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रायबरेली एम्स को जल्द पूर्णकालिक निदेशक मिलने की उम्मीद - रायबरेली खबर

यूपी के रायबरेली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान अप्रैल 2020 तक अपनी सभी मुख्य सुविधाओं समेत कार्य करना प्रारंभ कर देगा. एम्स के उप निदेशक एसके सिंह ने बताया कि 2 माह के अंदर संस्थान के पूर्णकालिक निदेशक मिल जाएगा.

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रायबरेली एम्स को अब भी पूर्णकालिक निदेशक का है इंतजार.
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Published : Feb 11, 2020, 9:08 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: यूपीए शासनकाल के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सोनिया गांधी की बदौलत रायबरेली को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की सौगात हासिल हुई थी. पहले जमीन अधिग्रहण और फिर अन्य कारणों से इसका काम शुरू होने में वक़्त लगा. लंबे इंतजार के बाद साल 2018 में एम्स में ओपीडी की शुरुआत हुई.

रायबरेली एम्स को अब भी पूर्णकालिक निदेशक का है इंतजार.

इसी बीच चंडीगढ़ पीजीआई को एम्स रायबरेली के मेंटरशिप की जिम्मेदारी भी सौंपी गई. मरीजों को स्तरीय चिकित्सकीय सुविधा देने का दावा भी किया जाने लगा. हालांकि लंबा अरसा गुजर जाने के बावजूद संस्थान को अभी भी पूर्णकालिक निदेशक की दरकार है. जिसकी तैनाती होने से उम्मीद है कि कई जरूरी कार्यों को न केवल गति दी जा सकेगी, बल्कि एम्स अपनी ख्याति अनुरुप चिकित्सकीय सुविधा को देने में सक्षम हो सकेगा.

  • एम्स रायबरेली की स्वीकृति यूपीए वन शासनकाल के दौरान वर्ष 2007 में ही दी जा चुकी थी.
  • कई वर्ष गुजर जाने के बाद 2012 में 150 में से करीब 97 एकड़ भूमि एम्स के लिए अधिग्रहित हो पाई थी.
  • इसके बाद 2013 में सोनिया गांधी ने इसका शिलान्यास किया था.
  • वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कुछ साल प्रोजेक्ट थमा रहा, फिर अगस्त 2018 से ओपीडी सेवाओं की शुरुआत हुई थी.
  • एम्स प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है कि अप्रैल 2020 तक एम्स रायबरेली अपनी सभी मुख्य सुविधाओं समेत कार्य करना प्रारंभ कर देगा.

इसे भी पढ़ें- रायबरेली: दो दिन पूर्व घर से निकली महिला का मिला शव, हत्या की आशंका

इस संबंध में मंत्रालय ही ज्यादा कुछ बता सकता है. फिलहाल खबरें आ रही हैं, उसके अनुसार अगले 2 माह के अंदर संस्थान के पूर्णकालिक निदेशक की तैनाती संभव हो सकेगी.
-एसके सिंह, उप निदेशक, एम्स रायबरेली

रायबरेली: यूपीए शासनकाल के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सोनिया गांधी की बदौलत रायबरेली को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की सौगात हासिल हुई थी. पहले जमीन अधिग्रहण और फिर अन्य कारणों से इसका काम शुरू होने में वक़्त लगा. लंबे इंतजार के बाद साल 2018 में एम्स में ओपीडी की शुरुआत हुई.

रायबरेली एम्स को अब भी पूर्णकालिक निदेशक का है इंतजार.

इसी बीच चंडीगढ़ पीजीआई को एम्स रायबरेली के मेंटरशिप की जिम्मेदारी भी सौंपी गई. मरीजों को स्तरीय चिकित्सकीय सुविधा देने का दावा भी किया जाने लगा. हालांकि लंबा अरसा गुजर जाने के बावजूद संस्थान को अभी भी पूर्णकालिक निदेशक की दरकार है. जिसकी तैनाती होने से उम्मीद है कि कई जरूरी कार्यों को न केवल गति दी जा सकेगी, बल्कि एम्स अपनी ख्याति अनुरुप चिकित्सकीय सुविधा को देने में सक्षम हो सकेगा.

  • एम्स रायबरेली की स्वीकृति यूपीए वन शासनकाल के दौरान वर्ष 2007 में ही दी जा चुकी थी.
  • कई वर्ष गुजर जाने के बाद 2012 में 150 में से करीब 97 एकड़ भूमि एम्स के लिए अधिग्रहित हो पाई थी.
  • इसके बाद 2013 में सोनिया गांधी ने इसका शिलान्यास किया था.
  • वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कुछ साल प्रोजेक्ट थमा रहा, फिर अगस्त 2018 से ओपीडी सेवाओं की शुरुआत हुई थी.
  • एम्स प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है कि अप्रैल 2020 तक एम्स रायबरेली अपनी सभी मुख्य सुविधाओं समेत कार्य करना प्रारंभ कर देगा.

इसे भी पढ़ें- रायबरेली: दो दिन पूर्व घर से निकली महिला का मिला शव, हत्या की आशंका

इस संबंध में मंत्रालय ही ज्यादा कुछ बता सकता है. फिलहाल खबरें आ रही हैं, उसके अनुसार अगले 2 माह के अंदर संस्थान के पूर्णकालिक निदेशक की तैनाती संभव हो सकेगी.
-एसके सिंह, उप निदेशक, एम्स रायबरेली

Intro:रायबरेली : 2007 में स्वीकृत हुए रायबरेली एम्स को अब भी पूर्णकालिक निदेशक का इंतज़ार

10 फरवरी 2020 - रायबरेली

यूपी शासनकाल के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष व स्थानीय सांसद सोनिया गांधी की बदौलत रायबरेली को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की सौगात हासिल हुई थी।पहले ज़मीन अधिग्रहण फिर अन्य कारणों से इसका काम शुरु होने में वक़्त लगा, फिर लंबे इंतज़ार के बाद के साल 2018 में एम्स में ओपीडी की शुरुआत हुई।इसी बीच चंडीगढ़ पीजीआई को एम्स रायबरेली के मेंटरशिप की जिम्मेदारी भी सौंपी गई और मरीजों को स्तरीय चिकित्सकीय सुविधा देने का दावा भी किया जाने लगा।हालांकि लंबा अरसा गुज़र जाने के बावजूद संस्थान को अभी भी पूर्णकालिक निदेशक की दरकार है।जिसकी तैनाती होने से उम्मीद है कि कई जरुरी कार्यों को न केवल गति दी जा सकेगी बल्कि एम्स अपनी ख्याति अनुरुप चिकित्सकीय सुविधा को देने
में सक्षम हो सकेगा।







Body:इस संबंध में रायबरेली एम्स के उपनिदेशक एसके सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि इस संबंध में मंत्रालय ही ज्यादा कुछ बता सकता है, फिलहाल उन्हें खबरें आ रही है उसके अनुसार अगले 2 माह के अंदर संस्थान के पूर्णकालिक निदेशक की तैनाती संभव हो सकेगी।


उल्लेखनीय है कि एम्स रायबरेली की स्वीकृति यूपीए वन शासनकाल के दौरान वर्ष 2007 में ही दी जा चुकी थी।कई वर्ष गुज़र जाने के बाद 2012 में 150 में से करीब 97 एकड़ भूमि एम्स के लिए अधिग्रहित हो पाई थी,उसके बाद 2013 में सोनिया गांधी ने इसका शिलान्यास किया था।वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कुछ साल प्रोजेक्ट थमा रहा फिर अगस्त 2018 से ओपीडी सेवाओं की शुरुआत हुई थी।एम्स प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है कि अप्रैल 2020 तक एम्स रायबरेली अपनी सभी मुख्य सुविधाओं समेत कार्य करना प्रारंभ कर देगा।







Conclusion:बाइट : एसके सिंह - उप निदेशक - एम्स रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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