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अमेठी के साथ रायबरेली के विकास को भी ‘स्मृति’ से आस

यूपी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बुधवार से अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दो दिवसीय दौरे पर पहुंची हैं. केन्द्रीय मंत्री के इस दौरे से अमेठी के साथ ही रायबरेली को भी विकास की काफी उम्मीदें हैं. इस दौरान स्मृति ईरानी यहां कई परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगी.

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Published : Sep 12, 2019, 9:45 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

रायबरेली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दो दिवसीय दौरे पर आयी हैं. स्मृति द्वारा अमेठी को दी जाने वाली कई सौगातों से अब रायबरेली को भी अपने विकास को लेकर आस जगी है. क्योंकि दशकों तक रायबरेली और अमेठी के विकास को एक साथ गति देने की बात होती आई है. हालांकि दशकों तक गांधी परिवार के अभेद गढ़ के रुप मे पहचान बनाने में कामयाब रहे अमेठी-रायबरेली में से अमेठी ने ही गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी को बेदखल करने का काम किया और उसी का फायदा फिलहाल उसे मिलता दिख रहा है.

जानकारी देते संवाददाता

अमेठी मिलने वाली इन सौगातों पर रहेगी रायबरेली की नजर -
अमेठी संसदीय क्षेत्र में रायबरेली जिले की तहसील और विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है. यही वजह है कि अमेठी सांसद का दखल रायबरेली में भी रहता है. जबतक सोनिया गांधी और राहुल, इन जगहों से सांसद हुआ करते थे, तब बात परिवार तक सीमित रहती थी. फिलहाल रायबरेली में दो अलग-अलग दलों का प्रतिनिधित्व है. इसलिए दोनों ही क्षेत्रों में सियासी हलचल का तेज होना स्वाभाविक है.

अमेठी-रायबरेली रेल मार्ग दोहरीकरण से लेकर स्मृति द्वारा दिखाई जा रही सक्रियता को लेकर कई दशकों से अधूरी पड़ी परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद जगी है. इसके अलावा अमेठी-ऊंचाहार रेल मार्ग बनाएं जाने को लेकर स्मृति ईरानी रेल अधिकारियों से लेकर रेल मंत्री तक से मिलने में गुरेज नहीं करती हैं. इस वजह से प्रोजेक्ट के जल्द शुरु होने आस लगाई जा रही है. इन दोनों ही बड़ी योजनाओं से अमेठी के साथ-साथ रायबरेली को भी फायदा मिलने जा रहा है. साथ ही रायबरेली के उस भाग को जिससे रेल नेटवर्क अभी तक अछूता रहा उसे अब अपना सपना पूरा होता दिख रहा है.


रेल संपर्क मार्ग से अछूता रहा सलोन -

अमेठी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा और रायबरेली के अंग सलोन के विकास को लेकर भी स्मृति बेहद संवेदनशील दिखती हैं. कुछ समय पहले स्मृति खुद ही इस क्षेत्र का दौरा कर चुकी हैं और उस दौरे पर वे अपने साथ सूबे के उपमुख्यमंत्री को लेकर आई थीं. अमेठी-ऊंचाहार रेलखंड सलोन से होकर गुजरता है और इस रेलखंड के जरिए ही सलोन को भारतीय रेल के मानचित्र पर अंकित किया जाता है. हालांकि इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2013 में तत्कालीन अमेठी सांसद राहुल गांधी के प्रयासों से स्वीकृति मिली थी, पर राहुल सलोन तक रेल की पटरी लाने में कामयाब नहीं हो हुए. कई वर्ष गुजर जाने के बाद अब स्मृति ईरानी ने राहुल के प्रोजेक्ट को पूरा करने का बीड़ा उठाया है.

राजनीतिक पंडित भले ही इस बात को लेकर माथापच्ची कर रहे हों कि राहुल गांधी से अमेठी छीनने के बाद भारतीय जनता पार्टी में स्मृति ईरानी का कद बढ़ा है कि नहीं, लेकिन स्मृति ईरानी इस बात से भलीभांति परिचित है कि राहुल को हराने से ज्यादा मुश्किल काम इस संसदीय सीट को भविष्य के चुनावों में भाजपा में खेमें में बरकरार रखने का होगा. यही कारण है कि स्मृति यहां के विकास पर लगातार ध्यान दे रहीं हैं.

रायबरेली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दो दिवसीय दौरे पर आयी हैं. स्मृति द्वारा अमेठी को दी जाने वाली कई सौगातों से अब रायबरेली को भी अपने विकास को लेकर आस जगी है. क्योंकि दशकों तक रायबरेली और अमेठी के विकास को एक साथ गति देने की बात होती आई है. हालांकि दशकों तक गांधी परिवार के अभेद गढ़ के रुप मे पहचान बनाने में कामयाब रहे अमेठी-रायबरेली में से अमेठी ने ही गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी को बेदखल करने का काम किया और उसी का फायदा फिलहाल उसे मिलता दिख रहा है.

जानकारी देते संवाददाता

अमेठी मिलने वाली इन सौगातों पर रहेगी रायबरेली की नजर -
अमेठी संसदीय क्षेत्र में रायबरेली जिले की तहसील और विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है. यही वजह है कि अमेठी सांसद का दखल रायबरेली में भी रहता है. जबतक सोनिया गांधी और राहुल, इन जगहों से सांसद हुआ करते थे, तब बात परिवार तक सीमित रहती थी. फिलहाल रायबरेली में दो अलग-अलग दलों का प्रतिनिधित्व है. इसलिए दोनों ही क्षेत्रों में सियासी हलचल का तेज होना स्वाभाविक है.

अमेठी-रायबरेली रेल मार्ग दोहरीकरण से लेकर स्मृति द्वारा दिखाई जा रही सक्रियता को लेकर कई दशकों से अधूरी पड़ी परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद जगी है. इसके अलावा अमेठी-ऊंचाहार रेल मार्ग बनाएं जाने को लेकर स्मृति ईरानी रेल अधिकारियों से लेकर रेल मंत्री तक से मिलने में गुरेज नहीं करती हैं. इस वजह से प्रोजेक्ट के जल्द शुरु होने आस लगाई जा रही है. इन दोनों ही बड़ी योजनाओं से अमेठी के साथ-साथ रायबरेली को भी फायदा मिलने जा रहा है. साथ ही रायबरेली के उस भाग को जिससे रेल नेटवर्क अभी तक अछूता रहा उसे अब अपना सपना पूरा होता दिख रहा है.


रेल संपर्क मार्ग से अछूता रहा सलोन -

अमेठी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा और रायबरेली के अंग सलोन के विकास को लेकर भी स्मृति बेहद संवेदनशील दिखती हैं. कुछ समय पहले स्मृति खुद ही इस क्षेत्र का दौरा कर चुकी हैं और उस दौरे पर वे अपने साथ सूबे के उपमुख्यमंत्री को लेकर आई थीं. अमेठी-ऊंचाहार रेलखंड सलोन से होकर गुजरता है और इस रेलखंड के जरिए ही सलोन को भारतीय रेल के मानचित्र पर अंकित किया जाता है. हालांकि इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2013 में तत्कालीन अमेठी सांसद राहुल गांधी के प्रयासों से स्वीकृति मिली थी, पर राहुल सलोन तक रेल की पटरी लाने में कामयाब नहीं हो हुए. कई वर्ष गुजर जाने के बाद अब स्मृति ईरानी ने राहुल के प्रोजेक्ट को पूरा करने का बीड़ा उठाया है.

राजनीतिक पंडित भले ही इस बात को लेकर माथापच्ची कर रहे हों कि राहुल गांधी से अमेठी छीनने के बाद भारतीय जनता पार्टी में स्मृति ईरानी का कद बढ़ा है कि नहीं, लेकिन स्मृति ईरानी इस बात से भलीभांति परिचित है कि राहुल को हराने से ज्यादा मुश्किल काम इस संसदीय सीट को भविष्य के चुनावों में भाजपा में खेमें में बरकरार रखने का होगा. यही कारण है कि स्मृति यहां के विकास पर लगातार ध्यान दे रहीं हैं.

Intro:रायबरेली:अमेठी के साथ रायबरेली के विकास को भी ‘स्मृति’ से आस

स्मृति की पहल से रायबरेली - अमेठी रेल मार्ग दोहरीकरण के अलावा अमेठी - ऊंचाहार रेल खंड विकसित होने की उम्मीद


(केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी - अमेठी दो दिवसीय प्रवास विशेष)

11 सिंतबर 2019 - रायबरेली

राजनीतिक पंडित भले ही इस बात को लेकर माथापच्ची कर सकते हैं कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से अमेठी छीनने के बाद भारतीय जनता पार्टी में स्मृति ईरानी का कद बढ़ा है अथवा पुराना करिश्मा ही बरकरार है पर खुद स्मृति ईरानी इस बात से भलीभांति परिचित है कि राहुल को हराने से ज्यादा मुश्किल काम अमेठी संसदीय सीट को भविष्य के चुनावों में भाजपा में खेमें में बरकरार रखने का होगा।यही कारण है कि अमेठी की निगहबान खुद स्मृति की दोनों आंखें बनी हुई है।

दरअसल केंद्रीय मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दो दिवसीय प्रवास पर हैं । स्मृति द्वारा अमेठी को दी जाने वाली ताबड़तोड़ सौगातों से अब रायबरेली को भी अपने विकास को लेकर अमेठी से आस जगी है।हो भी क्यों न आखिर दशकों तक रायबरेली व अमेठी के विकास को एक साथ गति देने की बात होती आई है।हालांकि दशको तक गांधी परिवार के अभेद दुर्ग के रुप मे पहचान बनाने में कामयाब रहे अमेठी - रायबरेली में से अमेठी ने ही गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी को बेदखल करने का काम किया और उसी का फ़ायदा फिलहाल उसे मिलता दिख रहा है,वही रायबरेली ने पुरानी परंपरा ही आगे बढ़ाते हुए पुनः सोनिया पर ही विश्वास जताया था।

अमेठी की दी जाने वाली इन सौगातों पर रहेगी रायबरेली की नज़र -
अमेठी संसदीय क्षेत्र में रायबरेली जिले की तहसील व विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है।यही वजह है कि अमेठी सांसद का दखल रायबरेली में भी रहता है।जबतक मां - बेटे, रायबरेली व अमेठी से सांसद हुआ करते थे। तब बात परिवार तक सीमित रहती थी लेकिन फिलहाल रायबरेली में दो अलग-अलग दलों का प्रतिनिधित्व है। यही कारण है कि दोनों ही क्षेत्रों में सियासी हलचल का तेज होना स्वाभाविक है।

अमेठी - रायबरेली रेल मार्ग दोहरीकरण से लेकर स्मृति द्वारा दिखाई जा रही सक्रियता को लेकर कई दशकों से अधूरी पड़ी परियोजना के पूरा होने की उम्मीद जगी है।
इसके अलावा अमेठी - ऊंचाहार रेल मार्ग बनाएं जाने को लेकर भी स्मृति ईरानी रेल अधिकारियों से लेकर रेल मंत्री तक से मिलने में गुरेज करती नही दिख रही है यही कारण है कि इस प्रोजेक्ट के भी जल्द शुरु होने आस लगाई जा रही है।
इन दोनों ही बड़ी योजनाओं से अमेठी के साथ साथ रायबरेली को भी फायदा मिलने जा रहा है।साथ ही रायबरेली जनपद के उस भाग जिससे रेल नेटवर्क अभी तक अछूता रहा उसे अब अपना सपना पूरा होता दिख रहा है।













Body:रेल संपर्क मार्ग से अछूता रहा सलोन -

अमेठी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा व रायबरेली जनपद के अंग सलोन के विकास को लेकर भी स्मृति बेहद संवेदनशील दिखती है।करीब पखवाड़े पूर्व ही खुद स्मृति इस क्षेत्र का दौरा कर चुकी है और अपने साथ उस दौर में सूबे के उपमुख्यमंत्री को भी लेकर आई थी।अमेठी - ऊंचाहार रेलखंड सलोन से होकर गुज़रना है और इस रेलखंड के जरिए ही सलोन को भारतीय रेल के मानचित्र पर अंकित किया जा सकेगा।हालांकि इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2013 में यूपीए शासनकाल के दौरान ही तत्कालीन अमेठी सांसद राहुल गांधी के प्रयासों से स्वीकृति मिली थी पर राहुल सलोन तक रेल की पटरी लाने में क़ामयाब नही हो सके।कई वर्ष गुज़र जाने के बाद अब राहुल के प्रोजेक्ट को पूरा करने का बीड़ा स्मृति ईरानी ने उठाया है।वैसे अमेठी के एक और पूर्व सांसद राजीव गांधी ने भी इस रेलखंड के पूरा होने का सपना देखा था पर कई सालों तक कांग्रेसी सरकारें सत्ता में रहने के बावजूद उसे पूरा न करा सकी।
बहरहाल स्मृति ईरानी द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र को ताबड़तोड़ सौगातें देने से रायबरेली के विकास को भी पंख लगने की उम्मीदें जगी है।


Conclusion:विज़ुअल:संबंधित विज़ुअल व पीटीसी,

प्रणव कुमार - 7000024034

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

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