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रायबरेली: बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक की भर्ती में सॉल्वर गैंग ने लगाई सेंध - reveal of fraud in bank examination

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में आईबीपीएस द्वारा आयोजित की जाने वाली बैंक परीक्षा में जालसाजी का मामला सामने आया है. मामले में कई जालसाजों को पकड़ने के बाद पुलिस जालसाजी की गंभीरता से जांच करने की बात कह रही है.

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बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक.
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Published : Jan 29, 2020, 9:28 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: जिले में आईबीपीएस की ओर से आयोजित की जाने वाली बैंक परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर हो रही जालसाजी सामने आई है. जिले के बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में चयन प्रक्रिया के दौरान जालसाजों के पकड़े जाने के बाद आईबीपीएस की भर्ती प्रक्रिया पर पूरी तरह से प्रश्न चिन्ह लग गया है. एक-एक करके कई जालसाजों के पकड़े जाने के बाद रायबरेली पुलिस भी मामले की गंभीरता से जांच करने की बात कह रही है. जालसाजों से पूछताछ में मिले क्लू के माध्यम से सर्विलांस और स्वाट टीमें भी गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की बात कह रही है.

जानकारी देते बड़ौदा ग्रामीण बैंक के चेयरमैन डीपी गुप्ता.
बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष डीपी गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि आईबीपीएस द्वारा ग्रामीण बैंक में चयन प्रक्रिया का आयोजन किया गया था, इसमें प्रधान कार्यालय में चिन्हित अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था. इनमें जालसाजों के माध्यम से कई अभ्यर्थियों ने आईबीपीएस की परीक्षा में हिस्सा लिया और डॉक्यूमेंट वेरीफाई करने खुद पहुंचे. कुछ ऐसे भी संदिग्ध लोग प्रक्रिया में शामिल होने रायबरेली पहुंचे थे, जिन्होंने सॉल्वर के रूप में लिखित परीक्षा अभ्यर्थी के नाम से देने के बाद बायोमीट्रिक वैरिफिकेशन कराना चाहते थे.

9 जनवरी को सामने आया था पहला मामला
बैंक अध्यक्ष डीपी गुप्ता के अनुसार, विगत 9 जनवरी को पहली बार दो ऐसे मामले बैंक अधिकारियों द्वारा पकड़े गए थे. सॉल्वर के माध्यम से आईबीपीएस की परीक्षा को पास करने के बाद दो एप्लिकेंट वैरिफिकेशन कराने बैंक के प्रधान कार्यालय पहुंचे थे. मामले में मौके से सॉल्वर भाग निकले, लेकिन बैंक ने अभ्यर्थियों को पुलिस के हवाले कर दिया.

कुछ दिन बाद यूपी के बिजनौर जिले से जुड़ा दूसरा मामला प्रकाश में आया, जिसमें सॉल्वर और अभ्यर्थी दोनों को बैंक अधिकारियों ने शिकंजे में ले लिया था. इसके अलावा बैंक अधिकारियों ने एक अन्य मामले का खुलासा किया था. जिसमें अभ्यर्थी द्वारा सॉल्वर का 'थम्प इम्प्रेशन' अपने अंगूठे में चिपकाकर बायोमीट्रिक करने का प्रयास किया जा रहा था. सभी मामलों को स्थानीय पुलिस के समक्ष पेश करने के साथ वैधानिक कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया गया है.

इसे भी पढ़ें- जौनपुर: हिंदू युवा वाहिनी ने गणतंत्र दिवस पर मिशनरी स्कूल बंद होने का लगाया आरोप, सौंपा ज्ञापन

बड़े पैमाने पर रिक्रूटमेंट से जुड़ी धांधली का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आने के बाद से ही बैंक द्वारा चयन प्रक्रिया में विशेष सतर्कता बरते जाने की बात कही जा रही है. साथ ही पूरे मामले से आईबीपीएस को अवगत कराने की बात कही जा रही है. चेयरमैन डीपी गुप्ता ने बताया कि परीक्षा संपन्न कराने का दायित्व आईबीपीएस के जिम्मे रहता है. यही कारण है कि बैंक द्वारा इसकी लिखित सूचना दी जा रही है. इसके अलावा नाबार्ड ग्रामीण बैंक की रेग्य़ुलेटरी बॉडी के रूप में कार्य करती है, इसलिए उसे भी अवगत कराया जाएगा.

रायबरेली: जिले में आईबीपीएस की ओर से आयोजित की जाने वाली बैंक परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर हो रही जालसाजी सामने आई है. जिले के बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में चयन प्रक्रिया के दौरान जालसाजों के पकड़े जाने के बाद आईबीपीएस की भर्ती प्रक्रिया पर पूरी तरह से प्रश्न चिन्ह लग गया है. एक-एक करके कई जालसाजों के पकड़े जाने के बाद रायबरेली पुलिस भी मामले की गंभीरता से जांच करने की बात कह रही है. जालसाजों से पूछताछ में मिले क्लू के माध्यम से सर्विलांस और स्वाट टीमें भी गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की बात कह रही है.

जानकारी देते बड़ौदा ग्रामीण बैंक के चेयरमैन डीपी गुप्ता.
बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष डीपी गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि आईबीपीएस द्वारा ग्रामीण बैंक में चयन प्रक्रिया का आयोजन किया गया था, इसमें प्रधान कार्यालय में चिन्हित अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था. इनमें जालसाजों के माध्यम से कई अभ्यर्थियों ने आईबीपीएस की परीक्षा में हिस्सा लिया और डॉक्यूमेंट वेरीफाई करने खुद पहुंचे. कुछ ऐसे भी संदिग्ध लोग प्रक्रिया में शामिल होने रायबरेली पहुंचे थे, जिन्होंने सॉल्वर के रूप में लिखित परीक्षा अभ्यर्थी के नाम से देने के बाद बायोमीट्रिक वैरिफिकेशन कराना चाहते थे.

9 जनवरी को सामने आया था पहला मामला
बैंक अध्यक्ष डीपी गुप्ता के अनुसार, विगत 9 जनवरी को पहली बार दो ऐसे मामले बैंक अधिकारियों द्वारा पकड़े गए थे. सॉल्वर के माध्यम से आईबीपीएस की परीक्षा को पास करने के बाद दो एप्लिकेंट वैरिफिकेशन कराने बैंक के प्रधान कार्यालय पहुंचे थे. मामले में मौके से सॉल्वर भाग निकले, लेकिन बैंक ने अभ्यर्थियों को पुलिस के हवाले कर दिया.

कुछ दिन बाद यूपी के बिजनौर जिले से जुड़ा दूसरा मामला प्रकाश में आया, जिसमें सॉल्वर और अभ्यर्थी दोनों को बैंक अधिकारियों ने शिकंजे में ले लिया था. इसके अलावा बैंक अधिकारियों ने एक अन्य मामले का खुलासा किया था. जिसमें अभ्यर्थी द्वारा सॉल्वर का 'थम्प इम्प्रेशन' अपने अंगूठे में चिपकाकर बायोमीट्रिक करने का प्रयास किया जा रहा था. सभी मामलों को स्थानीय पुलिस के समक्ष पेश करने के साथ वैधानिक कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया गया है.

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बड़े पैमाने पर रिक्रूटमेंट से जुड़ी धांधली का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आने के बाद से ही बैंक द्वारा चयन प्रक्रिया में विशेष सतर्कता बरते जाने की बात कही जा रही है. साथ ही पूरे मामले से आईबीपीएस को अवगत कराने की बात कही जा रही है. चेयरमैन डीपी गुप्ता ने बताया कि परीक्षा संपन्न कराने का दायित्व आईबीपीएस के जिम्मे रहता है. यही कारण है कि बैंक द्वारा इसकी लिखित सूचना दी जा रही है. इसके अलावा नाबार्ड ग्रामीण बैंक की रेग्य़ुलेटरी बॉडी के रूप में कार्य करती है, इसलिए उसे भी अवगत कराया जाएगा.

Intro:एक्सक्लूसिव -

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28 जनवरी 2020 - रायबरेली

जनपद के बड़ौदा ग्रामीण बैंक मुख्यालय में चल रही बैंक भर्ती प्रक्रिया में प्रदेश व अन्य प्रांतों के सॉल्वर गिरोह ने गज़ब की सेंध मारी की है।आईबीपीएस द्वारा आयोजित की जाने वाली बैंक परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर हो रही जालसाजी रायबरेली में बेपर्दा हुई है। रायबरेली के बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में चयन प्रक्रिया के दौरान जाल साजों के पकड़े जाने के बाद आईबीपीएस की भर्ती प्रक्रिया पर पूरी तरह से प्रश्न चिन्ह लग गया है।एक-एक करके कई जालसाजों के पकड़े जाने के बाद रायबरेली पुलिस भी मामलें की गंभीरता से जांच करने की बात कह रही है।
जालसाजों से पूछताछ में मिले क्लू के माध्यम से सर्विलांस व स्वाट टीमें भी गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचने का दावा कर रही है।

वही बैंक से जुड़े लोगों का कहना है कि बैंक की विशेष टीम द्वारा अभ्यर्थियों व सॉल्वरों की फोटो मिक्सिंग को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान पकड़ा गया था।इसी दौरान बायोमेट्रिक के जरिए भी जालसाजी की पुष्टि हुई थी।

लेकिन अचरज की बात यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षा कराने वाली इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन बोर्ड (आईबीपीएस) के तंत्र में जालसाजों की गहरी पैठ देश भर की बैंकिंग संस्थानों की भर्ती प्रक्रिया की शुचिता व गरिमा बरकरार रख पाने में कैसे सफल हो पाएगी।






Body:बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष डीपी गुप्ता ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि आईबीपीएस द्वारा आयोजित की गई परीक्षाओं के आधार पर ग्रामीण बैंक द्वारा भी चयन प्रक्रिया का आयोजन किया गया था।इसी क्रम में प्रधान कार्यालय में चिन्हित अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था। इसी दौरान कई ऐसे सनसनीखेज मामले प्रकाश में आए हैं जिनमें जालसाजों के माध्यम से कई अभ्यर्थियों ने आईबीपीएस की परीक्षा में हिस्सा लिया और डॉक्यूमेंट वेरीफाई करने खुद पहुंचे।इसी दौरान कुछ ऐसे भी संदिग्ध लोग इस पूरी प्रक्रिया में शामिल होने रायबरेली पहुंचे थे जिन्होंने सॉल्वर के रूप में लिखित परीक्षा अभ्यर्थी के
नाम से देने के बाद बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराने के मकसद से रायबरेली का रुख किया था।

बैंक अध्यक्ष डीपी गुप्ता कहते हैं विगत 9 जनवरी को पहली बार दो ऐसे मामले बैंक अधिकारियों द्वारा पकड़े गए थे। सॉल्वर के माध्यम से आईबीपीएस की परीक्षा को पास करने के बाद दो एप्लिकेंट वेरिफिकेशन कराने बैंक के प्रधान कार्यालय पहुंचे थे।हालांकि मामले में मौके से सॉल्वर भाग निकले पर अभ्यर्थियों को बैंक द्वारा पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।उसके कुछ दिन बाद एक अन्य मामला उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद से जुड़ा प्रकाश में आया जिसमे सॉल्वर व एप्लिकेंट दोनों को बैंक अधिकारियों द्वारा शिकंजे में लिया जाने में कामयाबी हासिल हुई।इनके अलावा एक अन्य मामला बैंक अधिकारियों द्वारा पकड़ में लाया गया।कुछ दिन पूर्व ही पकड़ में आएं इस मामले में अभ्यर्थी द्वारा सॉल्वर का 'थम्प इम्प्रैशन' अपने अंगूठे में चिपकाकर बायोमेट्रिक करने का प्रयास किया जा रहा था।सभी मामलों को स्थानीय पुलिस के समक्ष पेश करने के साथ वैधानिक कार्यवाही किए जाने का अनुरोध किया गया है।

डीपी गुप्ता दावा करते है कि बैंक अधिकारियों की सतर्कता का नतीजा रहा कि इस धांधली का पकड़ा जा सका हालांकि पहले मामलें में सॉल्वर मौके से भागने में कामयाब रहा पर कुछ दिनों बाद सूबे के बिजनोर ज़िले से जुड़े अन्य मामले में सॉल्वर को भी बैंक अधिकारियों द्वारा दबोचने में कामयाब रहने की बात कही जा रही है।चेयरमैन कहते है कि पूरा मामला के विवेचना रायबरेली पुलिस द्वारा की जा रही है और उम्मीद है जल्द ही गैंग से जुड़े अन्य लोगों का भी पर्दाफ़ाश होगा।

पूरे मामलें को आईबीपीएस व नाबार्ड के संज्ञान में भी लाया जाएगा - डीपी गुप्ता

बड़े पैमाने पर रिक्रूटमेंट से जुड़ी धांधली का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आने के बाद से ही बैंक द्वारा चयन प्रक्रिया में विशेष सतर्कता बरते जाने के अलावा इस पूरे मामले से आईबीपीएस को अवगत कराने की बात कही जा रही है।
बैंक के चेयरमैन डीपी गुप्ता ने बताया कि परीक्षा संपन्न कराने का दायित्व आईबीपीएस के जिम्मे रहता है।यही कारण है कि बैंक द्वारा इसकी लिखित सूचना दी जा रही है।इसके अलावा नाबार्ड ग्रामीण बैंक की रेगुलेटरी बॉडी के रुप मे कार्य करती है इसलिए उसे भी अवगत कराया जाएगा।



Conclusion:विज़ुअल : संबंधित विज़ुअल,

बाइट : डी पी गुप्ता - चेयरमैन - बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक

प्रणव कुमार - 7000024034

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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