्टी की महिला विंग का राष्ट्रीय महासचिव बनने तक का सफर तय किया.

रायबरेली: आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है, जिसका मकसद विश्व में महिलाओं के उत्थान, सशक्तीकरण, योगदान और समाज के लिए किए जा रहे उनके उत्कृष्ट कार्यों को सम्मान देना है. वहीं हमारे देश में मान्यता है कि 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता'. एक खास दिन ही नहीं बल्कि नारी हमेशा से पूजनीय रही हैं. इसी को लेकर रायबरेली की विधायक और महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव अदिति सिंह ने महिला दिवस पर खास बातचीत की.

महिला दिवस पर विधायक अदिति सिंह से खास बातचीत.


भारतीय राजनीति, खासतौर पर उत्तर प्रदेश की राजनीति जहां किसी भी पद की होड़ में इंसान हद से गुजरने को तैयार रहता है. ऐसे राजनीतिक परिवेश में अमेरिका से पढ़कर कर आई लड़की का, जिसका भारतीय मूल्यों से गहरा नाता रहा, उसे इस परिवेश में ढलना, अपने पिता के सपनों को मूर्त रूप देना, राष्ट्रीय पार्टी द्वारा दिये गए कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन कर पाना कतई आसान न था. अदिति कहती है 'इट वाज नॉट एन इजी टास्क' बेहद मुश्किल कार्य था. पर कहीं न कहीं मां की दी हुई सीख ने उन्हें हौसला रखने और चुनौतियों का डटकर सामना करने की हिम्मत दी.


जब कांग्रेस की वुमेन विंग की सौंपी गयी कमान
राजनीतिक विरासत को अपने स्वर्णिम दौर में सहेज कर रखने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की राष्ट्रीय इकाई में प्रियदर्शनी सेल का नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया. इस सेल की खासियतों के बारें में बताते हुए अदिति कहती हैं कि इसका मुख्य उद्देश्य नई उम्र की लड़कियों के अंदर राजनीतिक चेतना उत्पन्न करने के अलावा हर तरह की लाइफ स्किल्स को डेवलप करना भी है.


मां को बताया अपनी प्रेरणा का स्त्रोत
अदिति ने अपनी मां को अपना इंस्पिरेशनल आइकॉन करार दिया. कहा मेरी मां ने अपने ऊपर विश्वास करना सिखाया और उसी का नतीजा है कि आज वह अपने पैरों पर खड़ी हैं और इस मुकाम पर हैं. बचपन से दोनों बहनों के अंदर कुछ कर गुजरने का आत्मविश्वास पैदा करने में अहम योगदान उनकी मां का रहा है.
महिलाओं को अपने हक के बारे में जागरुक होना होगा.


महिला दिवस पर महिलाओं के नाम संदेश देने की बात पर अदिति कहती हैं कि वर्तमान युग मे सभी को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होना होगा. महिलाओं को अपने बच्चों को खासकर बेटियों को अच्छी शिक्षा दिए जाने पर जोर देना चाहिए. साथ ही इस तकनीकी युग में महिलाओं को कदमताल मिलाते हुए सतत आगे बढ़ते रहना चाहिए, क्योंकि महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है.


हर एक ख्वाब में दूसरा ख्वाब है
उम्मीदों से भी ऊंची परवाज है
जमीं पर रहने के हम नहीं आदी
कि हमें पाना पूरा आसमान है...


कुछ इन्ही पंक्तियों से प्रेरणा लेकर अदिति सिंह ने विधायक के रुप में राजनीतिक पारी की सफर की शुरुआत कर फिलहाल देश की सबसे पुरानी पार्टी की महिला विंग का राष्ट्रीय महासचिव बनने तक का सफर तय किया.

Intro:महिला दिवस विशेष:मां के आंचल से उठ कर आसमां छूने का जज़्बा अपनी मां से मिला - विधायक अदिति सिंह

07 मार्च 2019 - रायबरेली

'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता' यह शास्त्रों में बताया गया है। एक खास दिन ही नहीं, बल्कि नारी हमेशा से पूजनीय रही है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का मकसद सिर्फ यही है कि हम महिलाओं के उत्थान,सशक्तीकरण, योगदान और समाज के लिए किए जा रहे उनके उत्कृष्ट कार्यों को सम्मान दें, जिससे मातृ शक्ति को प्रोत्साहन मिले और एक ऐसे समाज का निर्माण हो, जिसमें सभी को समानता की दृष्टि से देखा जाए।महिला दिवस पर रायबरेली की विधायक व महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव अदिति सिंह ने ETV से विशेष बातचीत में अपने अनुभव साझा किए।






Body:ETV संवाददाता से ख़ास मुलाकात में कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अपनी शुरुआती शिक्षा के बारें में बताया कि उनकी इनिशियल स्कूलिंग मसूरी स्थित बोर्डिंग स्कूल में हुई,वहां से दिल्ली गई फ़िर उसके ठीक बाद ग्रेजुएशन व हायर एजुकेशन के लिए यूएस चली गई।मास्टर्स अमेरिका से करने के बाद पिता के अस्वस्थ रहने के कारण उन्हें उनकी राजनीतिक विरासत को संभालने रायबरेली आना पड़ा । गांधी परिवार के गढ़ रहे रायबरेली में जब कांग्रेस अपनी ज़मीन को बंजर होने से बचाने की क़वायद कर रहा था तब कांग्रेस से ही कभी सदर विधायक और निर्दल होकर भी विधान सभा जाने की कुव्वत रखने वाले शख्स अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह ने दोबारा से कांग्रेस को सफलता का स्वाद चखाया।

भारतीय राजनीति ख़ासतौर पर उत्तर प्रदेश की राजनीति जहां किसी भी पद की होड़ में इंसान हद से गुजरने को तैयार रहता है। ऐसे राजनीतिक परिवेश में अमेरिका से पढ़कर कर आई लड़की का जिसका भारतीय मूल्यों से गहरा नाता रहा, उसे इस परिवेश में एडजस्ट करना , अपने पिता के सपनों को मूर्त रूप देना,राष्ट्रीय पार्टी द्वारा दिये गए कर्तव्यों का सही तरीक़े से निर्वाहन कर पाना कतई आसान न था। अदिति कहती है 'इट वाज नॉट एन इजी टास्क' बेहद मुश्किल कार्य था पर कही न कही मां की दी हुई सीख ने उन्हें हौसला रखने और चुनौतियों का डटकर सामना करने की हिम्मत दी।

पहली बार विधायक बनने के बाद उनकी अगुवाई में स्थानीय निकाय के चुनावों में भी कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से नगर पालिका अध्यक्ष रायबरेली की कुर्सी पर कब्जा पाने में क़ामयाबी और कांग्रेस पार्टी जो रायबरेली को सालों से अपने गढ़ के रुप मे पहचान बनाने में कामयाब रही और दोबारा से वही तमगा हासिल करने में सफल हो पाई।


जब विधायक अदिति को कांग्रेस पार्टी की वीमेन विंग की सौपी गयी अहम जिम्मेदारी-

भारतीय राजनीतिक विरासत को अपने स्वर्णिम दौर में सहेज कर रखने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की राष्ट्रीय इकाई में प्रियदर्शनी सेल का नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया। इस सेल की खासियतों के बारें में बताते हुए अदिति कहती है कि इसका मुख्य उद्देश्य नई उम्र की लड़कियों के अंदर राजनीतिक चेतना उत्पन्न करने के अलावा हर तरह की लाइफ स्किल्स को डेवलप करना भी है।

माँ को बताया अपनी प्रेरणा का सोत्र -

अदिति ने अपनी माँ को अपना इंस्पिरेशनल आइकॉन करार दिया। कहा मेरी माँ ने अपने ऊपर विश्वास करना सिखाया और उसी का नतीजा है कि आज वो अपने पैरों पर खड़ी है और इस मुक़ाम पर है।बचपन से दोनों बहनों के अंदर कुछ कर गुजरने का आत्मविश्वास पैदा करने में अहम योगदान उनकी मां का रहा है।


महिलाओं को अपने हक़ के बारें में जागरुक होना होगा -

महिला दिवस पर महिलाओं के नाम संदेश देने की बात पर अदिति कहती है वर्तमान युग मे सभी को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होना होगा। महिलाओं को अपने बच्चों को ख़ासकर बेटियों को अच्छी शिक्षा दिए जाने पर जोर देना चाहिए।साथ ही इस तकनीकी युग में महिलाओं को कदमताल मिलाते हुए सतत आगे बढ़ते रहना चाहिए, क्योंकि महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नही है।




















Conclusion:हर एक ख्वाब में दूसरा ख्वाब है
उम्मीदों से भी ऊंची परवाज है
जमीं पर रहने के हम नहीं आदी
कि हमें पाना पूरा आसमान है...

कुछ इन्ही पंक्तियों से प्रेरणा लेकर अदिति सिंह ने विधायक के रुप में राजनीतिक पारी की सफ़र की शुरुआत कर फ़िलहाल देश की सबसे पुरानी पार्टी की महिला विंग का राष्ट्रीय महासचिव बनने तक का सफर तय किया।

वन 2 वन: अदिति सिंह - राष्ट्रीय महासचिव - अखिल भारतीय महिला कांग्रेस - सदर विधायक - रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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