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एमएलए अदिति सिंह सदस्यता विवाद: विधानसभा अध्यक्ष ने की अंतिम सुनवाई, फैसला सुरक्षित

उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से विधायक अदिति सिंह की सदस्यता रद्द करने को लेकर दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की गई. करीब तीन घंटे तक चली सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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Published : Jul 1, 2020, 12:18 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली
एमएलए अदिति सिंह

रायबरेली: कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सदर से विधायक चुनी गईं अदिति सिंह का पार्टी से बगावत करके सत्तारुढ़ दल भाजपा का गुणगान करना अब मंहगा पड़ता दिख रहा है. मंगलवार को कांग्रेस की एमएलए अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने संबंधी याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की ओर से सुनवाई की गई. कई घंटों तक चली सुनवाई के बाद निर्णय फिलहाल सुरक्षित रखे जाने की बात कही जा रही है.

कांग्रेस की तरफ से सदस्यता रद्द करने संबंधी दायर किए गए वाद की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केसी कौशिक ने बताया कि मंगलवार को करीब 3 घंटे से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने निर्णय सुरक्षित रखा है. उम्मीद है कि जल्द ही निर्णय का खुलासा भी होगा.

25 जून को विधानसभा अध्यक्ष ने पहली सुनवाई की
रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह की सदस्यता रद्द करने पर कांग्रेस की याचिका पर 25 जून को विधानसभा अध्यक्ष ने पहली सुनवाई की थी. वहीं दूसरी सुनवाई 30 जून मंगलवार को सम्पन्न हुई. करीब 3 घंटे से ज्यादा देर तक चली सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखने की बात कही.

अखिलेश सिंह की बेटी हैं अदिति सिंह
बता दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह के स्वर अपने ही दल कांग्रेस के विरोध में उठने लगे थे. रायबरेली सदर से 5 बार विधायक रहे अखिलेश सिंह की पुत्री अदिति सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कांग्रेस से ही किया था और 2017 में पहली बार रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस के टिकट पर ही वह विधायक के रुप मे निर्वाचित हुई थीं. लगभग 2 साल के बाद ही उनका कांग्रेस से मोहभंग देखा जाने लगा था.

दिलचस्प बात यह रही कि अदिति की कांग्रेस से दूरियां अब सत्तारुढ़ दल बीजेपी से नजदीकी के रुप मे तब्दील हो चुकी थीं. यही कारण है कि कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष के सम्मुख उनकी सदस्यता रद्द करने संबंधी याचिका दायर की गई थी. हालांकि इस बीच निर्णय में देरी होता देख कांग्रेस ने इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच में भी याचिका दायर कर मामले की जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी.

रायबरेली: कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सदर से विधायक चुनी गईं अदिति सिंह का पार्टी से बगावत करके सत्तारुढ़ दल भाजपा का गुणगान करना अब मंहगा पड़ता दिख रहा है. मंगलवार को कांग्रेस की एमएलए अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने संबंधी याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की ओर से सुनवाई की गई. कई घंटों तक चली सुनवाई के बाद निर्णय फिलहाल सुरक्षित रखे जाने की बात कही जा रही है.

कांग्रेस की तरफ से सदस्यता रद्द करने संबंधी दायर किए गए वाद की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केसी कौशिक ने बताया कि मंगलवार को करीब 3 घंटे से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने निर्णय सुरक्षित रखा है. उम्मीद है कि जल्द ही निर्णय का खुलासा भी होगा.

25 जून को विधानसभा अध्यक्ष ने पहली सुनवाई की
रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह की सदस्यता रद्द करने पर कांग्रेस की याचिका पर 25 जून को विधानसभा अध्यक्ष ने पहली सुनवाई की थी. वहीं दूसरी सुनवाई 30 जून मंगलवार को सम्पन्न हुई. करीब 3 घंटे से ज्यादा देर तक चली सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखने की बात कही.

अखिलेश सिंह की बेटी हैं अदिति सिंह
बता दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह के स्वर अपने ही दल कांग्रेस के विरोध में उठने लगे थे. रायबरेली सदर से 5 बार विधायक रहे अखिलेश सिंह की पुत्री अदिति सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कांग्रेस से ही किया था और 2017 में पहली बार रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस के टिकट पर ही वह विधायक के रुप मे निर्वाचित हुई थीं. लगभग 2 साल के बाद ही उनका कांग्रेस से मोहभंग देखा जाने लगा था.

दिलचस्प बात यह रही कि अदिति की कांग्रेस से दूरियां अब सत्तारुढ़ दल बीजेपी से नजदीकी के रुप मे तब्दील हो चुकी थीं. यही कारण है कि कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष के सम्मुख उनकी सदस्यता रद्द करने संबंधी याचिका दायर की गई थी. हालांकि इस बीच निर्णय में देरी होता देख कांग्रेस ने इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच में भी याचिका दायर कर मामले की जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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