रायबरेलीः सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में कांग्रेस ने नवगठित जिला इकाई की लंबे इंतज़ार के बाद घोषणा कर दी है. पार्टी संगठन में समाज के हर वर्ग और तबके का प्रतिनिधित्व करने का दावा भी किया जा रहा है. यह जरूर रहा कि सोनिया के गढ़ में 35 पदाधिकारियों की लिस्ट में एकमात्र महिला सुमित्रा रावत ही जगह बनाने में कामयाब रहीं. नए जिलाध्यक्ष की घोषणा के करीब 9 महीने बाद इकाई का गठन होना जरुर चर्चा का विषय बना रहा.
रायबरेली कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के नामों को उजागर करते हुए शुक्रवार को लिस्ट जारी की गई, जिसमें जिला अध्यक्ष समेत कुल 35 पदाधिकारियों के नामों का उल्लेख था. खास बात यह रही कि संगठन में ज्यादातर प्रभावशाली पदों में नए लोगों की अपेक्षा पुराने वफादारों को ही तरजीह दी गई.
2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिलने के बाद यूपी के प्रभारी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश कार्यकारिणी समेत सभी जनपदों की जिला इकाइयों को भी भंग कर दिया था. उसके बाद रायबरेली के भुएमऊ गेस्ट हाउस में ही प्रदेश के सभी संसदीय सीटों के कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ प्रियंका ने बैठक करके चुनाव की हार पर मंथन में किया था. हालांकि सूबे में एकमात्र रायबरेली ही ऐसा संसदीय क्षेत्र रहा, जहां पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी. बावजूद इसके सोनिया गांधी की इस जीत के अंतर में भारी गिरावट दर्ज की गई थी और कुछ यही कारण था कि प्रियंका गांधी ने तत्कालीन जिला इकाई से खिन्न जान पड़ती थीं.
इसी बीच नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन के बाद प्रदेश के तमाम जनपदों समेत रायबरेली के जिला अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा हुई थी. साथ ही यह भी कहा गया था कि जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन होगा और पार्टी में युवा शक्ति को तरजीह देकर जनता के बीच सक्रिय करने की रणनीति पर ही काम होगा.
रायबरेली में जिला अध्यक्ष की कमान देने में भी इसी फार्मूले के आधार पर चयन होने की बात कही गई थी, हालांकि जिला अध्यक्ष के चयन के बाद इंतजार काफी लंबा खिंचा और लगभग 8 महीने बीत जाने के बाद अगस्त 2020 में स्थानीय संगठन के औपचारिक घोषणा हो पाई.
जिला इकाई के गठन के बारे में जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी ने बताया कि पार्टी हाईकमान की मंशा के अनुरूप प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जिला कार्यकारिणी का गठन किया गया है, जिसमें हर वर्ग का समावेश है और नई कार्यकारिणी निश्चित तौर पर स्थानीय संगठन को और मजबूत करेगी. कार्यकारिणी के गठन में हुई देरी के सवाल पर जिला अध्यक्ष कहते हैं ज्यादा देरी नहीं हुई है. प्रयास बेहतर कार्यकारिणी के गठन का था और भी कार्यक्रम चल रहे थे, इसीलिए थोड़ा समय लगा.