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रायबरेली के महामना मालवीय थे कैप्टन सतीश शर्मा, जानें उनका योगदान

रायबरेली और अमेठी दोनों ही संसदीय क्षेत्र से कैप्टन सतीश शर्मा सांसद चुने गए थे. उनके निधन पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने कैप्टन की रायबरेली व अमेठी से जुड़ी यादों पर कैप्टन सतीश शर्मा के करीबी माने जाने वाले राघवेंद्र मिश्र से बात की. उन्होंने बताया कि रायबरेली के लिए कैप्टन सतीश शर्मा महामना मालवीय थे. आगे पढ़ें उनके अहम योगदान के बारे में.

कैप्टन सतीश शर्मा.
कैप्टन सतीश शर्मा.
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Published : Feb 19, 2021, 5:52 AM IST

रायबरेली: पूर्व पेट्रोलियम मंत्री व कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता कैप्टन सतीश शर्मा के निधन की खबर से रायबरेली जनपद में शोक की लहर है. रायबरेली और अमेठी दोनों ही संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने वाले कैप्टन सतीश शर्मा का इस क्षेत्र के विकास में अहम योगदान रहा. इस इलाके में पेट्रोल पंप व गैस एजेंसियों के जाल बिछाने के अलावा राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक संस्थानों की नींव रखने में उन्होंने बड़ी भूमिका अदा की. यही कारण है कि स्थानीय लोग उनके निधन को बड़ी क्षति बता रहे हैं. ईटीवी भारत ने कांग्रेस के इस दिग्गज नेता की रायबरेली व अमेठी से जुड़ी यादों पर स्थानीय अधिवक्ता राघवेंद्र मिश्र से बात की.

कैप्टन से जुड़ी यादों को साझा करते अधिवक्ता.
रायबरेली के वरिष्ठ अधिवक्ता व गांधी परिवार समेत कांग्रेस पार्टी के बेहद करीबी माने जाने वाले राघवेंद्र मिश्रा कहते हैं कि कैप्टन सतीश शर्मा बेहद दूरदर्शी राजनेता रहे. इस पूरे क्षेत्र से उनका खासा लगाव रहा और यह लगाव उनके जीवन के अंतिम दिनों तक बरकरार रहा.
रायबरेली व अमेठी के विकास में योगदान
रायबरेली व अमेठी के विकास में कैप्टन के अहम योगदान के विषय मे राघवेंद्र मिश्र दावा करते हैं कि जब देश के तमाम इलाकों में घरों में एलपीजी गैस कनेक्शन नहीं हुआ करता था, उस दौर में भी इस क्षेत्र में बेहद आसानी से आम लोगों को गैस कनेक्शन उपलब्ध रहते थे. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए कैप्टन सतीश शर्मा ने यह सुनिश्चित किया कि इस पूरे इलाके में पेट्रोल पंपों और गैस एजेंसियों का जाल बिछे, जिससे स्थानीय लोगों को डीजल-पेट्रोल समेत घरेलू सिलेंडरों की आपूर्ति में कोई दिक्कत न हो.

राघवेंद्र मिश्र बताते हैं कि उस दौर में जब विद्युत आपूर्ति भी बेहद सीमित समय के लिए उपलब्ध रहती थी, तब दूरदराज के क्षेत्रों में खेतों की सिंचाई समेत अन्य जरूरी कार्यों के लिए ईंधन की जरूरत की पूर्ति भी इन्ही से होती थी. इसी मकसद से उन्होंने जिले के सभी ब्लॉकों में पेट्रोल पम्पों की उपलब्धता सुनिश्चित की.


रायबरेली को कैप्टन की देन
फुरसतगंज के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से लेकर रायबरेली शहर के फिरोज गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज तक की स्थापना में कैप्टन सतीश शर्मा के अहम योगदान की चर्चा करते हुए राघवेंद्र मिश्र उन्हें रायबरेली का महामना मालवीय करार देते हैं. राघवेंद्र मिश्र कहते हैं कि उन्ही के प्रयासों से रायबरेली के पॉलीटेक्निक में यूपी में सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन व आईटी जैसे ट्रेडों में पढ़ाई शुरू हो सकी. बाद में उसी परिसर में जिले के पहले इंजीनियरिंग कॉलेज की नींव पड़ी. इनके अलावा जनपद में पेट्रोलियम संस्थान, निफ्ट व नाइपर जैसे संस्थानों के खुलवाने में भी उनका अहम किरदार रहा.

गांधी परिवार के सदस्यों के साथ कैप्टन सतीश शर्मा.
गांधी परिवार के सदस्यों के साथ कैप्टन सतीश शर्मा.
गांधी परिवार के सदस्यों के चुनाव प्रबंधन की बागडौर
गांधी परिवार से उनकी निकटता के बारे में राघवेंद्र मिश्रा कहते हैं कि पूर्व पीएम राजीव गांधी समेत सोनिया गांधी व राहुल गांधी सभी के नॉमिनेशन फाइल करने से लेकर रायबरेली व अमेठी का पूरा चुनावी प्रबंधन भी कैप्टन सतीश शर्मा के हाथों में ही रहता था. यही कारण था कि हर बार उन्हें यहां से बड़ी जीत हासिल होती थी. साल 2019 में खराब स्वास्थ्य के कारण वह राहुल गांधी के चुनाव में अमेठी में नहीं जा सके थे. केवल इसी चुनाव में गांधी परिवार के किसी सदस्य को हार का सामना करना पड़ा है.

रायबरेली: पूर्व पेट्रोलियम मंत्री व कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता कैप्टन सतीश शर्मा के निधन की खबर से रायबरेली जनपद में शोक की लहर है. रायबरेली और अमेठी दोनों ही संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने वाले कैप्टन सतीश शर्मा का इस क्षेत्र के विकास में अहम योगदान रहा. इस इलाके में पेट्रोल पंप व गैस एजेंसियों के जाल बिछाने के अलावा राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक संस्थानों की नींव रखने में उन्होंने बड़ी भूमिका अदा की. यही कारण है कि स्थानीय लोग उनके निधन को बड़ी क्षति बता रहे हैं. ईटीवी भारत ने कांग्रेस के इस दिग्गज नेता की रायबरेली व अमेठी से जुड़ी यादों पर स्थानीय अधिवक्ता राघवेंद्र मिश्र से बात की.

कैप्टन से जुड़ी यादों को साझा करते अधिवक्ता.
रायबरेली के वरिष्ठ अधिवक्ता व गांधी परिवार समेत कांग्रेस पार्टी के बेहद करीबी माने जाने वाले राघवेंद्र मिश्रा कहते हैं कि कैप्टन सतीश शर्मा बेहद दूरदर्शी राजनेता रहे. इस पूरे क्षेत्र से उनका खासा लगाव रहा और यह लगाव उनके जीवन के अंतिम दिनों तक बरकरार रहा.
रायबरेली व अमेठी के विकास में योगदान
रायबरेली व अमेठी के विकास में कैप्टन के अहम योगदान के विषय मे राघवेंद्र मिश्र दावा करते हैं कि जब देश के तमाम इलाकों में घरों में एलपीजी गैस कनेक्शन नहीं हुआ करता था, उस दौर में भी इस क्षेत्र में बेहद आसानी से आम लोगों को गैस कनेक्शन उपलब्ध रहते थे. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए कैप्टन सतीश शर्मा ने यह सुनिश्चित किया कि इस पूरे इलाके में पेट्रोल पंपों और गैस एजेंसियों का जाल बिछे, जिससे स्थानीय लोगों को डीजल-पेट्रोल समेत घरेलू सिलेंडरों की आपूर्ति में कोई दिक्कत न हो.

राघवेंद्र मिश्र बताते हैं कि उस दौर में जब विद्युत आपूर्ति भी बेहद सीमित समय के लिए उपलब्ध रहती थी, तब दूरदराज के क्षेत्रों में खेतों की सिंचाई समेत अन्य जरूरी कार्यों के लिए ईंधन की जरूरत की पूर्ति भी इन्ही से होती थी. इसी मकसद से उन्होंने जिले के सभी ब्लॉकों में पेट्रोल पम्पों की उपलब्धता सुनिश्चित की.


रायबरेली को कैप्टन की देन
फुरसतगंज के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से लेकर रायबरेली शहर के फिरोज गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज तक की स्थापना में कैप्टन सतीश शर्मा के अहम योगदान की चर्चा करते हुए राघवेंद्र मिश्र उन्हें रायबरेली का महामना मालवीय करार देते हैं. राघवेंद्र मिश्र कहते हैं कि उन्ही के प्रयासों से रायबरेली के पॉलीटेक्निक में यूपी में सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन व आईटी जैसे ट्रेडों में पढ़ाई शुरू हो सकी. बाद में उसी परिसर में जिले के पहले इंजीनियरिंग कॉलेज की नींव पड़ी. इनके अलावा जनपद में पेट्रोलियम संस्थान, निफ्ट व नाइपर जैसे संस्थानों के खुलवाने में भी उनका अहम किरदार रहा.

गांधी परिवार के सदस्यों के साथ कैप्टन सतीश शर्मा.
गांधी परिवार के सदस्यों के साथ कैप्टन सतीश शर्मा.
गांधी परिवार के सदस्यों के चुनाव प्रबंधन की बागडौर
गांधी परिवार से उनकी निकटता के बारे में राघवेंद्र मिश्रा कहते हैं कि पूर्व पीएम राजीव गांधी समेत सोनिया गांधी व राहुल गांधी सभी के नॉमिनेशन फाइल करने से लेकर रायबरेली व अमेठी का पूरा चुनावी प्रबंधन भी कैप्टन सतीश शर्मा के हाथों में ही रहता था. यही कारण था कि हर बार उन्हें यहां से बड़ी जीत हासिल होती थी. साल 2019 में खराब स्वास्थ्य के कारण वह राहुल गांधी के चुनाव में अमेठी में नहीं जा सके थे. केवल इसी चुनाव में गांधी परिवार के किसी सदस्य को हार का सामना करना पड़ा है.
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