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रायबरेली: जल्द पूरा होगा रिंग रोड प्रोजेक्ट, नए वेंडर को सौंपी गई जिम्मेदारी

यूपी के रायबरेली में सभी गतिरोधों को समाप्त कर रिंग रोड प्रोजेक्ट का कार्य पूरा किया जाएगा. इस कार्य की पूरी जिम्मेदारी नए वेंडर को सौंपी गई है. जल्द ही अंतिम रुप देकर नगरवासियों को रिंग रोड की सौगात भी भेंट की जाएगी.

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रिंग रोड प्रोजेक्ट पूरा होने की जगी आस
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Published : Feb 5, 2020, 8:05 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: जिले में सालों से अटके रिंग रोड प्रोजेक्ट के पूरा होने की आस जगी है. स्थानीय प्रशासन अब दावा कर रहा है कि सभी गतिरोधों को समाप्त कर जल्द ही प्रोजेक्ट का काम एक बार फिर शुरु किया जाएगा. साथ ही इसी साल इसके पूरा होने के भी आसार दिख रहे हैं. भारत सरकार के सड़क परिवाहन मंत्रालय को इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लंबी कवायद के बाद विभाग ने तीसरा वेंडर को इस कार्य की पूरी जिम्मेदारी सौंपी है. इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट को अंतिम रुप दिया जाएगा.

रिंग रोड प्रोजेक्ट पूरा होने की जगी आस.

स्थानीय सांसद सोनिया गांधी के कार्यकाल में अधूरी पड़ी थी परियोजना
यूपीए शासनकाल में स्थानीय सांसद सोनिया गांधी द्वारा वर्ष 2013 में रायबरेली को रिंग रोड प्रोजेक्ट की सौगात दी गई थी.अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को महानगरों के बीच चलने वाले भारी वाहनों के ट्रैफिक से निजात दिलाने के मकसद से इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई. मार्च 2014 में ही इस प्रोजेक्ट के फर्स्ट फेज में काम शुरु हो गया था. दो साल के अंदर इसको पूरा करने का दावा किया जा रहा था पर रिंग रोड प्रोजेक्ट का पहला फेज भी अभी तक अधूरा ही पड़ा है. भारत सरकार के सड़क परिवाहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

कई कंपनियों को सौंपी गई थी जिम्मेदारी
शुरुआत में राजधानी लखनऊ के कंपनी जेकेएम को इसका ठेका दिया गया था, पर कभी मजदूरों से जुड़ी समस्या, कभी रंगदारी से जुड़े मुद्दे को लेकर अक्सर विवाद की खबरें आती रही और काम पूरा न हो सका. उसके बाद दूसरी कंपनी एपीएस को इसे पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन प्रोजेक्ट को अंजाम तक ले जाने में वह भी कामयाब नहीं हो सकी. अब किसी तीसरे कंपनी के जिम्मे प्रोजेक्ट को सौंपकर पूरा करने का दावा किया जा रहा है.

इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी गतिरोधों को समाप्त कर दिया गया है. एक बार फिर नए वेंडर को कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जल्द ही अंतिम रुप देकर नगरवासियों को रिंग रोड की सौगात भी भेंट की जाएगी.
-राम अभिलाष, अपर जिला अधिकारी

इसे भी पढ़ें-सीतापुर: ग्रामीणों ने बिना सरकारी मदद के तैयार की 400 मीटर लंबी सड़क

रायबरेली: जिले में सालों से अटके रिंग रोड प्रोजेक्ट के पूरा होने की आस जगी है. स्थानीय प्रशासन अब दावा कर रहा है कि सभी गतिरोधों को समाप्त कर जल्द ही प्रोजेक्ट का काम एक बार फिर शुरु किया जाएगा. साथ ही इसी साल इसके पूरा होने के भी आसार दिख रहे हैं. भारत सरकार के सड़क परिवाहन मंत्रालय को इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लंबी कवायद के बाद विभाग ने तीसरा वेंडर को इस कार्य की पूरी जिम्मेदारी सौंपी है. इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट को अंतिम रुप दिया जाएगा.

रिंग रोड प्रोजेक्ट पूरा होने की जगी आस.

स्थानीय सांसद सोनिया गांधी के कार्यकाल में अधूरी पड़ी थी परियोजना
यूपीए शासनकाल में स्थानीय सांसद सोनिया गांधी द्वारा वर्ष 2013 में रायबरेली को रिंग रोड प्रोजेक्ट की सौगात दी गई थी.अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को महानगरों के बीच चलने वाले भारी वाहनों के ट्रैफिक से निजात दिलाने के मकसद से इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई. मार्च 2014 में ही इस प्रोजेक्ट के फर्स्ट फेज में काम शुरु हो गया था. दो साल के अंदर इसको पूरा करने का दावा किया जा रहा था पर रिंग रोड प्रोजेक्ट का पहला फेज भी अभी तक अधूरा ही पड़ा है. भारत सरकार के सड़क परिवाहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

कई कंपनियों को सौंपी गई थी जिम्मेदारी
शुरुआत में राजधानी लखनऊ के कंपनी जेकेएम को इसका ठेका दिया गया था, पर कभी मजदूरों से जुड़ी समस्या, कभी रंगदारी से जुड़े मुद्दे को लेकर अक्सर विवाद की खबरें आती रही और काम पूरा न हो सका. उसके बाद दूसरी कंपनी एपीएस को इसे पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन प्रोजेक्ट को अंजाम तक ले जाने में वह भी कामयाब नहीं हो सकी. अब किसी तीसरे कंपनी के जिम्मे प्रोजेक्ट को सौंपकर पूरा करने का दावा किया जा रहा है.

इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी गतिरोधों को समाप्त कर दिया गया है. एक बार फिर नए वेंडर को कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जल्द ही अंतिम रुप देकर नगरवासियों को रिंग रोड की सौगात भी भेंट की जाएगी.
-राम अभिलाष, अपर जिला अधिकारी

इसे भी पढ़ें-सीतापुर: ग्रामीणों ने बिना सरकारी मदद के तैयार की 400 मीटर लंबी सड़क

Intro:खबर से जुड़े अतिरिक्त विज़ुअल भेजे जा रहे है। कृपया संज्ञान लें, सादर, रायबरेली:गतिरोध खत्म होने का दावा,रिंग रोड प्रोजेक्ट पूरा होने की आस जगी 04 फरवरी 2020 - रायबरेली सालों से अटके पड़े रायबरेली के रिंग रोड प्रोजेक्ट के पूरा होने की आस जगी है।स्थानीय प्रशासन अब दावा कर रहा है कि सभी गतिरोधों को समाप्त कर जल्द ही प्रोजेक्ट का काम एक बार पुनः शुरु किया जाएगा साथ ही इसी साल इसके पूरा होने के भी आसार दिख रहे है।भारत सरकार के सड़क परिवाहन मंत्रालय द्वारा को इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।शुरुआत से ही प्रोजेक्ट विभिन्न कारणों से सुर्खियों में रहा था और अंदेशा जताया जा रहा था कि सरकारी मशीनरी की सुस्ती ही पूरे प्रोजेक्ट के लटकने के पीछे का मुख्य कारण है।पर लंबी कवायद के बाद अब विभाग द्वारा तीसरा वेंडर को कार्य पूरी करने की जिम्मेदारी सौंपते हुए इस प्रोजेक्ट को अंतिम रुप दिया जाएगा।


Body:दरअसल यूपीए शासनकाल के दौरान स्थानीय सांसद सोनिया गांधी के विशेष प्रयासों की बदौलत स्वीकृत हुई रिंग रोड परियोजना लंबे अरसे से अधूरी पड़ी है।परियोजना को पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय द्वारा अब तक 2 ठेकेदारों को आज़माया जा चुका है पर दोनों ही प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले ही काम छोड़ कर निकल चुकी है।अब एक बार पुनः किसी अन्य कंपनी के माध्यम से कार्य पूरा करने की बात कही जा रही है। भारत सरकार के सड़क परिवाहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।शुरुआत में राजधानी लखनऊ के कंपनी 'जेकेएम' को इसका ठेका दिया गया था,पर कभी मजदूरों से जुड़ी समस्या,कभी रंगदारी से जुड़े मुद्दे को लेकर अक्सर विवाद की खबरें आती रही और काम पूरा न हो सका उसके बाद दूसरी कंपनी एपीएस को इसे पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई पर प्रोजेक्ट को अंजाम पर ले जाने में वो भी कामयाब नही हो सकी।अब किसी तीसरे के जिम्मे प्रोजेक्ट को सौंपकर पूरा करने का दावा किया जा रहा है। रिंग रोड प्रोजेक्ट के बारे में रायबरेली के अपर जिलाधिकारी प्रशासन राम अभिलाष ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी गतिरोधों को समाप्त कर दिया गया है।एक बार पुनः नए वेंडर को कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।जल्द ही अंतिम रुप देकर नगरवासियों को रिंग रोड की सौगात भी भेंट की जाएगी।


Conclusion:यूपीए शासनकाल में स्थानीय सांसद सोनिया गांधी द्वारा वर्ष 2013 में रायबरेली को रिंग रोड प्रोजेक्ट की सौगात दी गई थी। अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को महानगरों के बीच चलने वाले भारी वाहनों के ट्रैफिक से निजात दिलाने के मकसद से इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई।मार्च 2014 में ही इस प्रोजेक्ट के फर्स्ट फेज में काम शुरु हो गया था,दो साल के अंदर इसको पूरा करने का दावा किया जा रहा था पर रिंग रोड प्रोजेक्ट का पहला फेज भी अभी तक अधूरा ही पड़ा है। विज़ुअल : संबंधित विज़ुअल, बाइट : राम अभिलाष - अपर जिला अधिकारी प्रशासन, रायबरेली प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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